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स्वाद का सफ़रनामा: लिवर को मजबूत बनाकर दिल हेल्दी रखता है नींबू, वजन घटाने में करता है मदद, पढ़ें रोचक इतिहास

स्वाद का सफ़रनामा (Swad Ka Safarnama).

स्वाद का सफ़रनामा (Swad Ka Safarnama).

Swad Ka Safarnama: विटामिन सी से भरपूर नींबू सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है. शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने वाला नींबू खान ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

नींबू पाचन सिस्टम को भी ठीक रखता है और कब्ज को रोकता है.
आयुर्वेद में नींबू वायुनाशक और त्वचा के लिए लाभकारी बताया गया है.

Swad Ka Safarnama: नींबू के रस (Lemon) के बिना जीवन का रस नीरस हो जाता है. इसीलिए पूरी दुनिया में नींबू की एक अलग ही पहचान है. यह आहार में ऐसा रस पैदा करता है जो शरीर में झनझनाहट भर देता है. कई उपयोग हैं नींबू के. विशेष बात यह है कि शरीर के लिए इसकी विशेष उपयोगिता है. विटामिन सी से भरपूर नींबू दिल को स्वस्थ रखता है और लिवर को मजबूत बनाए रखता है. स्वाद की दुनिया में हजारों वर्षों से अपना सिक्का जमाए हुए है नींबू.

ऐसा फल है जो सब्जी की दुकान पर बिकता है

कभी-कभी सवाल किया जाता है कि नींबू फल है या सब्जी. तो यह स्पष्ट करें कि यह असल में फल ही है और इसकी एक लंबी जैनेटिक कड़ी है. संतरा, माल्टा, कीनू आदि नींबू के परिवार के ही माने जाते हैं. खास बात यह है कि यह ‘पारिवारिक’ फल पकने के बाद मिठास पकड़ लेते हैँ, लेकिन नींबू पकने के बाद अलग ही खटास पैदा करता है और यही खटास इसे अन्य फलों से अलग कर देती है. यह एक ऐसा फल है जो फ्रूट्स शॉप के बजाय सब्जी की दुकान या ठेले पर दिखाई देगा. यह ऐसा विशेष फल भी है जो बारह महीने बिकता और प्रयोग होता दिखाई देगा. यही एक ऐसा फल है जो पाककला (भोजन) में अपने जलवे कायम किए हुए है तो सफाई के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. नींबू की विशेषताओं से भरे पेय पदार्थ और डिटर्जेंट पाउडर और लिक्विड हर जगह बिकते हुए दिख जाएंगे. नॉनवेज आहार ‘लेमन चिकन’ और वेज ‘लेमन राइस’ व ‘नींबू का अचार’ तो पूरी दुनिया में मशहूर है.

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नींबू का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और फंगल रोग से भी बचाए रखता है. Image-Canva

सब्जियों में यह अलग ही तरह की खटास पैदा करता है तो नॉनवेज को स्पेशल डिश बनाने से पहले नींबू से इसलिए मैरिनेट किया जाता है, क्योंकि इसमें पाया गया विशेष एसिड नॉनवेज में मौजूद कोलेजन फाइबर (एक तरह की ठोस मसल्स) को तोड़ने का काम कर देता है, जिससे नॉनवेज जल्दी पकता है और उसमें स्वाद भी भर जाता है. नींबू के बिना कोल्ड ड्रिंक्स और कॉकटेल/मॉकटेल का मजा अधूरा है. इसके स्लाइज़ किसी भी डिश की सुंदरता व स्वाद को बढ़ाते हैं. कहते हैं कि इन्हीं विशेषताओं के चलते पुराने समय में नींबू दुर्लभ फल हुआ करता था और राज-दरबारों में एक दूसरे को भेंट किया जाता था.

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उत्पत्ति केंद्र इंडो-बर्मा, प्राचीन आयुर्वेद ग्रंथों में वर्णन

नींबू की उत्पत्ति को लेकर खोजबीन की गई तो शुरुआती दौर में इसको लेकर कई अगर-मगर उभरे लेकिन बाद में यह कन्फर्म हो गया कि यह दक्षिण एशियाई फल है और इसका पौधा सबसे पहले भारत के आसाम क्षेत्र और बर्मा (म्यामार) के बाद चीन तक पहुंच गया. ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए में वनस्पति विज्ञान और प्लांट पैथोलॉजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर (सीनियर रिसर्च) सुषमा नैथानी ने अपनी खोजबीन में नींबू का उत्पत्ति केंद्र इंडो-बर्मा उपकेंद्र माना है. इनमें वर्तमान भारत का असम व म्यामार देश शामिल है. कुछ फूड हिस्टोरियन यह भी मानते हैं कि नींबू की उत्पत्ति का केंद्र मलेशया भी है.

भारत में करीब 2700 वर्ष पूर्व लिखे गए आयुर्वेदिक ग्रंथ ‘चरकसंहिता’ में नींबू व उस जैसे अन्य फलों की जानकारी मिलती है. इसे वायुनाशक व त्वचा के लिए लाभकारी बताया गया है. विशेष बात यह है कि नींबू का अन्य प्रयोग यह भी है कि इसे टोने-टोटके के रूप में भी काम में लिया जाता है. यह परंपरा सालों पुरानी है और आज भी कायम है. दुकानों या घरों के बाहर शनिवार को धागे में बंधे नींबू व हरी मिर्च को आज भी टांगा हुआ देखा जा सकता है. माना जाता है कि अपने मूल स्थान से निकलकर नींबू सबसे पहले फारस क्षेत्र में पहुंचा, वहां से अरब देशों में होता हुआ इसका सफर पश्चिमी देशों तक हुआ.

वजन में भी सुधार कर सकता है नींबू

नींबू के पोषक तत्वों की बात करें तो अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) के अनुसार बिना छिलके वाले एक सामान्य वाजन वाले नींबू में कैलोरी 17, प्रोटीन 0.6 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट 5.4 ग्राम, विटामिन सी 30.7 मिलीग्राम, सोडियम 1 मिलीग्राम, फाइबर 1.6 ग्राम, पोटेशियम: 80 मिलीग्राम तक होता है. इसका स्वाद जीभ में सनसनाहट पैदा कर देता है तो शरीर को स्वस्थ्य बनाए रखने में अपना रोल निभाता है. जानी मानी डायटिशियन डॉ, अनीता लांबा के अनुसार नींबू विटामिन सी के प्रभावी स्रोतों में से एक है. रिसर्च में पाया गया है कि विटामिन सी से भरपूर सब्जी व फल हृदय को कोरोनरी (धमनियों में फैट का जमाव) रोग से बचाते हैं. चूंकि नींबू से डायरेक्ट और अधिक विटामिन सी प्राप्त होता है, इसलिए यह हृदय के फंक्शन को दुरुस्त बनाए रखता है. यह लिवर का सिस्टम भी मजबूत बनाए रखता है. इसमें एंटिऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो लिवर के स्वास्थ्य को बढ़ा सकते हैं.

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नींबू ज्यादा सेवन से यह दांत खट्टे कर देता है और इनेमल को भी नुकसान पहुंचाता है. Image-Canva

एक रिसर्च ने बताया है कि शराब से कमजोर हो रहे लिवर को नींबू ठीक करने की क्षमता रखता है. नींबू में मौजूद पॉलीफेनोल्स (विशेष एंटिऑक्सीडेंट योगिक, जो आहार, वजन में सुधार करता है) मोटापे को कम करने में मदद करते हैं. ये यौगिक शरीर में वसा का क्षरण करते रहते हैं, जिससे वजन नहीं बढ़ पाता है.

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अधिक सेवन दांत-दिमाग को ‘खट्टा’ कर सकता है

डॉ. लांबा के अनुसार नींबू में सीट्रिक एसिड की पर्याप्त मात्रा होती है, जो किडनी में पथरी बनने से रोकती है. अगर किडनी बन भी रही है तो यह एसिड उसे तोड़कर यूरिन के माध्यम से बाहर निकाल देने की क्षमता रखता है. यह पाचन सिस्टम को भी ठीक रखता है और कब्ज को रोकता है. सुबह गुनगुने पानी में नींबू का रस डालकर पीने से डायजेशन तो ठीक रहेगा, साथ ही मोटापा भी कंट्रोल में रहेगा. इसका सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और फंगल रोग से भी बचाए रखता है. इसके रस में एंटिसेप्टिक गुण भी होते हैं, जो मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म कर सकते हैं. नींबू के रस का सामान्य तौर पर यूज करना चाहिए, वरना यह शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है. ज्यादा सेवन से यह दांत खट्टे तो कर ही देगा, दांतों के इनेमल को भी नुकसान पहुंचाएगा. इसका अधिक सेवन दिमाग पर भी असर डालता है. दिमाग हलचल करने लगेगा और गुस्सा आने लगेगा. अगर माइग्रेन से परेशान है तो नींबू से बचें. यह उसे ट्रिगर कर देगा.

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