world Aids Day: एचआईवी की जांच के लिए सेल्फ टेस्ट किट आने वाली हैं.
नई दिल्ली. भारत में एड्स (Aids) अभी भी एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में परिवारों में खुलकर बात नहीं की जाती, साथ ही इसकी जांच के लिए अस्पताल या क्लीनिकों में जाने में भी लोग झिझक महसूस करते हैं लेकिन सार्वजनिक मंचों से लेकर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करा रहे संस्थान इस बीमारी को लेकर लगातार लोगों को जागरुक कर रहे हैं. हाल ही में आईसीएमआर-नेशनल एड्स रिसर्च इंस्टीट्यूट (ICMR-National Aids Research Institute) की ओर से महाराष्ट्र में किए गए अध्ययन में सामने आया है कि न केवल महिला और पुरुष, बल्कि युवा, ट्रांसजेंडर और ट्रक ड्राइवर सभी चाहते हैं कि एड्स की सेल्फ टेस्ट किट (Aids Self Test Kit) आए जिसका वो इस्तेमाल कर सकें.
पुणे स्थित आईसीएमआर-नेशनल एड्स रिसर्च इंस्टीट्यूट (नारी) में कार्यरत डॉ. अमृता राव न्यूज 18 हिंदी से बातचीत में बताती हैं कि भारत में अभी लाखों की संख्या में एचआईवी पीड़ित मरीज हैं. हालांकि लोग जागरुक हो रहे हैं एवं HIV इन्फेक्शन/ एड्स अब घट रहा है लेकिन अभी भी कुछ HIV पीड़ित मरीजों को उनकी बीमारी के बारे में नहीं पता है. किसी भी बीमारी को खत्म करने के लिए जरूरी होता है कि ज्यादा से ज्यादा जांचें हों और संक्रमण का पता चले. यही वजह है कि भारत में भी एचआईवी सेल्फ टेस्ट किट (HIV Self Test Kit) की जरूरत महसूस की जा रही है. भारत में सेल्फ टेस्ट किट को लाने के लिए कोशिशें भी की जा रही हैं. ऐसे में संभावना है कि कोविड और प्रेग्नेंसी किट (Pregnancy Test Kit) की तरह अब एचआईवी की सेल्फ टेस्ट किट आ जाए. जिससे घर पर ही HIV इन्फेक्शन (HIV Infection) की जांच की जा सके.
ये तीन देश कर रहे किट का इस्तेमाल
डॉ. अमृता कहती हैं कि एचआईवी की जांच करने वाली सेल्फ टेस्ट किट विश्व के तीन देशों अमेरिका, इंग्लेंड और फ्रांस में कानूनी रूप से अपनाई जा चुकी हैं. जहां तक भारत की बात है तो यहां भी इन किट्स की स्वीकार्यता पर संशोधन चल रहा है. स्वास्थ्य संबंधी किसी भी चीज को लाने से पहले उसकी वैधता और उपलब्धता मापी जाती है और कई अनुमति लेनी होती हैं. HIV सेल्फ टेस्ट दो प्रकार की से किया जा सकता हैं, १) सलायवा आधारित २)ब्लड यानि रक्त आधारित.
किटों से ऐसे होती है एड्स की जांच
एचआईवी सेल्फ टेस्ट किट जो रक्त या खून आधारित है, उसका इस्तेमाल फिंगर प्रिक यानि उंगली से एक बूंद खून की लेकर, किट में डालकर फिर जांच की जाती है. यह खुद ही करना होगा. यह कुछ-कुछ ऐसे है जैसे यहां लोग डायबिटीज की जांच करने के लिए उंगली से ब्लड लेते हैं और फिर शुगर स्तर की जांच करते हैं. कुछ ही देर में इसका परिणाम आ जाता है.
वहीं दूसरी किट सलाइवा पर आधारित है. यानि व्यक्ति के मुंह की लार के माध्यम से एड्स की जांच की जा सकेगी. यह बिल्कुल कोविड टेस्ट किट की तरह है. इसमें मुंह में उपकरण को घुमाकर उसे लिक्विड में डालना होता है.
कोविड और प्रेगनेंसी किट रही हैं काफी फायदेमंद
भारत में आज कोविड, शुगर से लेकर प्रेग्नेंसी की जांच करने की सेल्फ टेस्ट किट आ चुकी हैं. इसी तरह उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही एचआईवी एड्स के लिए भी ओरल सेल्फ टेस्ट किट उपलब्ध होंगी. जहां तक कीमतों की बात है तो प्रेग्नेंसी और कोविड की सभी जांच किट आज भारत में उचित दामों में उपलब्ध हैं. ऐसे में उम्मीद है कि एड्स की टेस्ट किट आएगी तो उसकी कीमत भी आम लोगों की पहुंच में होगी.
ये कहती है स्टडी
डॉ. अमृता कहती हैं कि हाल ही में हुए अध्ययन में यह बात सामने आई हैं कि सभी वर्ग चाहते हैं कि एड्स की जांच के लिए ओरल सेल्फ किट आ जाए. इस संबंध में 41 लोगों के इंटरव्यू और 15 समूहों से बातचीत की गई, जिनमें 21 से 67 साल के ट्रक ड्राइवर, 18 से 24 साल के युवा शामिल हुए. जिसमें ज्यादातर लोगों ने निडल प्रिक (Needle Prick) के डर के चलते कहा कि सलाइवा आधारित टेस्ट किट (Saliva Based Test Kit) ज्यादा बेहतर रहेगा. नारी की ओर से अध्ययन में सामने आया कि यह महामारी घट रही है लेकिन कुछ ऐसे पॉकेट हैं जहां अभी भी एड्स के मरीज मिल रहे हैं. लिहाजा सेल्फ टेस्ट किट काफी फायदेमंद हो सकती है.
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Tags: Aids, HIV, HIV vaccine, HIV vaccine research
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