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पैरेंट्स टीचर मीटिंग में इन बातों का रखें खास ख्याल, बच्चों को नेगेटिविटी से बचाने के लिए न करें ये गलतियां

पैरेंट्स टीचर मीटिंग में बच्चों की बहुत ज्यादा तारीफ न करें. Image/Canva

पैरेंट्स टीचर मीटिंग में बच्चों की बहुत ज्यादा तारीफ न करें. Image/Canva

पैरेंट्स टीचर मीटिंग लगभग हर स्कूल में होती है. बेशक माता-पिता और शिक्षकों की यह मीटिंग बच्चों की पर्सनालिटी डेवलेपमेंट ...अधिक पढ़ें

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हाइलाइट्स

पैरेंट्स टीचर मीटिंग में बच्चों की कमियां गिनाने की गलती न करें.
बच्चों को टीचर के सामने डांटने या मारने की बजाय घर ले जाकर समझाएं.

Tips for parent-teacher meeting: आमतौर पर बच्चों की बेहतर ग्रोथ में पैरेंट्स के बाद सबसे बड़ा योगदान टीचर्स का होता है. जहां पैरेंट्स घर पर बच्चों को गाइड करने का काम करते हैं तो वहीं स्कूल में टीचर्स भी बच्चों का व्यक्तित्व निखारने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. हालांकि, माता-पिता और टीचर्स की मुलाकात अक्सर पैरेंट्स टीचर मीटिंग (Parent-teacher meeting) में ही होती है. ऐसे में पैरेंट्स टीचर मीटिंग के दौरान कुछ बातों का खास ख्याल रखकर आप बच्चों को नेगेटिविटी से दूर रख सकते हैं.

पैरेंट्स टीचर मीटिंग में अमूमन बच्चों के माता-पिता या गार्जियन स्कूल के टीचर्स से बच्चों की प्रोग्रेस डिसकस करते हैं. ऐसे में बच्चों की गलतियों और खामियों को सुनकर जाने-अनजाने पैरेंट्स या टीचर्स कुछ कॉमन मिस्टेक्स कर बैठते हैं, जिसका बच्चों के ऊपर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. हालांकि, अगर आप चाहें तो कुछ तरीकों की मदद से बच्चों को नेगेटिविटी से बचाया जा सकता है. आइए जानते हैं पैरेंट्स टीचर्स मीटिंग के कुछ खास टिप्स.

बच्चों को न लगाएं फटकार
कई बार टीचर के मुंह से बच्चों की शैतानियां सुनकर पैरेंट्स को गुस्सा आ जाता है और ज्यादातर पैरेंट्स सबके सामने ही बच्चों को डांटना-फटकारना शुरू कर देते हैं. हालांकि, इससे बच्चों के हर्ट होने की संभावना रहती है. साथ ही बच्चे आप पर विश्वास करना बंद कर देते हैं, इसलिए बच्चों को टीचर के सामने डांटने से बचें.

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तारीफ से करें परहेज
कुछ बच्चे पढ़ाई से लेकर बड़ों का आदर करने तक में काफी होनहार होते हैं. ऐसे में माता-पिता अक्सर पैरेंट्स टीचर मीटिंग में बच्चों की जमकर तारीफ करते हैं, मगर इससे बच्चे ओवर कॉन्फीडेंट होकर न सिर्फ शैतानी करना शुरू कर सकते हैं, बल्कि बड़ों की रिस्पेक्ट को भी अवॉयड करने लग जाते हैं.

खामियां गिनाने से बचें
पैरेंट्स टीचर मीटिंग में ज्यादातर माता-पिता बच्चों की छोटी से छोटी गलत हरकतों को भी टीचर से शेयर करने में नहीं हिचकिचाते हैं. ऐसे में सिर्फ कमियां सुनने से बच्चों का कॉन्फीडेंट कम होने लगता है. साथ ही टीचर भी क्लास में बार-बार पैरेंट्स द्वारा बताई गई कमियों को दोहराकर बच्चों को डिमोटिवेट कर देते हैं, इसलिए मीटिंग में टीचर से बच्चों की हर गलती को साझा न करें.

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बच्चों पर न उठाएं हाथ
मीटिंग में बच्चों के कम मार्क्स या अधिक शैतानियां सुनकर कुछ पेरेंट्स अपना आपा खो देते हैं और वहीं बच्चों को पीटना शुरू कर देते हैं. मगर आपकी इस हरकत से बच्चा न चाहते हुए भी नेगेटिविटी का शिकार हो सकता है. बच्चों को स्कूल में डांटने या मारने के बजाए घर ले जाकर उन्हें प्यार से समझाना बेहतर रहता है.

डिमोटिवेट करने से बचें
पैरेंट्स टीचर मीटिंग में बच्चों की कमियां सुनने के बाद कुछ माता-पिता बच्चों को डिमोटिवेट करने लग जाते हैं. ऐसे में पैरेंट्स अक्सर बच्चों को फेल होने या जिंदगी में कुछ न कर पाने जैसी कड़वी बातें भी सुना देते हैं, मगर आपके इन शब्दों से न सिर्फ बच्चा निराश हो सकता है बल्कि उसका कॉन्फीडेंस भी कम होने लगता है. बच्चों के फेलियर पर उन्हें आगे बढ़ने और कोशिश करने के लिए मोटिवेट करना बेहतर रहता है.(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

Tags: Child Care, Lifestyle, Parenting, Parenting tips

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