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स्वाद का सफ़रनामा: दिल के लिए बेहद गुणकारी है लोकाट, कोलेस्ट्रॉल करता है कंट्रोल, चीन से जुड़ा है इतिहास

स्वाद का सफ़रनामा (Swad Ka Safarnama).

स्वाद का सफ़रनामा (Swad Ka Safarnama).

Swad Ka Safarnama: खुबानी जैसा नजर आने वाला लोकाट फल गुणों के मामले में किसी से कमतर नहीं है. दिल के लिए लोकाफ को बेहद ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

लोकाट का सेवन मेमोरी को स्ट्रांग बनाता है.
लोकाट कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करता है.
लोकाट की उत्पत्ति चीन में होना मानी जाती है.

Swad Ka Safarnama: फलों में लोकाट एक बेहतरीन फल है. खुबानी जैसा दिखने वाला यह फल गुणों में भरपूर है. लोकाट को दिल के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है. इस फल की एक विशेषता यह भी है कि यह कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल करता है. यह फल भारतीय नहीं है. इसकी उत्पत्ति चीन में हुई है और माना जाता है कि भारत में इसका आगमन जापान से हुआ है. दुनिया में हजारों वर्षों से अपनी खासियतों के चलते इसका नाम चल रहा है. इस फल से कई प्रकार की डिशेज भी तैयार की जा सकती हैं.

कई प्रकार के व्यजंन में मददगार है यह फल

लोकाट (Loquats) का स्वाद मीठा, अम्लीय और हल्का माना जाता है. इसे गुलाब परिवार का माना जाता है और यह आड़ू, खुबानी और प्लम जैसे फलों के समकक्ष है और गलने (खराब) में इन जैसा ही. लेकिन बाजार में इसकी कीमत इन फलों से अधिक होती है. देखने में बेहद आकर्षक और पीले रंग के लोकाट के बीज अपेक्षाकृत बड़े होते हैं. फल के तौर पर तो यह सीधे तौर पर खाया ही जाता है, इसके कई स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाए जा सकते हैं. इसकी बढ़िया चटनी भी बनती है और सालसा भी तैयार किया जा सकता है. नॉनवेज के कुछ व्यंजनों में भी इसे डाला जाता है, ताकि मीट अच्छी तरह गल जाए.

दुनिया के 20 से ज्यादा देशों में लोकाट को उगाया जाता है. Image-Canva

दुनिया के 20 से ज्यादा देशों में लोकाट को उगाया जाता है. Image-Canva

इसका आइसक्रीम में तो प्रयोग होता ही है, कुछ देशों में इसकी वाइन भी तैयार की जाती है. जैसे ही गर्मी शुरू होती है, यह पेड़ों पर आने लगता है और तीन माह में ही निपट जाता है. वर्तमान में यह चीन, जापान, भारत, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, इज़राइल, इटली, स्पेन, तुर्की और अमेरिका सहित 20 से अधिक देशों में खूब उगाया जाता है. इसे जापानी प्लम भी का जाता है.

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चीन में पैदा हुआ, जापान से होते हुए भारत आया

फूड हिस्टोरियन कन्फर्म करते हें कि लोकाट की उत्पत्ति सबसे पहले चीन में हुई है. करीब 2 हजार वर्ष पूर्व यह वहां उगा था. इसके बाद यह जापान होते हुए पूरी दुनिया में फैला. विश्वकोश ब्रिटेनिका (Britannica) ने भी लोकाट का मूल निवास चीन माना है और कहा है कि उसके बाद यह जापान पहुंचा. दुनिया में जहां भी लोकाट की बेहतरीन किस्में उगाई जातीं हैं, वह जापान से ही वहां तक पहुंची हैं. विश्वकोश के अनुसार लोकाट फाइबर, विटामिन ए और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा) के कृषि विज्ञानी प्रो़ रंजीत सिंह व प्रो़ एसके सक्सेना द्वारा लिखित पुस्तक ‘Fruits’ बताया गया है कि लोकाट जापान से भारत आया है, जहां इसकी खेती का काफी विकास हुआ है. भारत में इसकी सभी किस्में जापानी मूल की हैं. हालांकि यह माना जाता है कि वास्तव में इसकी उत्पत्ति चीन में हुई थी, जहां से यह जापान पहुंचा.

फूड हिस्टोरियन यह भी कहते हैं कि लोकाट को 1690 में पश्चिम में लाया गया और जल्द ही यह मध्य पूर्व, भारत, स्पेन, दक्षिण अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका और मैक्सिको सहित दुनिया भर में गर्म जलवायु वाले क्षेत्रों में उगने लगा. भारत में लोकाट के पहुंचने की कहानी यह है कि जब ब्रिटिशों ने भारत का इतिहास लिखा तो उन्होंने जानकारी दी कि यहां पर लोकाट पहुंच चुका था. आज भारत में लोकाट की करीब 14 किस्मों की खेती की जाती है.

दिल को इसलिए नॉर्मल रखता है यह पीला फल

पोषक तत्वों की बात करें तो अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) के अनुसार 100 ग्राम लोकाट में कैलोरी 47, कार्बोहाइड्रेट 44 ग्राम, फाइबर 1.7 ग्राम, विटामिन सी 1 ग्राम, विटामिन B6 एक ग्राम, फोलेट 14 मिलीग्राम, कैल्शियम 16 मिलीग्राम, मैग्नीशियम 13 मिलीग्राम, फास्फोरस 27 मिलीग्राम, पोटेशियम 266 मिलीग्राम व अन्य तत्व पाए जाते हैं. लोकाट को दिल के लिए बेहद प्रभावी माना जाता है और यह कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल करता है.

Loquats

लोकाट में पेक्टिन होता है जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है. Image-canva

फूड एक्सपर्ट व न्यूट्रिशियन कंसलटेंट नीलांजना सिंह के अनुसार लोकाट में पोटेशियम पाया जाता है. यह रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) पर तनाव (Stress) कम करता है. यही पोटेशियम ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करता है. यह सभी कारक दिल के फंक्शन को सुचारू बनाए रखते हैं. इसमें मौजूद मैग्नीशियम भी ब्लडप्रेशर नॉर्मल रखता है. लोकाट में पेक्टिन होता है. यह प्रकार का फाइबर है जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है. इसमें एंटीऑक्सिडेंट गुण भी मौजूद हैं, जो दिल के जोखिम को कम देते हैं.

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नर्वस सिस्टम भी नॉर्मल बनाए रखता है

इस फल में सूजनरोधी गुण भी पाए जाते हैं. ऐसी भी जानकारी है कि इसका सेवन मेमोरी को स्ट्रांग करता है और नर्वस सिस्टम को सामान्य बनाए रखता है. उसका कारण यह है कि इसका कलर व बनावट मन को भाती है और यह और फलों की अपेक्षा अलग स्वाद रखता है. लोकाट में हजम हो जाने वाला फाइबर पाया जाता है. यह फाइबर आंतों को स्मूद रखता है, जिससे पाचन सिस्टम ठीक रहता है और पेट संबंधी रोग दूर रखने में मदद मिलती है. सामान्य मात्रा में लोकाट खाया जाए तो इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है. वैसे भी इसका स्वाद ऐसा होता है कि इसे अधिक खाया नहीं जा सकता है. फिर भी ज्यादा खा लिया तो यह मुंह को बकबका कर देगा. मितली की भी आशंका बन सकती है.

Tags: Food, Lifestyle

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