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जानें, कोविड पेशेंट्स को क्‍यों और कब पड़ रही है हाईफ्लो ऑक्सीजन की जरूरत?

हाई क्रीटिकल मरीजों को हाईफ्लो ऑक्सीजन दी जाती है, ताकि उनके शरीर में र्प्‍याप्‍त रूप से ऑक्‍सीजन पहुंचाई जा सके. (फाइल फांटो)

हाई क्रीटिकल मरीजों को हाईफ्लो ऑक्सीजन दी जाती है, ताकि उनके शरीर में र्प्‍याप्‍त रूप से ऑक्‍सीजन पहुंचाई जा सके. (फाइल फांटो)

Highflow Oxygen for Covid 19 patients : हाईफ्लो ऑक्सीजन की खपत आम तरीके से दी जाने वाली ऑक्‍सीजन से ज्‍यादा होती है. हा ...अधिक पढ़ें

नई दिल्‍ली : दिल्ली में कोविड (Covid 19) संक्रमित मरीजों के तेजी से बढ़ते आंकड़ों के चलते अब अस्पतालों में भी हालात बुरे हो चले हैं. खुद दिल्‍ली सरकार (Delhi Govt) का कहना है कि दिल्‍ली के अस्‍पतालों में बामुश्किल 100 से भी कम ICU बेड बचे हैं और ऑक्सीजन की भारी कमी हो चली है, इसके लिए केंद्र से मदद मांगी गई है.

देखने आ रहा है कि अधिकतर मरीजों को हाईफ्लो ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है. सरकार कोशिश में है कि कई सारे अस्पतालों के अंदर हाईफ्लो ऑक्सीजन (Highflow Oxygen) का इंतजाम हो सके और हाईफ्लो ऑक्सीजन के बेड लगाए जा सकें. ऐसे में हाईफ्लो ऑक्सीजन क्या है और इसकी कोविड पेशेंट्स को जरूरत क्यों पड़ रही है, इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है.. आइये जानते हैं..

लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल के एक सीनियर डॉक्‍टर कहते हैं कि आसान शब्‍दों में समझें तो कोविड-19 वायरस मरीज के फेंफड़ों पर अटैक करता है. इससे मरीज के फेंफड़ों की सांस लेने की क्षमता कम हो जाती है और वह र्प्‍याप्‍त रूप से ऑक्‍सीजन नहीं ले पाते. ऐसे में मरीज की कंडीशन क्रिटिकल हो जाती है तो उसकी ऑक्‍सीजन की कमी को पूरा करने के लिए आर्टिफिशियल तरीके से ऑक्‍सीजन देनी पड़ती है. ऐसे हाई क्रीटिकल मरीजों को हाईफ्लो ऑक्सीजन दी जाती है, ताकि उनके शरीर में र्प्‍याप्‍त रूप से ऑक्‍सीजन पहुंचाई जा सके.

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वह कहते हैं कि मरीजों की ऑक्‍सीजन सैचुरेश्‍न 90-95 तक होना ठीक है, लेकिन इसके ज्‍यादा होने पर वाइटल ऑर्गन भी खतरे में आ जाते हैं.

उनका कहना है क‍ि हाईफ्लो ऑक्सीजन की खपत आम तरीके से दी जाने वाली ऑक्‍सीजन से ज्‍यादा होती है. हाईफ्लो ऑक्सीजन में कई गुना अधिक ऑक्सीजन फेफड़े तक पहुंचाई जाती है. मास्क के जरिए फेफड़े में प्रति मिनट 5 से 6 लीटर ही ऑक्सीजन जाती है, लेकिन हाईफ्लो ऑक्सीजन विधि से प्रति मिनट 20 से लेकर 50 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन मरीज को दी जाती है. यही काम वेंटीलेटर भी करता है, लेकिन हाई फ्लो नेजल में यह कार्य आसानी से किया जाता है. हाईफ्लो ऑक्‍सीजन दिए जाने के दौरान मरीज खा-पी सकता है और बोल भी सकता है.

Tags: Corona patient in Delhi, COVID 19, Health News

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