International Dance Day 2021: पिछले साल कोरोना (Corona) महामारी को रोकने के लिए लगाए गए लंबे लॉकडाउन को याद करते हुए डांस थेरेपिस्ट त्रिपुरा कश्यप और उनके एक साथी ने उस समय किए गए अपने कामों को लेकर एक दूसरे से बात की. उन्होंने याद किया कि कैसे वह उस समय परिवार के सदस्यों को घरों के अंदर सीमित रखने की कोशिशें करते थे. उन्होंने एक ऑनलाइन डांस थेरेपी सेशन शुरू किया था जिसमें कोई भी इच्छुक व्यक्ति जुड़ सकता था. यह लोगों के लिए पूरी तरह से मुफ्त था और वीकेंड में MOW नाम से इसका आयोजन किया जाता था. त्रिपुरा कश्यप कहती हैं कि लोग अपने घरों में बंद हो गए थे और ऐसे में उनका हिलना-डुलना बहुत जरूरी था.
महामारी के समय कठिन परिस्थितियों में खुद की देखभाल करना बहुत ही जरूरी होता है. खुद की देखभाल के लिए ही इस सरल कार्यक्रम को शुरू किया गया था. MOW में विशेष जरूरत वाले बच्चों और बुजुर्गों के लिए भी सेशन आयोजित किए गए थे. एक साल बाद फिर से कश्यप और उनकी एक अन्य साथी निशुल्क डांस थेरेपी कार्यक्रम के साथ तैयार हैं. इस बार यह थेरेपी सेशन फ्रंटलाइन वर्कर्स, कोरोना से ठीक होकर घर लौटने वाले, कोरोना पीड़ितों की देखभाल करने वाले और कोरोनोवायरस पीड़ितों के परिवार वालों के लिए है.
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यह डांस थेरेपी चार बैचों में दस सेशन का ऑनलाइन शेड्यूल है जिसमें से पहला 5 अप्रैल को ही शुरू हो गया था. इसका उद्देश्य कोरोना महामारी के दौरान लोगों को मानसिक रूप से राहत देना है. भारत में डांस मूवमेंट थेरेपी (DMT) को क्रिएटिव मूवमेंट थेरेपी भी कहते हैं क्योंकि यह मेंटल हेल्थ को दुरुस्त रखने में मदद करता है. डांस थेरेपिस्ट शरीर में मूवमेंट के जरिए भवानाओं को उजागर करते हैं और यादों को ताजा करते हैं ताकि मन स्वस्थ रह सके. हालांकि इसमें कोई तकनीकी डांस स्टेप शामिल नहीं हैं. थेरेपिस्ट शरीर के बेहतर मूवमेंट के लिए शास्त्रीय और लोक नृत्यों की मदद लेते हैं.
फ्रंटलाइन वर्कर्स और कोविड-19 से ठीक होकर घर लौटने वालों के लिए शुरू किया गया यह नया ऑनलाइन कार्यक्रम क्रिएटिव मूवमेंट थेरेपी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CMTAI) और कैलिफोर्निया, यूएस के प्रोजेक्ट बेयरफुट डांस के संयुक्त सहयोग से चल रहा है. फ्रंटलाइन वर्कर्स और कोरोना से बचे लोगों के लिए शुरू किए गए इस कार्यक्रम का आईडिया सैन फ्रांसिस्को में रह रही एक भारतीय-अमेरिकी छात्र ईशा मेहता ने दिया था.
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त्रिपुरा कश्यप ने कहा कि ईशा अमेरिका में 11वीं कक्षा की छात्रा हैं, जिसने अपने स्कूल प्रोजेक्ट (प्रोजेक्ट बेयरफुट डांस) के लिए डांस थेरेपी को चुना था. वह दो साल पहले त्रिपुरा से दिल्ली में मिली थीं. महामारी के बाद, उसने सुझाव दिया कि फ्रंटलाइन वर्कर्स और कोविड से बचकर घर लौटने वाले लोगों के लिए एक ऑनलाइन डांस थेरेपी सेशेन शुरू किया जया सकता है.undefined
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FIRST PUBLISHED : April 29, 2021, 12:28 IST