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#HumanStory: उस शख्स की कहानी, जिसके हर रात बनते हैं नए दुश्मन

शानू

शानू

लड़की अपने ब्‍वॉयफ्रेंड के साथ आई है, दारू पी, फ्लोर पर डांस कर रही है. डांस करते हुए किसी से टच भी हो गया तो इस पर वो ...अधिक पढ़ें

    31 दिसंबर की रात थी. क्‍लब में पार्टी चल रही थी. घड़ी में उस वक्‍त लगभग साढ़े ग्‍यारह बज रहे थे कि तभी एक शख्‍स ने कहा कि और ड्रिंक चाहिए. बार में ड्रिंक सर्व करने वाले वेटर ने पहले घड़ी देखी और कहा कि सॉरी सर...अब और ड्रिंक नहीं मिल सकती. टाइम खत्‍म हो चुका है. इसके बाद उस शख्‍स ने धमकी देना शुरू कर दिया और रिवाॅल्‍वर निकाल ली. तुम मुझे ड्रिंक देने से कैसे मना कर सकते हो? इस तरह के हालात किसी बार और क्‍लब में आम बात है.

    शराबी को अगर शराबखाने में शराब ना मिले तो हो- हल्‍ला मचता है लेकिन बात इतनी आगे बढ़ जाती है कि जान लेने और देने पर आ जाती है. फिर बीच बचाव के लिए बाउंसर को बुलाया जाता है. तब सारा फोकस और सारी धमकी बैरे से हटकर उस बाउंसर पर केंद्रित हो जाता है. हर रात बार  के बंद होने से पहले बाउंसर एक दुश्‍मन बनाता है. बार में जो दूसरों के जीवन की खातिर लड़ जाता है, वह दिन की रोशनी में खुद कितना महफूज होता है.आइए जानते  हैं उत्‍तराख्‍ण्‍ड से ताल्‍लुक रखने वाले और दिल्‍ली और गुरुग्राम में बतौर बाउंसर काम करने वाले शानू से, जिन्‍होंने छह साल से ज्‍यादा का वक्‍त इस पेशे में गुजारे.आइए जानते हैं एक बाउंसर की कहानी, उनकी ही जुबानी. 

    मैं पेशे से एक ग्राफिक डिजाइनर था.अपना खुद का काम करता था लेकिन कुछ वक्‍त बाद मुझे इस पेशे में घाटा हुआ और अपना बिजनेस बंद करना पड़ा. इसक बाद मेरे सामने कोई रास्‍ता नहीं बचा था कि मैं क्‍या करूं और कहां जाऊं? पढ़ाई-लिखाई कराने के बाद हर माता-पिता की ख्‍वाहिश होती है कि उनका जवान बेटा कहीं अच्‍छी नौकरी करे और घर की बागडोर अपने हाथ में ले लेकिन मेरे साथ तो इसके बिल्‍कुल अलग हो रहा था. मैं खाली बैठा था. इसलिए मैंने अपने दोस्‍त से कहा कि मुझे कोई काम हो तो बता. मेरे पास कोई जॉब नहीं है. उसने मुझे सलाह दी कि क्‍यों न तुम एक बाउंसर की जॉब कर लो.

    प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर


    मैंने उससे पूछा कि बाउंसर की जॉब कैसे कर सकता हूं तो उसने मुझे बताया कि मेरी बॉडी अच्‍छी है. मैं इस प्रोफेशन में जा सकता हूं. उसके बाद तो मैंने भी हामी भर दी. मुझे कुछ दिनों में गुरुग्राम के एक क्‍लब में बतौर बाउंसर जॉब मिल गई. पहली बार मैं क्‍लब में पहुंचा. इसके पहले मैं कभी यहां नहीं आया था. हालांकि पिछले काफी सालों से मैं दिल्‍ली में रह रहा था लेकिन कभी किसी बार या क्‍लब में नहीं गया था. पहली बार मैं यहां पहुंचा था. यहां का माहौल एक पल को देखता ही रह गया.

    धीमी-धीमी रोशनी में लाउड म्‍यूजिक. ड्रिंक करते लोग. क्‍या लड़का और क्‍या लड़की. हर कोई नशे में धुत डांस फ्लोर पर नाचते रहते हैं. धीरे-धीरे मैंने यहां का माहौल समझने लगा था.यहां लोग छोटी-छोटी बातों पर भड़क जाते थे. ज्‍यादातर पैसों वाले लोग यहां आते हैं. उन पर ड्रिंक के साथ-साथ पैसों का भी नशा सिर चढ़कर बोलता है. बात-बात मैं पैसों की धमकी देते हैं. कपल्‍स में आए लोगों में लड़के लड़की से तो कुछ नहीं कहते लेकिन उसके पार्टनर लड़के को किसी न किसी बात पर छेड़ देते हैं, इसकी वजह से कई बार झगड़ा भड़क जाता है. ऐसे हालात को काबू में करना होता है. कई बार तो वो लड़के आपस का झगड़ा छोड़कर हम पर ही भड़क जाते हैं. हमसे बदतमीजी करते हैं लेकिन फिर भी हमें चुप ही रहना पड़ता है. हम उनसे बदतमीजी नहीं कर सकते.

    कई बार ऐसा भी होता है कि लड़की अपने ब्‍वॉयफ्रेंड के साथ आई है, दारू पी है, फ्लोर पर डांस कर रही है. अगर डांस करते हुए किसी से टच भी हो गया तो इस पर वो भड़क जाती है फिर लड़की तो साइड हो जाती है और लड़के आपस में लड़ाई करने लगते हैं. ऐसे में हमें बीच-बचाव करना होता है, उन्‍हें रोकना होता है. कुछ लोग बड़े जिद्दी होते हैं, वो मानते नहीं तो हम उन्‍हें उठाकर बाहर कर देते हैं. कुछ लोग तो ऐसे होते हैं कि बाउंसर से भी बदतमीजी कर देते हैं.

    शानू


    एक बार तो हद ही हो गई थी. 31 दिसंबर की रात थी. क्‍लब में पार्टी चल रही थी. घड़ी में उस वक्‍त लगभग साढ़े ग्‍यारह बज चुके थे कि तभी एक शख्‍स ने कहा कि और ड्रिंक चाहिए. बार में ड्रिंक करने वाले वेटर ने मना कर दिया. सर अब और ड्रिंक नहीं मिल सकती, क्‍योंकि टाइम खत्‍म हो चुका है. इसके बाद उस शख्‍स ने धमकी देना शुरू कर दिया और रिवाल्‍वर निकाल ली. तुम मुझे ड्रिंक देने से कैसे मना कर सकते हो? तुम जानते नहीं हो मेरी मामी विधायक हैं. उसके बाद उसके साथ आई लड़की कहने लगी कि प्‍लीज इसे ड्रिंक दे दो वरना ये कुछ भी कर सकता है. ये आपका क्‍लब भी बंद करा सकता है. ऐसे स्‍थिति में लोगों को समझाना बड़ा मुश्‍किल होता है.

    इसी तरह कुछ लोग दारू चढ़ने के बाद पेमेंट करने से मना कर देते हैं. हमारा काम होता है उनसे किसी भी तरह पेमेंट कराना होता है. एक सीमा तक क्‍लब के मालिक उनसे पैसे मांगते हैं अगर वो नहीं देते तो फिर हमें ये काम करना होता. हमें कैसे भी करके उनसे पेमेंट लेना होता है. इसकी वजह से कई बार हमारी दुश्‍मनी हो जाती है, क्‍योंकि ये लोग हम पर भड़क जाते हैं. हमें जान से मारने की धमकी देते हैं. ऐसा हमारे साथ हर दिन होता है. हमारे तो हर दिन नए दुश्‍मन बनते हैं लेकिन हम कुछ नहीं कर सकते, क्‍योंकि हमें नौकरी तो करनी है. हमें हर हालात में चुप रहना पड़ता  है लेकिन कभी-कभी दिल करता है कि इनको ढंग से पीट दूं लेकिन कर नहीं सकता, क्‍योंकि नौकरी चली जाएगी. इन सभी हालातों को देखते हुए हाल ही कुछ समय पहले मैंने ये जॉब छोड़ दी है. अब मैं अपनी सिक्‍योरिटी एंजेसी खोली है.

    Tags: Delhi news, Gurugram, Human Stories, Human story, Lifestyle

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