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नवरात्रि पर फेमस है गरबा और डांडिया, जानें दोनों के बीच का सही अंतर

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नवरात्रि के दौरान भव्य दुर्गा पूजा का आयोजन करने के साथ-साथ गरबा और डांडिया खेलने का भी प्रचलन है. खासकर नवरात्रि के नौ दिनों तक गुजरात की गलियों में गरबा और डांडिया डांस काफी आम होता है. हालांकि कई लोगों को गरबा और डांडिया के बीच का फर्क नहीं मालूम होता है और ज्यादातर लोग इन दोनों डांस को सेम मान लेते हैं.

नवरात्रि पर फेमस है गरबा और डांडिया, जानें दोनों के बीच का सही अंतरनवरात्रि के दौरान गरबा व डांडिया खेलना शुभ होता है
Garba and dandiya dance difference: आमतौर पर नवरात्रि का त्योहार देशभर में कई तरीकों से मनाया जाता है. इस दौरान जहां पश्चिम बंगाल में भव्य दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है. वहीं नवरात्रि के समय गुजरात में भी गरबा और डांडिया (Garba and dandiya) खेलने का रिवाज है. इसी के चलते नवरात्रि पर गरबा और डांडिया तो लोग अक्सर खेलते हैं. लेकिन गरबा और डांडिया के बीच का फर्क बहुत कम लोग ही जानते हैं.
जी हां, कई लोग गरबा और डांडिया का नाम सुनकर कन्फ्यूज हो जाते हैं. तो ज्यादातर लोग इन दोनों डांस परफॉर्मेंस को एक समझने की भूल कर देते हैं. मगर आपको जानकर हैरानी होगी कि गरबा और डांडिया एक-दूसरे से बिल्कुल अलग होते हैं. तो आइए हम आपको बताते हैं गरबा और डांडिया के बीच का अंतर क्या है.

गरबा और डांडिया का महत्व
नवरात्रि पर गरबा और डांडिया खेलने का बेहद महत्व है. खासकर गुजरात में गरबा और डांडिया खेलने का प्रचलन सदियों पुराना है. बता दें कि गरबा और डांडिया हमेशा नवरात्रि के पर्व पर दुर्गा माता की प्रतिमा या अखंड ज्योति के सामने ही खेला जाता है.

गरबा और डांडिया का मतलब
गरबा और डांडिया दोनों के मतलब एक-दूसरे से काफी अलग होते हैं. गरबा शब्द गर्भ में शिशु के जीवन से निकला है. गरबा के दौरान लोग गोलचक्र बनाकर डांस करते हुए जीवन चक्र को दर्शाते हैं. वहीं डांडिया डांस मां दुर्गा और महिषासुर के बीच हुए युद्ध का प्रतीक है. जिसके चलते डांडिया में लोग तलवार की जगह रंगीन डंडियों के साथ डांस करते हैं.
गरबा करने के नियम
गरबा डांस फॉर्म को शुरुआती दिनों में सिर्फ महिलाएं ही परफॉर्म किया करती थीं. मगर आज के दौर में स्त्री और पुरुष दोनों मिलकर गरबा खेलते हैं. वहीं अब गरबा सिर्फ गुजरात की सरहदों तक सीमित नहीं है. बल्कि नवरात्रि पर देश की कई जगहों पर गरबा डांस का आयोजन किया जाता है.

डांडिया खेलने की वजह
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के दौरान डांडिया खेलना बेहद शुभ होता है. जिसके चलते नौ दिनों तक हर रोज शाम को माता की आराधना के बाद वहां मौजूद भक्त मां दुर्गा की मूर्ति के सामने डांडिया परफॉर्म करते हैं. खासकर नवरात्रि के दिनों में गुजरात की हर गली में डांडिया का शोर सुनाई देता है.(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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