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भगवान शिव के 11वें ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम में श्रीराम ने की थी पूजा, पढ़िए रोचक कथा

भगवान शिव का 11वां ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम है.

भगवान शिव का 11वां ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम है.

Jyotirlinga Temples Of India: रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का 11 वां ज्योतिर्लिंग है. श्रीराम ने लंका विजय के पहले ...अधिक पढ़ें

    Rameshwaram Jyotirling: सावन के महीने में ज्योतिर्लिंगों का दर्शन करना और यहां पर पूजा (Worship) अर्चना करना बहुत ही शुभ माना जाता है. हिंदू आस्था है कि सावन में 12 ज्योतिर्लिंगों का नाम से ही पुण्य की प्राप्ति होती है. आज हम आपको भगवान शिव (Lord Shiva)के 11वें ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम (Rameshwaram Jyotirling)की पवित्र कथा बताएंगे. इस ज्योतिर्लिंग का संबंध भगवान राम से है. मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने लंका पर आक्रमण करने से पहले यहां भगवान शिव की पूजा की थी. रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग मंदिर तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है. इस ज्योतिर्लिंग को चार धामों में से एक माना जाता है. सावन के महीने में यहां देश के कोने- कोन से श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं.

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    लंका जाने से पहले श्रीराम ने लिया था शिव का आर्शीवाद
    पौराणिक कथा में इस बात का उल्लेख है कि भगवान राम ने लंका पर विजय हासिल करने से पूर्व समुद्र के किनारे शिवलिंग बनाकर भगवान शिव की पूजा की थी. इस भक्ति से प्रसन्न होकर भोलनाथ ने श्रीराम को विजयश्री का आर्शीवाद दिया था.

    मानव कल्याण के लिए यहां विराजे शिव
    ऐसी मान्यता है कि रामेश्वर में भगवान शिव ज्योतिर्लिंग के रूप में भगवान राम के कहने पर विराजे थे. मान्यता है कि जब भगवान राम ने भगवान शिव से लंका पर विजय का आर्शीवाद प्राप्त किया तो राम ने भगवान शिव से इसी स्थान पर मानव कल्याण के लिए निवास करने का अनुरोध किया. भगवान शिव श्रीराम के इस अनुरोध को टाल न सके और इसी स्थान पर ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित हो गए.

    राम ने बालू से शिवलिंग बनाकर की पूजा
    दूसरी पौराणिक कथा में इस बात का उल्लेख है कि यहां पर भगवान राम ने बालू से शिवलिंग बनाकर भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की थी. कहा जाता है लंका जाने से पूर्व भगवान राम इस स्थान पर जलपान करने लगे तभी आकाशवाणी हुई कि मेरी पूजा किए बिना ही जल पी रहे हो. इसके बाद ही भगवान राम ने बालू से शिवलिंग बनाकर पूजा की. मान्यता है कि रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग में जो भी बच्चा सच्चे मन से आता है भगवान उसकी मनोकामना पूरी करते हैं. सावन मास में इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन बहुत ही शुभ माने जाते हैं. माना जाता है कि यहां पर भगवान शिव की पूजा करने से बड़े से बड़े पाप से भी मुक्ति मिल जाती है.(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

    Tags: Lifestyle, Rameshwaram, Religion, Shiv ji

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