डायबिटीज की सभी दवा मोटापा को कम नहीं करती है बल्कि बढ़ा ही देती है.
Weight loss diabetes medication: मोटापा आज दुनिया की बहुत बड़ी समस्या है. पिछले 30 सालों में मोटे लोगों की संख्या 3 गुना बढ़ी है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 2016 में ही मोटापा से पीड़ित वयस्कों की संख्या 1.9 अरब पहुंच गई थी. आजकल तो अधिकांश बच्चों का भी वजन बढ़ा हुआ है. 2020 के आंकड़ों के मुताबिक 5 साल से कम उम्र के 3.9 करोड़ बच्चे ज्यादा वजन के शिकार हैं. अगर एक वयस्क का बीएमआई 25 से ज्यादा है तो उसका वजन बढ़ा हुआ है लेकिन अगर बीएमआई 30 से भी ज्यादा हो जाए तो वह मोटापे की बीमारी से पीड़ित हो जाते हैं. मोटापे के कारण डायबिटीज, हार्ट डिजीज, किडनी प्रोबल्म, ब्रेन प्रोब्लम जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है.
इन सब कारणों से हर कोई मोटापे को कम करना चाहता है. वजन कम करने का सबसे आसान तरीका है डाइट और एक्सरसाइज. लेकिन यह इतना आसान नहीं है. इसके अलावा बेरिएट्रिक सर्जरी से भी भी चर्बी को कम किया जा सकता है लेकिन इसमें खर्च बहुत आता है. हाल के दिनों में कुछ अच्छी रिसर्च हुई है जिसमें दावा किया जा रहा है कि डायबिटीज की दवा से वजन को कम किया जा सकता है. इस चक्कर में कई लोग डायबिटीज की गोली लेने लगते हैं. लेकिन डायबिटीज की सभी दवा मोटापा को कम नहीं करती है बल्कि बढ़ा ही देती है. इसलिए डायबिटीज की कौन से दवा खाने से मोटापा कम होता है, यह जानना जरूरी है.
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डायबिटीज की ये दवा वजन को बढ़ाती है
इंडियन एक्सप्रेस की खबर में मैक्स हेल्थकेयर में एंडोक्राइनोलॉजी और डायबेट्स विभाग के चेयरमैन डॉ अंबरीश मित्तल बताते हैं कि डायबिटीज की परंपरागत दवाइयां जैसे कि Sulphonylureas, Thiazolidinediones और insulin वजन को घटाने के बजाय बढ़ा ही देती हैं. डायबिटीज की एक अन्य दवा ग्लिपटीन्स Gliptins (DPP4i) वजन को सामान्य रखती है. डॉ मित्तल ने बताया कि मेटफॉरमिन एक मात्र परंपरागत दवा है जो मोटापे को थोड़ा बहुत कम करती है लेकिन इसका असर भी बहुत कम होता है. तो फिर कौन सी डायबिटीज की दवा वजन को कम करती है.
कौन सी दवा मोटापे को कम करती है
डॉ मित्तल ने बताया कि अच्छी बात यह है कि पिछले 10 सालों के दौरान डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए कई ऐसी दवाइयां आई है जो बहुत असरदार है. जैसे एसजीएलटी2 (SGLT2) और जीएलपी1 रिसेप्टर (GLP1 receptor) ग्रुप की दवाइयां. एसजीएलटी 2 मुंह से खानी वाली दवाई है. यह अपने देश में Dapagliflozin, Empagliflozin, Canagliflozin, Remogliflozin नाम से मिलती है. ये दवाइयां ग्लूकोज को यूरिन के माध्यम से बाहर निकाल देती है. इससे लो ब्लड शुगर का रिएक्शन नहीं होता और वजन को घटाने में मददगार होता है. इसके अलावा दूसरे ग्रुप जीएलपी1 आर ए (GLP1 RA) की दवा ब्लड शुगर को कम कर वजन कम करने के लिए शरीर को उकसाती है. ये दवा हैं- Liraglutide, Dulaglutide और Semaglutide.Liraglutide और Dulaglutide इंजेक्शन के रूप में उललब्ध है. ये दवाइयां पहले दिमाग को संदेश भेजती है. इससे दिमाग में भूख की इच्छा कम हो जाती है और हमेशा पेट भरा हुआ महसूस होता है. इन दवाइयों से पहले ग्रुप वाली दवाइयों की तुलना में ज्यादा वजन कम होता है. इन दवाइयों के साथ दिक्कत यह है कि इन्हें इंजेक्शन के रूप में लेना पड़ता है जो काफी चुनौतीपूर्ण है.
कितना कम होता है वजन
डॉ अंबरीश मित्तल कहते हैं कि इन दवाइयों से 2 से 3 किलो तक वजन कम किया जा सकता है. हालांकि इससे ऐसा नहीं लगता कि दवा ने वजन कम किया है लेकिन इसके अन्य कई फायदे हैं. यह दवा ब्लड शुगर को बेहतर तरीके से नियंत्रित करती है और डायबिटीज के कारण होने वाली जटिलताओं को भी कम करती है. इसके साथ ही यह दवा हार्ट फेल्योर, हार्ट अटैक और किडनी फेल्योर के जोखिम को भी बहुत हद तक कम करती है. यही कारण है कि इन नई दवाओं की लोकप्रियता पूरी दुनिया में बढ़ गई है.
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