विंटर में बच्चों के हाइजीन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. Image : Canva
Winter Rashes in Kids : विंटर के मौसम में स्किन के ड्राई हो जाने की समस्या काफी कॉमन है. ऐसे में डॉक्टर हाइड्रेशन की बात करते हैं और स्किन का खास ख्याल रखने की सलाह देते हैं. बच्चों में भी ऐसी समस्याओं का होना आम बात है, लेकिन कई बार विंटर के मौसम में बच्चों की पीठ, हाथ पैर या शरीर के अन्य अंगों पर कुछ ऐसे रैश हो जाते हैं, जो उन्हें बेचैन कर देते हैं. इन रैश पर ना तो नॉर्मल लोशन लगाने से आराम मिलता है और ना ही दवाओं के इस्तेमाल से. ये रैश नॉर्मल रैश की तुलना में काफी खतरनाक होते हैं. शरीर पर हुए रैश होने के साथ साथ उन्हें उल्टी, बुखार और कई बार तो सांस लेने में भी तकलीफ हो सकती है. यहां हम आपको बताते हैं कि किन कारणों से बच्चों के शरीर पर रैश हो सकते हैं और उन्हें कब डॉक्टर के पास दिखाने की जरूरत होती है.
बच्चों को इन वजहों से हो सकता है शरीर पर रैश
खसरा
ओन्लीमाईहेल्थ के मुताबिक, बच्चे आसानी से संक्रामक बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं, जिनमें से एक है खसरा (measles). खसरा होने पर बच्चों के शरीर पर लाल रंग के चिकत्ते हो जाते हैं. ये आमतौर पर सिर के नीचे गर्दन से शुरू होते हैा और शरीर के बाकी हिस्सों में फैलने लगते हैं. ये होने पर बुखार जैसे लक्षण भी देखने को मिलते हैं. ऐसा होने पर आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
इसे भी पढ़ें : Parenting Tips: हर माता-पिता को फॉलो करने चाहिए ये पेरेंटिंग टिप्स, बच्चों पर चीखने की नहीं पड़ेगी जरूरत
एक्जिमा
बच्चों में एक्जिमा (eczema) की समस्या लंबे समय तक रह जाती है. इसमें त्वचा पर खुजली, लाल धब्बे, सूखे और फटे हुये रैश बनते हैं. बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित एटोपिक एक्जिमा करता है. यह आमतौर पर घुटनों, कोहनी, गर्दन, आंखों और कान के पास होता है.
पित्ती
पित्ती (Hives) की समस्या बच्चों में काफी कॉमन है. यह किसी भी एलर्जेन या वायरस की चपेट में आने से होता है. अक्सर पेट में कीड़े होने की वजह से ये हो जाता है. दरअसल, एलर्जन या वायरस प्रतिरक्षा कोशिकाओं को सक्रिय करता है, जिससे हिस्टामाइन रिलीज होता है और शरीर पर लाल दानें होने लगते हैं. अक्सर ये एक्सट्रीम मौसम में बदलाव की वजह से होता है.
चिकन पॉक्स
चिकनपॉक्स (chicken pox) एक वायरल बीमारी है, जो आमतौर पर 10 साल से कम उम्र के बच्चों को होता है. इसमें पूरे शरीर पर दाने या रैश हो जाते हैं. इससे दर्द होता है और दाग आदि हो जाते हैं. चिकनपॉक्स का कोई खास इलाज नहीं है लेकिन बुखार कम करने के लिए पेरासिटामोल काम आती है. दाने और रैश से आराम पाने के लिए कैलामाइन लोशन और कूलिंग जैल का उपयोग किया जा सकता है.
इसे भी पढ़ें : आसानी से मानसिक समस्याओं के शिकार हो सकते हैं इकलौते बच्चे, परवरिश में रखें इन 6 बातों का ख्याल
सेल्यूलाइटिस
सेल्यूलाइटिस (cellulitis) स्किन टिशू के अंदर होने वाले रैश हैं जिसकी वजह से लाल, गर्म और सूजा हुआ चिकत्ता हो जाता है. यह अक्सर पैरों में होता है. कई बार इसकी वजह से बच्चे को बुखार भी हो सकता है. सेल्युलाइटिस आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन से ठीक हो जाता है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Health, Lifestyle, Parenting