उस लड़के ने ऐसा क्या किया था? जो मोहल्ले की औरत ने काट दिया प्राइवेट पार्ट!

सांकेतिक चित्र
LoveSexaurDhokha: दिखने में पढ़ा-लिखा, मुंबई में एक बैंक में काम करने वाला लड़का मोहल्ले की एक औरत के पीछे पड़ गया और उसे सेक्स के लिए मजबूर करने लगा तो उस औरत ने उठाया एक खौफनाक कदम.
- News18Hindi
- Last Updated: December 28, 2018, 8:39 PM IST
'मैं तुम्हारी बीवी से बहुत प्यार करता हूं और उससे शादी करना चाहता हूं...' जैसे ही गिरीश ने यह सुना तो उसे हैरत हुई. गिरीश को यही लगा कि बगैर उसकी बीवी के शह दिए, लड़का ऐसी बात कैसे कर सकता था. उधर, इस लड़के को अपनी हरकत के अंजाम का अंदाज़ा नहीं था. तीसरे छोर पर थी गिरीश की बीवी, जो इस लड़के से परेशान थी और अब गिरीश के सवालों के कठघरे में थी.
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मुंबई के डोंबिवली के नांदिवली इलाके में रहने वाली 47 वर्षीय प्रिया एक कामकाजी महिला थी. कामकाजी होने के साथ ही पति गिरीश और बच्चों की ज़िम्मेदारी भी वह ठीक से निभाती थी. दफ्तर से आते-जाते वक्त अपने घर तक पहुंचने के लिए उसे कुछ दूर पैदल चलना होता था और यही वह वक्त था जब तुषार उसे घूरता था और पीछा करता था.
READ: पत्नी ने काट दिया था पति का प्राइवेट पार्टशुरुआत में तो प्रिया ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया लेकिन तुषार जब रोज़ाना ऐसा करने लगा तो प्रिया का ध्यान बरबस चला ही गया. 27 साल का तुषार एक मल्टीनेशनल बैंक में लोन डिपार्टमेंट में काम करता था और उसे देखकर कोई नहीं कह सकता था कि वह आवारा या बदमाश था. तुषार को न जाने क्यों प्रिया का एक आकर्षण हो गया था. वह उसे आते-जाते देखकर ही उसकी तरफ खिंचने सा लगा था.
कुछ दिनों तक यही सिलसिला चला कि प्रिया के वक्त को ध्यान में रखते हुए तुषार बस स्टॉप पर पहुंचता और फिर वहां से चोरी-चोरी प्रिया का पीछा करते हुए उसके घर तक पहुंच जाता. तुषार ने किसी छेड़खानी या बातचीत की हिम्मत नहीं की थी. लेकिन, जब प्रिया ने नोटिस करना शुरू किया तो इसी साल अक्टूबर में किसी दिन प्रिया ने पलटकर उसकी तरफ देखा और पीछा करने की वजह पूछी.
'कौन हो तुम? क्यों रोज़ मेरा पीछा करते हो? आज के बाद यहां दिखे तो वो सबक सिखाउंगी कि ज़िंदगी भर याद रखोगे...' इससे पहले प्रिया और ज़ोर से चिल्लाती, तुषार बगैर कुछ कहे वहां से चला गया. दो-चार औरतें इकट्ठी हुईं और प्रिया उन्हें उस लड़के के बारे में बताने लगी. अगले दो-चार दिन तुषार बस स्टॉप पर या पीछा करते हुए नहीं दिखा तो प्रिया ने सोचा कि जान छूटी.

कुछ आफतें टलती नहीं बल्कि वक्त के साथ और बड़ी हो जाती हैं. तुषार ऐसी ही बला बनकर कुछ ही दिन में लौटा. इस बार उसने प्रिया से बातचीत करने की कोशिश की. बस स्टॉप के पास ही उसने प्रिया को रोककर उससे कहा कि वह उससे दोस्ती करना चाहता था. यह सुनकर प्रिया को अटपटा तो लगा ही, हैरत भी हुई.
READ: प्राइवेट पार्ट काटकर फुटबॉलर के कत्ल की वजह क्या थी?
प्रिया : तू है कौन? उस दिन तुझे समझाया था, तुझे समझ में नहीं आई बात?
तुषार : मैं बात बढ़ाना नहीं चाहता. मेरी बात तो सुनो, मैं एक बैंक में एग्ज़ीक्यूटिव हूं, अच्छा कमाता हूं और तुमसे दोस्ती करना चाहता हूं. इसमें नाराज़ होने की क्या बात है?
प्रिया : कोई दोस्ती-वीस्ती नहीं करनी मेरे को तेरे साथ. चल जा यहां से, नहीं तो वाट लगा डालूंगी तेरी...
तुषार उस दिन कुछ खफा होकर चला गया. इधर, गिरीश से इस बारे में कुछ कहने के बजाय प्रिया ने पड़ोस में रहने वाले दो जवान लड़कों तेजस और प्रवीण को तुषार के बारे में बताया. दोनों उसके बारे में जानते नहीं थे इसलिए उन्होंने कहा कि वो पता करेंगे. चूंकि तुषार ने कोई बदतमीज़ी अब तक नहीं की थी, इसलिए प्रिया को बात बहुत बड़ी नहीं लग रही थी. फिर दो-एक दिन बाद तुषार ने वही हरकत की और प्रिया को रोककर उससे बात करना चाही.
तुषार : अच्छा, देखो साफ बात करते हैं. मेरे को तुम अच्छी लगती हो और मेरे को तुम्हारे साथ मज़ा करने का है. शर्त जो तुम बोलो.
प्रिया : तेरी इतनी हिम्मत हो गई शाणे.. तू रुक, मैं बुलाती है लड़कों को. रुक शाणे, सैंडल मार मारके तेरा थोबड़ा...
तुषार फिर वहां से गायब हो गया. अगले कुछ दिन यही सिलसिला चलता रहा. तुषार कुछ दिनों तक गायब रहता और किसी दिन अचानक प्रिया के पास पहुंचता और उसके साथ सेक्स करने की बात करता. प्रिया के गुस्सा करने पर वहां से चला जाता. प्रिया इस बारे में लगातार तेजस और प्रवीण को अपडेट करती और दोनों अपने दोस्तों की मदद से तुषार के बारे में पता करने में जुटे थे.

एक रोज़ तेजस और प्रवीण ने तुषार का पता लगा लिया और कुछ लड़कों के साथ जाकर उसे डराया धमकाया भी. तुषार ने माफी मांगकर आगे से ऐसा न करने की बात कही. इसके बाद तुषार ने आगे के कदम सोचे और फिर पिछले दिनों वह सीधे प्रिया के घर पहुंच गया.
तुषार : हैलो, मैं तुषार हूं. तुम गिरीश हो ना?
गिरीश : हां. क्या मांगता है?
तुषार : मैं जो कह रहा हूं, ठंडे दिमाग से सुनने का गिरीश. मैं तुमको अलर्ट करने को आया हूं. तुम्हें अपनी बीवी के कैरेक्टर पर नज़र रखनी चाहिए. वो मेरे से प्यार करने लगी है और मैं भी उससे. अब तुम हम दोनों के बीच में से हट जाओ, तो कोई लफड़ा ही नहीं रहेगा. बस, यही रिक्वेस्ट करने आया मैं. क्या बोलते हो, बोलो?
गिरीश : क्या बकवास है ये? तू है कौन बे? चल निकल, गेट आउट.
तुषार : समझने की कोशिश करो.. मैं प्यार करता हूं उससे, शादी करूंगा उसके साथ...
गिरीश ने तेज़ आवाज़ में जब तुषार को डांटकर भगाया तब प्रिया ने भीतर के कमरे से आकर सब देखा. अब गिरीश हैरान भी था और उसे वाकई प्रिया पर कुछ शक हुआ क्योंकि कोई लड़का बगैर प्रिया की शह के इतनी हिम्मत कैसे कर सकता था? यही सोचकर गिरीश ने प्रिया से बातचीत की.
गिरीश : कौन है ये मुल्गा? क्या चक्कर चल रहा है तेरा?
प्रिया : कसा चक्कर गिरीश? ये लड़का मेरे को पिछले डेढ़ दो महीने से परेशान कर रहा है. सड़क पर मिलता है और मुझसे आय लव यू कहता है. कहता है कि मेरे साथ मजा करना है उसको...
गिरीश : और, ये सब तू मुझे एग्ज़ैक्टली कब बताने वाली थी? ये मुल्गा घर पर आता है, मेरे को बोलता है कि मेरी बीवी उससे प्यार करती है. मैं क्या समझूं प्रिया?
प्रिया : गुस्सा नको करो गिरीश. मेरी क्या गलती है? अब कोई लड़का छेड़ता है मेरे को तो मैं भी क्या करूं? और मेरे को क्या पता था कि ये यहां तक आ जाएगा और तुमको ये सब बोलेगा.
लेकिन, बात यहीं खत्म नहीं हुई. गिरीश का गुस्सा यहां तक बढ़ा कि प्रिया के पास जवाब खत्म हो गए. प्रिया खूब रोई और गिरीश के तैश में वहां से चले जाने के बाद उसे तुषार की इस हरकत पर बेतहाशा गुस्सा आया. प्रिया ने फौरन तेजस और प्रवीण को फोन करके तुषार के साथ मीटिंग फिक्स करवाने की बात कही. बीते 25 दिसंबर की रात यह सब कांड हुआ और उसी रात दोनों ने तुषार को लोन की एक डील के बारे में बात करने के बहाने से बुलवाया.
प्रिया इतने गुस्से में आ चुकी थी कि वह तुषार को सबक सिखाना चाहती थी. नांदिवली के एक सुनसान हिस्से में जब तुषार पहुंचा तो वहां तेजस और प्रवीण मिले. दो-चार बातों के बाद ही दोनों ने उसे पकड़कर काबू में करना शुरू किया. तुषार छूटने की कोशिश कर रहा था, तभी उसने देखा कि एक अंधेरे कोने से गुस्से से लाल आंखें लिये प्रिया निकली. प्रिया के हाथ में एक बड़ा सा चाकू था. ये सब देखकर तुषार बुरी तरह डर चुका था.
तुषार : सॉरी, सॉरी मैडम, सो सॉरी. अब कभी आपसे बात तक नहीं करूंगा...
प्रिया : बहुत गर्मी है ना तेरे में शाणे. मजा करने का था ना तेरे को. ऐ प्रवीण, पैंट उतार इसका.
तुषार : प्लीज़ छोड़ दो मुझे. प्लीज़ मैडम, आई शपथ मैं कभी तंग नहीं...
प्रिया : मेरे हसबैंड से मिलने पहुंच गया तू.. सेक्स करने का है ना तेरे को...
गुस्से की रौ में बहते हुए प्रिया ने तुषार का प्राइवेट पार्ट चाकू से काट दिया. प्रिया के ऐसा करते ही प्रवीण और तेजस सदमे में आ गए और इस काम में साथ न देने की बात कहते हुए दोनों वहां से भाग खड़े हुए. प्रिया ने दोनों को रोकने की कोशिश की और फिर उसका ध्यान दर्द से कराहते और तड़पते हुए तुषार की तरफ गया. तब प्रिया को एहसास हुआ कि उसने किस कदर जानलेवा और भयानक हमला कर दिया. प्रिया सबक सिखाना चाहती थी लेकिन तुषार की जान नहीं लेना चाहती थी.

प्रिया ने फौरन फोन किया और तमाम कोशिशें करते हुए तुषार को किसी तरह अस्पताल लेकर पहुंची. अस्पताल पहुंचकर उसने तुषार पर हमला करने की बात कबूल की. तुषार की हालत बिगड़ रही थी इसलिए उसे फौरन एम्स अस्पताल पहुंचाया गया. प्रिया ने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया और पहले इस हमले में किसी और के शामिल न होने की बात कही लेकिन बाद में उसके बताने पर तेजस और प्रवीण को भी पुलिस ने अरेस्ट कर लिया.
(सच्ची घटनाओं पर आधारित लव सेक्स और धोखे की इस कहानी में किरदारों के नाम वास्तविक हैं लेकिन आरोपी महिला और उसके पति के वास्तविक नाम का खुलासा नहीं हुआ है.)
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मुंबई के डोंबिवली के नांदिवली इलाके में रहने वाली 47 वर्षीय प्रिया एक कामकाजी महिला थी. कामकाजी होने के साथ ही पति गिरीश और बच्चों की ज़िम्मेदारी भी वह ठीक से निभाती थी. दफ्तर से आते-जाते वक्त अपने घर तक पहुंचने के लिए उसे कुछ दूर पैदल चलना होता था और यही वह वक्त था जब तुषार उसे घूरता था और पीछा करता था.
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कुछ दिनों तक यही सिलसिला चला कि प्रिया के वक्त को ध्यान में रखते हुए तुषार बस स्टॉप पर पहुंचता और फिर वहां से चोरी-चोरी प्रिया का पीछा करते हुए उसके घर तक पहुंच जाता. तुषार ने किसी छेड़खानी या बातचीत की हिम्मत नहीं की थी. लेकिन, जब प्रिया ने नोटिस करना शुरू किया तो इसी साल अक्टूबर में किसी दिन प्रिया ने पलटकर उसकी तरफ देखा और पीछा करने की वजह पूछी.
'कौन हो तुम? क्यों रोज़ मेरा पीछा करते हो? आज के बाद यहां दिखे तो वो सबक सिखाउंगी कि ज़िंदगी भर याद रखोगे...' इससे पहले प्रिया और ज़ोर से चिल्लाती, तुषार बगैर कुछ कहे वहां से चला गया. दो-चार औरतें इकट्ठी हुईं और प्रिया उन्हें उस लड़के के बारे में बताने लगी. अगले दो-चार दिन तुषार बस स्टॉप पर या पीछा करते हुए नहीं दिखा तो प्रिया ने सोचा कि जान छूटी.

कुछ आफतें टलती नहीं बल्कि वक्त के साथ और बड़ी हो जाती हैं. तुषार ऐसी ही बला बनकर कुछ ही दिन में लौटा. इस बार उसने प्रिया से बातचीत करने की कोशिश की. बस स्टॉप के पास ही उसने प्रिया को रोककर उससे कहा कि वह उससे दोस्ती करना चाहता था. यह सुनकर प्रिया को अटपटा तो लगा ही, हैरत भी हुई.
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प्रिया : तू है कौन? उस दिन तुझे समझाया था, तुझे समझ में नहीं आई बात?
तुषार : मैं बात बढ़ाना नहीं चाहता. मेरी बात तो सुनो, मैं एक बैंक में एग्ज़ीक्यूटिव हूं, अच्छा कमाता हूं और तुमसे दोस्ती करना चाहता हूं. इसमें नाराज़ होने की क्या बात है?
प्रिया : कोई दोस्ती-वीस्ती नहीं करनी मेरे को तेरे साथ. चल जा यहां से, नहीं तो वाट लगा डालूंगी तेरी...
तुषार उस दिन कुछ खफा होकर चला गया. इधर, गिरीश से इस बारे में कुछ कहने के बजाय प्रिया ने पड़ोस में रहने वाले दो जवान लड़कों तेजस और प्रवीण को तुषार के बारे में बताया. दोनों उसके बारे में जानते नहीं थे इसलिए उन्होंने कहा कि वो पता करेंगे. चूंकि तुषार ने कोई बदतमीज़ी अब तक नहीं की थी, इसलिए प्रिया को बात बहुत बड़ी नहीं लग रही थी. फिर दो-एक दिन बाद तुषार ने वही हरकत की और प्रिया को रोककर उससे बात करना चाही.
तुषार : अच्छा, देखो साफ बात करते हैं. मेरे को तुम अच्छी लगती हो और मेरे को तुम्हारे साथ मज़ा करने का है. शर्त जो तुम बोलो.
प्रिया : तेरी इतनी हिम्मत हो गई शाणे.. तू रुक, मैं बुलाती है लड़कों को. रुक शाणे, सैंडल मार मारके तेरा थोबड़ा...
तुषार फिर वहां से गायब हो गया. अगले कुछ दिन यही सिलसिला चलता रहा. तुषार कुछ दिनों तक गायब रहता और किसी दिन अचानक प्रिया के पास पहुंचता और उसके साथ सेक्स करने की बात करता. प्रिया के गुस्सा करने पर वहां से चला जाता. प्रिया इस बारे में लगातार तेजस और प्रवीण को अपडेट करती और दोनों अपने दोस्तों की मदद से तुषार के बारे में पता करने में जुटे थे.

एक रोज़ तेजस और प्रवीण ने तुषार का पता लगा लिया और कुछ लड़कों के साथ जाकर उसे डराया धमकाया भी. तुषार ने माफी मांगकर आगे से ऐसा न करने की बात कही. इसके बाद तुषार ने आगे के कदम सोचे और फिर पिछले दिनों वह सीधे प्रिया के घर पहुंच गया.
तुषार : हैलो, मैं तुषार हूं. तुम गिरीश हो ना?
गिरीश : हां. क्या मांगता है?
तुषार : मैं जो कह रहा हूं, ठंडे दिमाग से सुनने का गिरीश. मैं तुमको अलर्ट करने को आया हूं. तुम्हें अपनी बीवी के कैरेक्टर पर नज़र रखनी चाहिए. वो मेरे से प्यार करने लगी है और मैं भी उससे. अब तुम हम दोनों के बीच में से हट जाओ, तो कोई लफड़ा ही नहीं रहेगा. बस, यही रिक्वेस्ट करने आया मैं. क्या बोलते हो, बोलो?
गिरीश : क्या बकवास है ये? तू है कौन बे? चल निकल, गेट आउट.
तुषार : समझने की कोशिश करो.. मैं प्यार करता हूं उससे, शादी करूंगा उसके साथ...
गिरीश ने तेज़ आवाज़ में जब तुषार को डांटकर भगाया तब प्रिया ने भीतर के कमरे से आकर सब देखा. अब गिरीश हैरान भी था और उसे वाकई प्रिया पर कुछ शक हुआ क्योंकि कोई लड़का बगैर प्रिया की शह के इतनी हिम्मत कैसे कर सकता था? यही सोचकर गिरीश ने प्रिया से बातचीत की.
गिरीश : कौन है ये मुल्गा? क्या चक्कर चल रहा है तेरा?
प्रिया : कसा चक्कर गिरीश? ये लड़का मेरे को पिछले डेढ़ दो महीने से परेशान कर रहा है. सड़क पर मिलता है और मुझसे आय लव यू कहता है. कहता है कि मेरे साथ मजा करना है उसको...
गिरीश : और, ये सब तू मुझे एग्ज़ैक्टली कब बताने वाली थी? ये मुल्गा घर पर आता है, मेरे को बोलता है कि मेरी बीवी उससे प्यार करती है. मैं क्या समझूं प्रिया?
प्रिया : गुस्सा नको करो गिरीश. मेरी क्या गलती है? अब कोई लड़का छेड़ता है मेरे को तो मैं भी क्या करूं? और मेरे को क्या पता था कि ये यहां तक आ जाएगा और तुमको ये सब बोलेगा.
लेकिन, बात यहीं खत्म नहीं हुई. गिरीश का गुस्सा यहां तक बढ़ा कि प्रिया के पास जवाब खत्म हो गए. प्रिया खूब रोई और गिरीश के तैश में वहां से चले जाने के बाद उसे तुषार की इस हरकत पर बेतहाशा गुस्सा आया. प्रिया ने फौरन तेजस और प्रवीण को फोन करके तुषार के साथ मीटिंग फिक्स करवाने की बात कही. बीते 25 दिसंबर की रात यह सब कांड हुआ और उसी रात दोनों ने तुषार को लोन की एक डील के बारे में बात करने के बहाने से बुलवाया.
प्रिया इतने गुस्से में आ चुकी थी कि वह तुषार को सबक सिखाना चाहती थी. नांदिवली के एक सुनसान हिस्से में जब तुषार पहुंचा तो वहां तेजस और प्रवीण मिले. दो-चार बातों के बाद ही दोनों ने उसे पकड़कर काबू में करना शुरू किया. तुषार छूटने की कोशिश कर रहा था, तभी उसने देखा कि एक अंधेरे कोने से गुस्से से लाल आंखें लिये प्रिया निकली. प्रिया के हाथ में एक बड़ा सा चाकू था. ये सब देखकर तुषार बुरी तरह डर चुका था.
तुषार : सॉरी, सॉरी मैडम, सो सॉरी. अब कभी आपसे बात तक नहीं करूंगा...
प्रिया : बहुत गर्मी है ना तेरे में शाणे. मजा करने का था ना तेरे को. ऐ प्रवीण, पैंट उतार इसका.
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गुस्से की रौ में बहते हुए प्रिया ने तुषार का प्राइवेट पार्ट चाकू से काट दिया. प्रिया के ऐसा करते ही प्रवीण और तेजस सदमे में आ गए और इस काम में साथ न देने की बात कहते हुए दोनों वहां से भाग खड़े हुए. प्रिया ने दोनों को रोकने की कोशिश की और फिर उसका ध्यान दर्द से कराहते और तड़पते हुए तुषार की तरफ गया. तब प्रिया को एहसास हुआ कि उसने किस कदर जानलेवा और भयानक हमला कर दिया. प्रिया सबक सिखाना चाहती थी लेकिन तुषार की जान नहीं लेना चाहती थी.

प्रिया ने फौरन फोन किया और तमाम कोशिशें करते हुए तुषार को किसी तरह अस्पताल लेकर पहुंची. अस्पताल पहुंचकर उसने तुषार पर हमला करने की बात कबूल की. तुषार की हालत बिगड़ रही थी इसलिए उसे फौरन एम्स अस्पताल पहुंचाया गया. प्रिया ने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया और पहले इस हमले में किसी और के शामिल न होने की बात कही लेकिन बाद में उसके बताने पर तेजस और प्रवीण को भी पुलिस ने अरेस्ट कर लिया.
(सच्ची घटनाओं पर आधारित लव सेक्स और धोखे की इस कहानी में किरदारों के नाम वास्तविक हैं लेकिन आरोपी महिला और उसके पति के वास्तविक नाम का खुलासा नहीं हुआ है.)
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