खबरों में यह चर्चित रहा है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी बच्चों के लिए इन्फ्लुएंजा टीकाकरण की सिफारिश कर रहे हैं. इन्फ्लुएंजा या फ्लू और कोविड -19 के लक्षण अतिव्यापी होने के कारण विशेषज्ञों का मानना है कि फ्लू शॉट बच्चों की रक्षा करने और माता-पिता के बीच की घबराहट को दूर करने में मदद करेगा. कई माता-पिता के मन में यह सवाल हो सकता है कि 'इन्फ्लुएंजा या फ्लू क्या है? और किसी को अपने बच्चे को उससे बचाने पर विचार क्यों करना चाहिए?
यहां आपको बीमारी और इसकी रोकथाम के बारे में जानने की जरूरत है-
हमारे बच्चों के लिए बहती नाक और खांसी से निपटना आज हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है. हालांकि, जब बुखार, नाक बंद और अन्य सर्दी जैसे लक्षण बढ़ जाते हैं, तब बच्चे इन्फ्लुएंजा के अधिक खतरनाक क्षेत्र में जा सकते हैं, जिसे फ्लू भी कहा जाता है.
अकेले भारत में एक लाख बच्चे होते हैं संक्रमित
इन्फ्लुएंजा/फ्लू एक अत्यंत संक्रामक वायरल संक्रमण है जो एक बच्चे के वायुमार्ग और फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है और वर्ष के दौरान सामने आने वाली सबसे आम सांस की बीमारियों में से एक है. जॉन हॉपकिंस द्वारा किए गए शोध से पता चलता है कि जहां अधिकांश बच्चे एक सप्ताह के भीतर बेहतर महसूस करते हैं. वहीं, अन्य को अधिक गंभीर संक्रमण हो सकता है, जिसके लिए अस्पताल में देखभाल की आवश्यकता हो सकती है और इससे फेफड़ों में संक्रमण (निमोनिया) हो सकता है जिससे मृत्यु भी हो सकती है. अध्ययनों से पता चलता है कि अकेले भारत में इन्फ्लुएंजा/फ्लू हर साल 5 साल से कम उम्र के लगभग 1 लाख बच्चे अस्पताल में भर्ती होते हैं.
किसको खतरा हो सकता है?
इन्फ्लुएंजा/फ्लू किसी को भी हो सकता है हालांकि, ऐसे व्यक्तियों का विशेष समूह हैं जिन्हें बीमारी होने का अधिक खतरा होता है, जिसमें 6 महीने से लेकर 5 वर्ष की आयु के बच्चे, गर्भवती महिलाएं, 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बुजुर्ग, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और मधुमेह, अस्थमा, कैंसर, इम्यूनोसप्रेशन आदि जैसी बीमारी वाले व्यक्ति शामिल हैं, जिन्हें चिकित्सा की ज्यादा जरूरत होती है.
ट्रांसमिशन/स्प्रेड
वायरस मुख्य रूप से इन्फ्लुएंजा/फ्लू से पीड़ित लोगों के खांसने, छींकने या बात करने पर निकलने वाली बूंदों से फैलता है. इसलिए, संक्रमित व्यक्ति के करीब रहने से संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है. हवा में छोड़ी गई बूंदें लगभग 6 फीट दूर तक फैल सकती हैं और आसपास के अन्य लोगों तक पहुंच सकती हैं. छोटे बच्चों या कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों में लंबे समय तक संक्रमण संचरण का समय हो सकता है इसलिए वे लंबे समय तक दूसरों को संक्रमित करने में सक्षम हो सकते हैं.
निवारण
बीमारी के इलाज के लिए कई एंटीवायरल (एंटी इन्फ्लुएंजा) दवाएं हैं, जिनसे बीमारी को रोकना एक प्रमुख प्राथमिकता होनी चाहिए. सरल और प्रभावी निवारक उपाय करने से संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद मिल सकती है. आप ये उपाय कर सकते हैं-
>> बच्चों को खांसते/छींकते समय मुंह और नाक ढकना सिखाएं.
>> हाथों को अच्छी तरह और नियमित रूप से धोएं जब पानी आसानी से उपलब्ध न हो तो सैनिटाइजर का इस्तेमाल भी प्रभावी साबित हो सकता है.
>> सुरक्षित दूरी बनाए रखें और संक्रमित लोगों के सीधे संपर्क से बचें.
>> विशेष रूप से सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें.
>> वार्षिक इन्फ्लुएंजा टीकाकरण कराएं.
वैश्विक और भारतीय स्वास्थ्य प्राधिकारी, 6 महीने से 5 साल की उम्र के बच्चों के लिए वार्षिक इन्फ्लुएंजा टीकाकरण की सिफारिश करते हैं. यह ज्ञात है कि इन्फ्लुएंजा वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा समय के साथ कम हो जाती है और हर साल यह संचारी वायरस स्ट्रेन बदल जाता है, इसलिए वैक्सीन के रूप में, टीकाकरण हर साल किया जाना चाहिए. प्रतिवर्ष इन्फ्लुएंजा के खिलाफ टीका लगवाने से न केवल आपके बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलती है, बल्कि संक्रमण के आगे संचरण को रोकने में भी मदद मिलती है. इन्फ्लुएंजा रोग के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें और टीकाकरण के माध्यम से इसकी रोकथाम करें.
डिस्क्लेमर- डॉ. एनी बेसेंट रोड, वर्ली, मुंबई 400 030, भारत के ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा जनहित में जारी किया गया. इस सामग्री में दिखाई देने वाली जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है. इस सामग्री में निहित कुछ भी चिकित्सा सलाह नहीं है. चिकित्सा संबंधी यदि कोई प्रश्न या मुद्दा हों तो कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श करें. टीके-रोकथाम योग्य रोगों की पूरी सूची और प्रत्येक बीमारी के लिए पूर्ण टीकाकरण कार्यक्रम के लिए कृपया अपने बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें. रोग के रोकथाम के लिए वैक्सीन की पूरी सूची के लिए कृपया अपने बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें और प्रत्येक बीमारी के लिए पूर्ण टीकाकरण करवाएं कृपया
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यह लेख GSK की ओर से Studio18 टीम द्वारा बनाया गया है.undefined
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FIRST PUBLISHED : June 23, 2021, 11:02 IST