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Unique business idea: 'दिल टूटा' तो आया बिजनेस का नया आइडिया, जानिए अनोखे चायवालों की कहानी

देश के अलग-अलग शहरों में दिलचस्प नामों के साथ चल रही हैं चाय की दुकानें

देश के अलग-अलग शहरों में दिलचस्प नामों के साथ चल रही हैं चाय की दुकानें

भारत में चाय पीना, एक खुमार की तरह है. कोई सुबह के वक्त बिस्तर छोड़ने से पहले चाय पीता है तो किसी को ऑफिस में काम शुरू ...अधिक पढ़ें

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    Uभारत वो देश है, जहां चाय सबसे ज्यादा उगाई भी जाती है, और उबाली भी जाती है. यानी भारत न सिर्फ दुनिया का नंबर वन चाय उत्पादक है, बल्कि चाय का सेवन करने में भी सबसे आगे है. दिलचस्प बात ये है कि घरों में लोग जिस बेड-टी से दिन की शुरुआत करते हैं, वो बाजारों में जाते-जाते अब बदनाम और बेवफा चाय के नाम से मशहूर होने लगी है.

    शहर-शहर चाय का कारोबार मॉडर्न होता जा रहा है. अब लाला जी या चौधरी टी-स्टॉल जैसे दुकानदारों से बात आगे निकल गई है. चाय की वैरायटी तो बदली ही है, चाय दुकानों के नाम भी अनोखे हो गए हैं. किसी ने बदनाम चाय के नाम से दुकान खोली है, तो कोई बेवफा चायवाला बनकर लोगों के दुख-दर्द भी बांट रहा है. सिर्फ इतना ही नहीं, इन दुकानों के नामों की कहानियां भी दिलचस्प हैं.

    कैदी चायवाला

    बिहार के मुजफ्फरपुर में ‘कैदी चायवाला’ इन दिनों टॉक ऑफ द टाउन बना हुआ है. यूं तो शहर में तमाम चाय की दुकानें हैं लेकिन ये जो दुकान है वो बेहद खास है. इस दुकान को हवालात की तर्ज पर डिजाइन किया गया है. जो ग्राहक चाय पीने आता है उन्हें हथकड़ी पहनाई जाती है और एक कैदी की तरह बैठाकर चाय पिलाई जाती है. साथ ही कुछ ग्राहकों को पुलिस की टोपी और डंडा भी दिया जाता है. यानी टेबल पर जब दो लोग आमने-सामने बैठकर चाय पीते हैं तो एक पुलिसवाला बनता है और दूसरा कैदी.

    कैदी चायवाला

    ये दुकान मुजफ्फरपुर के अखाड़ाघाट रोड पर कृष्णा टॉकीज के पास है. यहां एक चाय 20 रुपए में मिलती है. ये कीमत प्लेन चाय की है. अगर मसाला या फ्लेवर चाय ली जाए तो उसके लिए 30 रुपए देने पड़ते हैं. चाय कुल्हड़ में दी जाती है.

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    फालतू चाय की दुकान

    पश्चिम बंगाल में बीरभूम के बीरचंद्रपुर में एक दुकान पर पोस्टर लगा है ‘फालतू चाय की दुकान’. इस दुकान का नाम भले ही फालतू हो लेकिन यहां हर दिन 80-90 किलो दूध की चाय बिक जाती है. दुकान के मालिक बिपदतरण साहा पिछले चार वर्षों से चाय बेच रहे हैं. एक और दिलचस्प बात ये कि इस दुकान पर मिट्टी के बर्तन में चाय बनाई जाती है जिससे इसका स्वाद और भी ज्यादा हो जाता है. सर्दियों के सीजन में गुड़ डालकर चाय को पकाया जाता है जिसका स्वाद लोगों को खूब भाता है.

    पनौती चायवाला

    आगरा ट्रांस यमुना नगर फेस वन के रहने वाले रोमिल शर्मा और अभिषेक राठौर दोनों बचपन के दोस्त हैं. दोनों ने पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के लिए काफी कोशिश की लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. वो जो भी काम करते थे वो बिगड़ जाते थे. यूट्यूब चैनल शुरू किया, लेकिन वो भी नहीं चल सका. दोनों के घरवालों ने भी उन्हें पनौती कहकर बोलना शुरू कर दिया. दोनों दोस्तों को जब कोई और काम नहीं सूझा तो बीते नवंबर में एक चाय की दुकान खोल ली और उसका नाम पनौती चायवाला रख दिया. अब दोनों का ये नाम कमाल कर रहा है और चाय काम धीरे-धीरे बढ़ रहा है.

    पनौती चायवाला

    कालू बेवफा चायवाला

    ग्वालियर के गोला मंदिर रोड पर हनुमान नगर के पास एक चाय की दुकान है. इसका नाम है ‘कालू बेवफा चायवाला’. दुकान के संचालक रामजीत उर्फ कालू ने बताया कि उन्हें अपने जीवन में प्यार करने पर दो बार बेवफाई ही हाथ लगी. उनका कहना है कि जब मैं किसी और को बेवफा नहीं कह सका तो खुद को ही बेवफा बना डाला.
    अब इस दुकान के जरिए कालू, प्यार में टूटे हुए लोगों की सेवा भी कर रहे हैं. कालू के यहां सबसे सस्ती चाय 5 रुपए की है, जो कि प्यार में धोखा खाऐ हुए प्रेमियों के लिए है. वहीं सबसे महंगी चाय इसके उलट प्यार में जिन लोगों को सब कुछ मिल चुका है उनके लिए 49 रुपए की है. वहीं नये प्रेमियों के लिए चाय का दाम 10 रुपए रखा गया है. इन्होंने चाय के नाम भी अनोखे रखे हैं जैसे पड़ोसन सी मीठी चॉकलेटी चाय, अकेलापन चाय और मन चाहा प्यार पाने के लिए भी चाय यहां उपलब्ध है.

    बेवफा चायवाला

    बेवफा सनम तो हम सब सुनते हैं, लेकिन कोई बेवफा चाय वाला भी मिल जाएगा, ये शायद ही किसी ने सोचा होगा. ये चायवाला है मध्य प्रदेश के रीवा में, जिसका नाम है साहिल दहिया. साहिल रीवा में चाय का स्टॉल लगाते हैं, जिस पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा हुआ है ‘बेवफा चाय वाला’. हालांकि, इसका नाम पहले ये नहीं था, लेकिन कुछ ऐसा हुआ कि साहिल ने ये नाम रखा.

    बेवफा चायवाला

    साहिल ने बताया कि जब वो चाय का काम शुरू करने जा रहे थे, उससे ठीक एक हफ्ता पहले उनकी जिंदगी में एक बड़ा धक्का लगा. उनका दिल टूट गया. उधर, चाय का स्टॉल लगाने की तैयारी भी हो चुकी थी, नाम भी कुछ और था. लेकिन साहिल को जो दर्द मिला, उसे उन्होंने अपनी चाय के दुकान के नाम के साथ जोड़ दिया.

    सिर्फ इतना ही नहीं, साहिल अपने यहां आने वाले ग्राहकों को इमोशनली भी मदद करते हैं. अगर किसी का ब्रेकअप हो गया हो या कोई पढ़ाई-रोजगार की वजह से टेंशन में हो तो साहिल ऐसे लोगों से उनकी कहानियां सुनते हैं. उनका दर्द साझा करते हैं. साथ ही, 20 रुपये वाली चाय 15 में, और 15 वाली चाय 10 रुपये में पिलाते हैं.

    बदनाम चाय

    चाय की अड़ियों के लिए मशहूर बनारस में इन दिनों चाय बदनाम हो चली है. कुछ नया करने की चाह में संजय और निरंजन नाम के दो शख्स ने चाय की दुकान खोली और उसका नाम ‘बदनाम चाय’ रखा. ये दुकान कैंट लहरतारा मार्ग पर कैंसर अस्पताल के नजदीक है. दूर-दूर से लोग इस चाय की दुकान पर चुस्की लेने के लिए आ रहे हैं. यहां 10, 15 और 20 रुपये में चाय मिलती है और ये दुकान सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक खुलती है.

    बदनाम चाय

    बहुत खराब चाय

    बदनाम चाय की तरह ही बनारस की एक और चाय काफी फेमस है. ये है ‘बहुत खराब चाय’. शाम को 5 बजे से रात 10 बजे तक अनुभव यादव नाम के शख्स सड़क किनारे अपना ये टी-स्टॉल लगाते हैं. अनुभव ने भी कुछ क्रिएटिव करने के मकसद से अपने स्टॉल का नाम ये रखा. इसका असर भी हुआ है और अब उनकी चाय पूरे काशी में फेमस हो गई है. अनुभव खालिस दूध की चाय बनाते हैं, जिसमें तुलसी के पत्तों का भी इस्तेमाल किया जाता है. इस चाय के रेट 10 रुपये और 20 रुपये है.

    बहुत खराब चाय

    मोर चायवाला

    राजस्थान के भरतपुर में आजकल ‘मोर चायवाला’ काफी मशहूर हो रहा है. ये दुकान यातायात चौराहे के पास है जहां दुकान मालिक के साथ पूरा दिन मोर का बच्चा भी बैठा रहता है. इसकी चर्चा अब पूरे एरिया में होने लगी है और जो लोग चाय पीने आते हैं वो सेल्फी भी लेकर जाते हैं.

    चाय की दुकान पर रहता है मोर

    हालांकि, इस दुकान पर कोई मोर चायवाले का बोर्ड नहीं है, लेकिन ये इसी नाम से चर्चा में है. दरअसल, इसकी एक अलग कहानी है. इस मोर के बच्चे को आवारा कुत्तों ने घायल कर दिया था. चायवाले ने इसे कुत्तों से बचाया और इलाज कराया. इस घटना को एक महीने से ज्यादा हो गया है और तब से ये मोर का बच्चा इसी दुकान पर है. इस तरह ये दुकानदार मोर चायवाला बन गया है.

    पोस्ट ग्रेजुएट चायवाली

    बिहार के पटना में ग्रेजुएट चायवाली प्रियंका गुप्ता का नाम हर तरफ चल निकला तो अब ऐसे नए-नए नाम दूसरी जगहों से भी सामने आने लगे. प्रियंका गुप्ता से प्रभावित होकर झारखंड के देवघर में राधा यादव ने चाय का काम शुरू कर दिया. रामा देवी बाजला महिला कॉलेज के सामने राधा ने चाय का स्टॉल लगा लिया और उसका नाम पोस्ट ग्रेजुएट चायवाली रख दिया.
    राधा के पिता किसान हैं. वो खुद पोस्ट ग्रेजुएट तक पढ़ी हैं लेकिन नौकरी नहीं मिल पाई. परिवार की आर्थिक हालात को देखते हुए राधा ने चाय का काम शुरू किया. उन्होंने इस काम में 20 हजार रुपये लगाए और आज हर दिन 200 कप से ज्यादा बेच लेती हैं. उनके स्टॉल पर एक खास मैसेज भी लिखा है, ”कुल्हड़ में चाय पिया करो, इस बहाने देश की मिट्टी चूमने का अवसर मिलेगा”.

    इंजीनियर चायवाला

    रानीखेत के युवा पंकज पांडे मैकेनिकल इंजीनियर की पढ़ाई की है. इसके बाद उन्हें प्राइवेट सेक्टर में नौकरी मिली, लेकिन सरकारी नौकरी नहीं लग पाई. वो कोशिश कर रहे हैं लेकिन इस बीच पंकज ने हल्द्वानी में ‘इंजीनियर चायवाला’ नाम से अपने चाय के स्टाल की शुरुआत की है. पंकज कहते हैं कि हर किसी के घर वालों का सपना रहता है कि बच्चा पढ़ लिखकर एक अच्छी नौकरी करे, लेकिन नौकरी न लग पाना एक चिंता का विषय भी बन रहा था. यही नहीं, मेरी लगातार उम्र भी बढ़ रही थी. इस वजह से चाय का स्‍टाल शुरू किया है.

    पंकज रोडवेज स्टेशन पर सुबह 5 से 9 तक और शाम को 7 से 10 तक अपना चाय स्टॉल खोलते हैं. नॉर्मल चाय 10 रुपये और कुल्हड़ वाली चाय 20 रुपये में देते हैं. पंकज हर दिन 400-500 रुपये कमा लेते हैं.

    LLB चायवाला

    मध्य प्रदेश के रीवा में एलएलबी चायवाला वकील की ड्रेस यानी काला कोट पहनकर चाय पिलाता है. यूनिवर्सिटी रोड पर स्थित एलएलबी चाय की दुकान के मालिक उज्जवल मिश्रा हैं. उज्जवल ने बताया कि उनकी दुकान के बगल में लाइब्रेरी है, जहां पढ़ाई के लिए स्टूडेंट आते हैं. चाय पीने के लिए उन्हें दूर जाना पड़ता था. स्टूडेंट की मांग पर उज्जवल ने चाय की दुकान खोली है और दुकान का नाम LLB चायवाला रखा है.

    लावारिस जिंदगी वीरान लाल जी अग्रवाल…

    आगरा में एक चाय-पराठे का स्टॉल है जिस पर लिखा है ‘लावारिस जिंदगी वीरान लाल जी अग्रवाल पराठे-चाय वाले’. इस स्टॉल को चलाते हैं 65 साल के लाल जी. जब उनसे पूछा गया कि ऐसा नाम क्यों रखा तो उन्होंने भावुक कर देने वाली कहानी सुनाई.
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    लाल जी ने बताया कि उनके लड़के व लड़की ने शादी के बाद नाता तोड़ लिया. जबकि पत्नी का देहांत हो गया है. इसलिए अब वो अपनी जिंदगी में वीरान हो गए हैं. लाल जी का ये भी कहना है कि उनकी संपत्ति भी रिश्तेदारों ने मिलकर हड़प ली, जिसके चलते वो कंगाल हो गए हैं, इसलिए ये दुकान लगानी पड़ी है. गर्मी के सीजन में नींबू शिकंजी बेचते हैं. स्टॉल के पास ही फुटपाथ पर उनकी चारपाई है जहां वो सोते हैं.

    यूपी से उत्तराखंड, बिहार से बंगाल और मध्य प्रदेश से झारखंड तक…देश के अलग-अलग राज्यों में न जाने ऐसे चायवाले हैं जिनके नाम लोगों को आकर्षित कर रहे हैं. यूं तो चाय सुट्टा बार और MBA चायवाला जैसे नाम अब ब्रांड बन गए हैं और चाय बिजनेस अब फ्रेंचाइजी तक पहुंच गया है. लेकिन छोटे-छोटे इलाकों में जिस तरह चाय के साथ भावनाओं को जोड़कर क्रिएटिव माइंडसेट के साथ बिजनेस डवलप किया जा रहा है वो भी कमाल है.

    Tags: Chaiwala, Tea

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