कोरोना मरीजों को गंध की समस्या 'पैरोस्मिया' से लंबे समय तक जूझना पड़ रहा है. (फोटो- Shutterstock)
लंदन. आम तौर पर माना जाता है कि COVID के कारण पहला लक्षण मरीज (Corona Patients) में स्वाद और गंध की समस्या आ जाती है. कुछ लोगों में रोग के ठीक होते ही या कुछ दिनों में स्वाद और गंध की समस्या दूर हो जाती है, लेकिन कुछ मरीजों में महीनों बाद भी ये समस्या जस की तस बनी रहती है. ब्रिटेन में इसी समस्या पैरोस्मिया (Parosmia) पर अध्ययन हुआ है. यूके में यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया (यूईए) द्वारा किए गए एक नए अध्ययन के अनुसार, लंबे समय तक रहने वाले कोविड के सबसे प्रचलित लक्षणों में से एक गंध की कमी है. यूईए के नॉर्विच मेडिकल स्कूल के प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर कार्ल फिल्पोट ने कहा, “लॉन्ग कोविड एक जटिल स्थिति है, जो कोविड होने के दौरान या बाद में विकसित होती है, और इसे तब वर्गीकृत किया जाता है जब लक्षण 12 सप्ताह से अधिक समय तक जारी रहते हैं.”
नए अध्ययन के अनुसार कोविड के लगभग एक तिहाई रोगी लंबे समय से सूंघने की क्षमता खो चुके हैं, जबकि हर पांचवां स्वाद खोने का अनुभव कर रहा है. शोध दल ने लंबे समय तक कोविड की व्यापकता और विशेष रूप से कान, नाक और गले से संबंधित लक्षणों जैसे कि सूंघने में कमी और पैरोस्मिया की जांच की. प्रोफेसर कार्ल फिल्पोट ने कहा कि कोरोना के बाद जहां कुछ लोग अजीब और अक्सर अप्रिय गंध विकृतियों का अनुभव करते हैं. वहीं, लक्षणों में सिरदर्द, मांसपेशी में दर्द, थकान, स्वाद और गंध की हानि शामिल हैं. ब्रेन फॉग और मेमोरी लॉस के साथ प्रारंभिक संक्रमण के बाद पैरोस्मिया महीनों तक बना रह सकता है.
रिसर्च में लाख 60 हजार से अधिक लोगों की जानकारी का विश्लेषण
प्रोफेसर कार्ल फिल्पोट ने कहा कि हम लंबे समय तक कोविड के प्रसार और विशेष रूप से कान, नाक और गले से संबंधित लक्षणों जैसे सूंघने की क्षमता में कमी और पैरोस्मिया के बारे में और जानना चाहते थे.” टीम ने यूके कोरोनावायरस संक्रमण सर्वेक्षण के परिणामों को देखा और मार्च 2022 में 3लाख 60 हजार से अधिक लोगों की जानकारी का विश्लेषण किया. कुल 10,431 प्रतिभागियों को लॉन्ग कोविड से पीड़ित के रूप में पहचाना गया, और उनसे 23 व्यक्तिगत लक्षणों की उपस्थिति और इसके प्रभाव के बारे में पूछा गया. उनकी दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों पर स्थिति, स्व-रिपोर्ट किए गए लंबे कोविड को पहले संदिग्ध कोरोना वायरस संक्रमण के बाद चार सप्ताह से अधिक समय तक बने रहने वाले लक्षणों के रूप में परिभाषित किया गया था.
इंटरनेशनल फोरम ऑफ एलर्जी एंड राइनोलॉजी’ में प्रकाशित हुआ शोध
फिल्पोट ने कहा कि हमने पाया लगभग 3 प्रतिशत मरीजों ने लंबे समय तक कोविड होने की पहचान की. अगर हम इसे ब्रिटेन की आबादी को प्रतिबिंबित करने के लिए मापते हैं, तो यह लगभग 18 लाख लोगों के बराबर होगा. इनमें थकान सबसे आम लक्षण था, जबकि ईएनटी से संबंधित लक्षणों में गंध और स्वाद की कमी, चक्कर आना, सांस की तकलीफ, घरघराहट और गले में खराश आदि लक्षण भी शामिल थे. शोधकर्ताओं ने कहा कि लगभग एक तिहाई लंबे समय से खुद को रिपोर्ट करने वाले कोविड मरीज लगातार सूंघने की क्षमता खो रहे थे, और लगभग पांचवां अभी भी स्वाद के नुकसान का सामना कर रहा था. ‘इंटरनेशनल फोरम ऑफ एलर्जी एंड राइनोलॉजी’ में प्रकाशित शोध का नेतृत्व यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया ने चैरिटी ‘फिफ्थ सेंस’ के सहयोग से किया था, जो गंध और स्वाद विकारों से पीड़ित लोगों का प्रतिनिधित्व करता है.
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