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अचानक बुखार आने पर कौन सी दवा लेना सुरक्षित? डॉक्टर से जानें ऐसी कंडीशन में क्या करें

2 या 3 दिन से ज्यादा बुखार आने पर ब्लड टेस्ट कराना चाहिए.

2 या 3 दिन से ज्यादा बुखार आने पर ब्लड टेस्ट कराना चाहिए.

Viral Fever Tablet: मौसम बदलते ही लोग वायरल फीवर (Viral Fever) और मलेरिया (Malaria) जैसी बीमारियों की चपेट में आने लगते ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

अगर आपको 2-3 दिन से ज्यादा बुखार आए तो तुरंत ब्लड टेस्ट कराना चाहिए.
बुखार के दौरान भी लोगों को पानी पीते रहना चाहिए ताकि डिहाइड्रेशन न हो.

Safe Medicine For Fever: इन दिनों मौसम तेजी से बदल रहा है, जिसकी वजह से लोगों को सर्दी, जुकाम और बुखार की समस्या हो रही है. मच्छरों का प्रकोप बढ़ने से मलेरिया के मामलों में भी बढ़ोतरी हो रही है. इस वक्त वायरल फीवर का प्रकोप सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है. लोगों को अचानक तेज बुखार आ जाता है और कई बार कंडीशन गंभीर भी हो जाती है. बुखार की वजह से वीकनेस भी हो जाती है. अब सवाल उठता है कि अचानक अगर किसी को बुखार आ जाए तो कौन सी दवा लेना सुरक्षित है? क्या बिना डॉक्टर की सलाह के दवा ली जा सकती है? ऐसे ही कुछ सवाल हैं, जो लोगों के जेहन में हैं. इन सभी सवालों के जवाब डॉक्टर से जान लेते हैं.

क्यों बढ़ रहा बीमारियों का प्रकोप?
नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल की फिजीशियन डॉ. सोनिया रावत के अनुसार इस वक्त वायरल फीवर, मलेरिया, टाइफाइड और डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं. मलेरिया एक पैरासाइट इंफेक्शन है, जबकि डेंगू वायरस की वजह से होता है. दोनों ही बीमारियां मच्छरों के काटने की वजह से हो जाती हैं. इसके अलावा गंदे पानी और खाने से टाइफाइड की समस्या हो जाती है. वायरल फीवर भी मच्छरों और अन्य कारणों से हो सकता है. इस मौसम में सभी को मच्छरों से बचकर रहना चाहिए और घर व आसपास की सफाई रखनी चाहिए. इसके अलावा एक दूसरे से वायरल फीवर फैल सकता है, ऐसे में बच्चों का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है. कुछ लोगों में वायरल फीवर बिना सिम्टम्स के भी हो सकता है.

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बुखार में कौन सी दवा लेना सुरक्षित?
सोनिया रावत कहती हैं कि अगर अचानक बुखार आ जाए तो ऐसी कंडीशन में पैरासिटामोल टेबलेट ले सकते हैं. कई लोग इसके लिए ब्रूफेन का इस्तेमाल करते हैं लेकिन उससे किडनी पर काफी असर पड़ता है. इसलिए ज्यादा दवाओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. अब सवाल उठता है कि कितनी मात्रा में पैरासिटामोल टेबलेट की डोज लेनी चाहिए. डॉक्टर के मुताबिक टेबलेट 15 मिलीग्राम प्रति किलो वजन के हिसाब से ली जा सकती है. उदाहरण के लिए अगर किसी बच्चे का वजन 20 किलो है, तो उसे 300mg की डोज दी जा सकती है. किसी का वजन 70 किलो है, तो उसे हर 4 से 6 घंटे के अंतराल में 500-500mg की टेबलेट दी जा सकती हैं.

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कब कराना चाहिए ब्लड टेस्ट?
डॉक्टर के मुताबिक अगर आपको 2-3 दिन से ज्यादा बुखार आए तो तुरंत ब्लड टेस्ट कराना चाहिए. ऐसी कंडीशन में मलेरिया, टाइफाइड या डेंगू भी हो सकता है.अगर आप पैरासिटामोल से ठीक हो जाएं और फिर बुखार ना आए तो ब्लड टेस्ट करवाने की जरूरत नहीं है. इस बात का ध्यान रखें कि अगर बुखार 102-103 डिग्री या इससे ज्यादा है तो आपको चिकित्सक से मिलना चाहिए. इसके अलावा लाइट सेंसटिविटी, गले में दिक्कत, सांस लेने में परेशानी, लूज मोशन या अन्य कोई कॉम्प्लिकेशन नजर आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, वरना कंडीशन काफी गंभीर हो सकती है.

बुखार के दौरान पानी पीना बहुत जरूरी
सोनिया रावत के अनुसार बुखार के दौरान भी लोगों को पानी पीते रहना चाहिए ताकि डिहाइड्रेशन से बचा जा सके. डिहाइड्रेशन होने पर आपकी कंडीशन ज्यादा खराब हो सकती है और कॉम्प्लिकेशन की संभावना भी बढ़ जाएगी. इसके अलावा बच्चों को अगर बुखार के दौरान किसी तरह के झटके नजर आएं तो लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. अगर कंडीशन लगातार बिगड़ रही है तो घर पर इलाज करने की गलती नहीं करनी चाहिए. ऐसा करना जानलेवा हो सकता है और बुखार का असर ब्रेन तक पहुंच सकता है.

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