विल्सन डिजीज का लिवर पर गहरा प्रभाव पड़ता है. (फाइल फोटो)
What is Wilson Disease: हम अगर अपनी लाइफस्टाइल और खानपान से छेड़छाड़ करते हैं तो इससे कई तरह की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है. कई बीमारियां आनुवांशिक हो जाती हैं और यह पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है. ऐसी ही एक बीमारी विल्सन डिजीज. शायद आपने इस बीमारी के बारे में पहली बार सुना होगा लेकिन इसकी आपको जानकारी होना जरूरी है क्योंकि यह रोग हमारे लिवर, मस्तिष्क और दूसरे जरूरी अंगों पर असर डालती है.
मायोक्लीनिक की खबर के अनुसार विल्सन सिंड्रोम डिजीज एक आनुवांशिक बीमारी है. यह शरीर में ताबां जमा होने के कारण होती है. इस डिजीज में मस्तिष्क और लिवर जैसे अंगों में ताबा एकत्रित हो जाता है. यह बीमारी युवा और वृद्ध लोगों को अधिक प्रभावित करती है.
कॉपर यानी तांबा हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक जरूरी होता है. कॉपर हमारी नसों के स्वास्थ्य, हड्डियों को मजबूत करने और स्किन पिग्मेंटेशन के लिए बहुत जरूरी होता है. ताबां हमारे शरीर में जाने वाले भोजन को अवशोषित करने का काम करता है. यही कारण है कि लोग तांबे के बर्तन में पानी पीते हैं. लेकिन यदि ताबां अधिक हो जाए तो यह विल्सन रोग का कारण भी बनता है. लेकिन आपको बता दें कि शरीर में कॉपर की बढ़ी हुई मात्रा के पीछे ताबें में रखा हुआ पानी नहीं होता. यह आनुवांशिकी के कारण होता है.
विल्सन रोग के लक्षण
विल्सन रोग आनुवांशिक रोग है इसलिए इससे पीड़ित लोगों में यह जन्म से होता है. लेकिन बचपन से इसके लक्षण ठीक से दिखाई नहीं देते. इसका नुकसान तब समझ में आता है जब दिमाग और लिवर में तांबा जमा होने लगता है. आइए जानते हैं विल्सन सिंड्रोम के लक्षण के बारे में
– थोड़ी सी मेहनत पर थकान होना,
– भूख की कमी और पेट में दर्द का बने रहना
– त्वचा में पीलापन आना और आंखों का सफेद होना
– आंखों में जलन महसूस होना.
– पैरों या पेट सूजन आना
– बोलने, निगलने या दिक्कत होना
– मांसपेशियों में अकड़न होना
मस्तिष्क में तांबा जमा होने के लक्षण
– जल्दी जल्दी चीजें भूलना
– बोलने में समस्या आना
– दृष्टि में समस्या होना
– सिरदर्द बने रहना
– लार का टपकना
– ठीक से नींद न आना
– बार बार मूड बदलना
– डिप्रेशन
विल्सन रोग की जटलिताएं
– लिवर में घाव होना
– लिवर फेलियर
– लगातार न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें
– किडनी से संबंधित समस्याएं
– मनोवैज्ञानिक समस्याएं
– रक्त की समस्या
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