बच्चों के साथ मारपीट करने से बेहतर होगा कि आप उनसे बैठकर बात करें. Image : canva
Parenting Tips: कई पैरेंट्स की ये समस्या होती है कि उनके बच्चे बात नहीं मानते और अपनी बातों को मनवाने के लिए जिद करने लगते हैं. मुश्किल तब आती है, जब आप कहीं बाहर जाते हैं और बच्चे मनमर्जी की करने के लिए परेशान करने लगते हैं. यही नहीं, कई बच्चे तो बाजार जाते ही खिलौने खरीदने, कुछ खाने पीने की चीज लेने या अपने पसंद की जगह पर जाने के लिए दोस्तों या रिश्तेदारों के सामने ही जिद करने लगते हैं.
ऐसे में बच्चों में कमी निकालने या उन्हें इसकी सजा देने से बेहतर होगा कि आप अपने परवरिश के तरीकों पर एक बार ध्यान दें. दरअसल, कई बार हम उनकी आदतों को खुद ही बिगाड़ देते हैं और बाद में बिगड़ी आदत को सुधारने में परेशानी आ जाती है. ऐसे में बच्चों के साथ मारपीट करने से बेहतर होगा कि आप उन्हें समझाएं और अपने पैरेंट्स स्टाइल में बदलाव लाएं.
जिद्दी बच्चों की इस तरह करें पैरेंटिंग
सही-गलत में फर्क बताएं
सबसे पहले बच्चों को सही और गलत में फर्क करना सिखाएं. उन्हें समझाएं कि अगर वे गलत काम में हिस्सा लेंगे तो सजा मिल सकती है और अगर वे सही काम करेंगे तो उन्हें बड़ाई मिलेगी. इसके लिए आप डाटने की बजाय उन्हें कभी प्यार से समझाएं और सुधरने के लिए डेड लाइन तय कर दें.
विकल्प दें
अगर बच्चा आपकी हर बात काट रहा है तो बेहतर होगा कि आप उसे अपनी सोच को बदलने का मौका दें और उसे दो विकल्प दें. इससे वो अपनी बात के साथ साथ आपकी बात को भी रख सकेगा. इस तरह बच्चों को कंट्रोल में रखने में मदद मिलेगी.
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गुस्सा करने से बचें
अगर आप बच्चों पर गुस्सा करते हैं या चिल्लाकर बात करते हैं तो इससे आपके रिश्ते में और भी दूरियां बनेंगी. इसलिए बेहतर होगा कि आप उसे अपनी बात रखने का मौका दें. अगर वह गलत कर रहा है तो आप उसे समझाएं और उसकी बात को भी समझने का प्रयास करें. आप अपनी बीती बातों को उनके साथ शेयर कर सकते हैं. सही माहौल बनाए रखें.
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बिहेव करना सिखाएं
कई बार बच्चे पैरेंट्स का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए जिद करने लगते हैं या मना करने पर भी वो काम करते हैं. यह भी हो सकता है कि आपका बच्चा वाकई में किसी परेशानी में हो और उसे समझ नहीं आ रहा हो कि वो आपसे किस तरह बात करें. ऐसे में बच्चों के बिहेवियर को देखते हुए उसे समझने की कोशिश करें और शांत बैठकर बात-चीत करना सिखाएं.
भरोसा जीतें
अगर आपके बच्चे को आप पर भरोसा नहीं होगा तो वे आपके साथ जिद करेंगे और हर बात पर बहस करने की कोशिश करेंगे. ऐसे में पैरेंट्स के लिए जरूरी है कि वे पहले भरोसा जीतें.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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