Nirjala Ekadashi 2019, निर्जला एकादशी २०१९ आज, यहां जानें सटीक पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Nirjala Ekadashi 2019, निर्जला एकादशी आज
Nirjala Ekadashi 2019, निर्जला एकादशी २०१९: हर साल ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को भक्त निर्जला एकादशी या भीम एकादशी का उपवास रखते हैं. इस दिन भक्त पूरे दिन भूखे प्यासे रहकर व्रत करते हैं. यही कारण है कि इस व्रत को निर्जला एकादशी कहा जाता है...
- News18Hindi
- Last Updated: June 13, 2019, 9:29 AM IST
Nirjala Ekadashi 2019, निर्जला एकादशी २०१९: आज 13 जून बुधवार के दिन निर्जला एकादशी मनाई जा रही है. हर साल कई एकादशी तिथियां आती हैं लेकिन ये सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. इसे भीम एकादशी (Bheem Ekadashi) भी कहा जाता है. इस दिन भक्त पूरे दिन बिना खुच खाए पिए निर्जल रहकर व्रत करते हैं. आइए जानते हैं निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त.
निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) कब पड़ती है?
हिंदू पंचांग के मुताबिक़, हर साल ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को भक्त निर्जला एकादशी या भीम एकादशी का उपवास रखते हैं. इस दिन भक्त पूरे दिन भूखे प्यासे रहकर व्रत करते हैं. यही कारण है कि इस व्रत को निर्जला एकादशी कहा जाता है.
अपने घर में रखें ये चीजें, बरसेगा पैसा, कभी नहीं होगा दुख!निर्जला एकादशी का शुभ समय:
12 जून की शाम 06 बजकर 27 मिनट पर निर्जला एकादशी की शुरुआत हो चुकी है.
13 जून शाम 04 बजकर 49 मिनट पर निर्जला एकादशी की समाप्ति हो जाएगी.
निर्जला एकादशी की पूजा-विधि: निर्जला एकादशी व्रत की तैयारी एक दिन पहले यानी कि दशमी के दिन से ही करनी शुरू कर दें. इसके लिए दशमी को रात में खाना खाने के बाद अच्छे से दातून से दांतों को साफ़ कर लें ताकि मुंह जूठा न रहे. इसके बाद आहार ग्रहण न करें और खुद पर संयम रखें. साथी के साथ शारीरिक संबंध से परहेज करें. निर्जला एकादशी के दिन सुबह उठकर नित्यकर्म करने के बाद. नए कपड़े पहनकर पूजाघर में जाएं और भगवान के सामने व्रत करने का संकल्प मन ही मन दोहरायें. इसके बाद भगवान विष्णु की आराधना करें और पंडित जी से व्रत की कथा सुनें. ऐसा करने से आपके समस्त रोग, दोष और पापों का नाश होगा. इस दिन मन की सात्विकता का ख़ास ख्याल रखें.
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निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) कब पड़ती है?
हिंदू पंचांग के मुताबिक़, हर साल ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को भक्त निर्जला एकादशी या भीम एकादशी का उपवास रखते हैं. इस दिन भक्त पूरे दिन भूखे प्यासे रहकर व्रत करते हैं. यही कारण है कि इस व्रत को निर्जला एकादशी कहा जाता है.
अपने घर में रखें ये चीजें, बरसेगा पैसा, कभी नहीं होगा दुख!निर्जला एकादशी का शुभ समय:
12 जून की शाम 06 बजकर 27 मिनट पर निर्जला एकादशी की शुरुआत हो चुकी है.
13 जून शाम 04 बजकर 49 मिनट पर निर्जला एकादशी की समाप्ति हो जाएगी.
निर्जला एकादशी की पूजा-विधि: निर्जला एकादशी व्रत की तैयारी एक दिन पहले यानी कि दशमी के दिन से ही करनी शुरू कर दें. इसके लिए दशमी को रात में खाना खाने के बाद अच्छे से दातून से दांतों को साफ़ कर लें ताकि मुंह जूठा न रहे. इसके बाद आहार ग्रहण न करें और खुद पर संयम रखें. साथी के साथ शारीरिक संबंध से परहेज करें. निर्जला एकादशी के दिन सुबह उठकर नित्यकर्म करने के बाद. नए कपड़े पहनकर पूजाघर में जाएं और भगवान के सामने व्रत करने का संकल्प मन ही मन दोहरायें. इसके बाद भगवान विष्णु की आराधना करें और पंडित जी से व्रत की कथा सुनें. ऐसा करने से आपके समस्त रोग, दोष और पापों का नाश होगा. इस दिन मन की सात्विकता का ख़ास ख्याल रखें.
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