एड्स शरीर के कई अंगों को डैमेज कर देता है.
AIDS Risk Factors & Preventions: अक्वायर्ड इम्यून डिफिशिएंसी सिंड्रोम (AIDS) को आमतौर पर एड्स के नाम से जाना जाता है. यह एक क्रॉनिक इम्यून सिस्टम डिजीज होती है, जो इंसान को धीरे-धीरे मौत की तरफ ले जाती है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 तक दुनिया में एचआईवी (HIV) से करीब 3.8 करोड़ लोग जूझ रहे थे. पिछले साल विश्व में एड्स की वजह से 6.50 लाख लोगों की मौत हुई थी. इनमें सभी उम्र के लोग शामिल हैं. भारत में हर साल इसके लाखों मामले सामने आते हैं. विश्व एड्स दिवस के मौके पर डॉक्टर से जानेंगे कि यह बीमारी कैसे लोगों को प्रभावित करती है और इससे कैसे बचा जा सकता है.
नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट (मेडिसिन) डॉ. राकेश गुप्ता के मुताबिक सबसे पहले तो यह समझने की जरूरत है कि एचआईवी (HIV) और एड्स (AIDS) में बड़ा अंतर है. एचआईवी एक वायरल इंफेक्शन है, जो ब्लड टू ब्लड लोगों के शरीर में फैल जाता है. एक बार यह इंफेक्शन शरीर में आ जाए तो जिंदगी भर रहता है. कई बार यह लोगों के लिए सालों तक परेशानी का कारण नहीं बनता. जब यह वायरल इंफेक्शन लंग्स, किडनी, लिवर, इम्यून सिस्टम, स्किन समेत विभिन्न अंगों में फैल जाता है और डैमेज करने लगता है, तब इस कंडीशन को एड्स कहते हैं. यह इंफेक्शन इम्यून सिस्टम को फेल कर देता है और शरीर के विभिन्न ऑर्गन को डैमेज करने लगता है.
डॉ. राकेश गुप्ता कहते हैं कि कुछ लोग एचआईवी पॉजिटिव होते हैं, लेकिन उन्हें एड्स नहीं होता. ऐसे लोग बिना किसी कॉम्प्लिकेशन के अपनी जिंदगी गुजार सकते हैं. किसी भी व्यक्ति के शरीर में एचआईवी का कितना इंफेक्शन है, यह वायरल लोड से पता चलता है. अगर सही समय पर एचआईवी का इलाज कराया जाए तो इसे कंट्रोल कर एड्स की कंडीशन से बचा जा सकता है. आज के दौर में कई दवाइयां हैं, जो इस वायरस को काफी हद तक कंट्रोल कर सकती हैं. इस बारे में लोगों को जागरूक होने की भी जरूरत है.
डॉक्टर के अनुसार एचआईवी इंफेक्शन ब्लड टू ब्लड फैलता है. ब्लड ट्रांसफ्यूजन, यूज की गई सिरिंज, अन्य व्यक्ति का ब्लेड, अनप्रोटेक्टेड सेक्स एचआईवी फैलने की सबसे बड़ी वजह होती हैं. होमोसेक्सुअल लोगों को इसका खतरा ज्यादा होता है, क्योंकि ऐसे लोग एक दूसरे के ब्लड के संपर्क में आसानी से आ सकते हैं. आपको मसूड़ों की परेशानी है और खून निकलता है, तो किस (Kiss) करने पर अन्य व्यक्ति एचआईवी संक्रमण का शिकार हो सकता है. किसी भी तरह का ब्लड टू ब्लड कनेक्शन संक्रमण को फैला सकता है. हाथ मिलाने या साथ खाना खाने से एड्स नहीं फैलता है.
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एक्सपर्ट के मुताबिक एड्स किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है. हालांकि इसका सबसे ज्यादा खतरा सेक्सुअली एक्टिव लोगों को होता है. होमोसेक्सुअल लोग भी इसकी चपेट में आसानी से आ सकते हैं. जो लोग ब्लड से संबंधित काम करते हैं, उन्हें भी इसका खतरा ज्यादा होता है. इन दिनों इस बीमारी की चपेट में युवा ज्यादा आ रहे हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि कुछ गलतियों की वजह से बच्चे भी एड्स का शिकार हो जाते हैं. इसलिए इससे बचाव बेहद जरूरी है.
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डॉ. राकेश गुप्ता कहते हैं कि एड्स की जांच के लिए एचआईवी एंटीबॉडी, एलाइजा एचआईवी एंटीबॉडी और वेस्टर्न ब्लॉट टेस्ट किया जाता है. इन टेस्ट में एचआईवी संक्रमण की पुष्टि हो जाती है. जब आप ब्लड डोनेट करते हैं तो उस वक्त भी एचआईवी की जांच की जाती है. अगर ट्रीटमेंट की बात करें तो सबसे पहले डॉक्टर यह देखते हैं कि आपका एचआईवी का वायरल लोड कितना है. अगर यह काफी कम है तो ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं होती. अगर यह बहुत ज्यादा है तो लक्षणों के अनुसार इलाज किया जाता है. वर्तमान समय में बहुत अच्छी दवाइयां हैं जो 99% मामलों में एचआईवी को कंट्रोल कर सकती हैं. अब तक ऐसी कोई दवाई नहीं बनी है जो इस समस्या को जड़ से खत्म कर दे. इसे केवल कंट्रोल किया जा सकता है.
– किसी के ब्लड के संपर्क में आने से बचें
– अनप्रोटेक्टेड यौन संबंध न बनाएं
– यूज्ड इंजेक्शन से दूरी बनानी चाहिए
– किसी भी व्यक्ति का ब्लेड शेयर न करें
– किसी के साथ सिगरेट शेयर न करें
– शक होने पर डॉक्टर से कंसल्ट करें
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