उस रिश्ते की कहानी जिसमें परेशान पत्नी ने काट दिया था पति का प्राइवेट पार्ट

सांकेतिक चित्र
LoveSexaurDhokha: बॉबिटाइज़, ये शब्द एक भयानक कहानी से जन्मा था और अब दुनियाभर में एक खास किस्म के अपराध का पर्यायवाची है. क्राइम और मेडिकल साइंस में 25 सालों से इस्तेमाल होने वाला ये शब्द जहां से आमफहम हुआ, पढ़ें वो कहानी.
- News18Hindi
- Last Updated: October 17, 2018, 8:00 PM IST
'ओ शिट..' मनासस शहर के एक अपार्टमेंट में पुलिस की जांच टीम पहुंची तो एक आदमी की हालत देखकर दंग रह गई. वहां मौजूद औरत से पूछताछ के बाद एक जांच अफसर ने दूसरे से खुसफुसाकर कहा - 'दो सिपाहियों को लेकर जाओ और उस लोकेशन से वो अंग ढूंढ़कर लाओ.' इस निर्देश के साथ ही एंबुलेंस बुलवाई गई और लहूलुहान पड़े आदमी को अस्पताल भेजते ही उस औरत को गिरफ्तार कर लिया गया.
LoveSexaurDhokha: एक नहीं, दो नहीं तो उस लड़की के कितने अफेयर थे?
अमेरिका के मनासस शहर के सुनसान रास्तों के अगल बगल लहलहा रहे खेतों के पास एक लोकेशन पर एक पुलिस अफसर अपने दो सिपाहियों के साथ रुका और रात के अंधेरे में टॉर्च की मदद से एक अंग खोजने की कवायद शुरू हुई. एक सिपाही को समझ में नहीं आया था कि इन खेतों में क्या खोजने के लिए उसे यहां लाया गया है. उसने पूछा तो जांच अफसर ने कहा कि 'कटी उंगली जैसी कोई चीज़ मिले तो फौरन बताना, हाथ नहीं लगाना उसे..'
अफसर और एक सिपाही मिलकर दूसरे सिपाही की इस नादानी पर मज़ाकिया लहजे में मिलकर हंसने लगे. दोनों को माजरा पता था और सिपाही ने उत्सुकता में पूछा - 'सर, उस औरत ने वाकई ऐसा किया! सर पता चला क्या कि क्यों किया उसने ऐसा?' अफसर ने उसके सवाल को रफा दफा करते हुए उस अंग को तलाशने की बात कही. तलाशी चलती रही और वक्त बीतता रहा. अफसर भी झल्ला उठा - 'ये क्या बात है यार, रात के अंधेरे में इतने बड़े खेत में अब चार इंच की चीज़ कैसे ढूंढ़े कोई? पुलिस की नौकरी भी ना बस, क्या क्या नहीं करना पड़ता..''सर, सर... ये देखिए ज़रा, कहीं यही तो नहीं है वो?' दूसरे सिपाही की आवाज़ पर दोनों उस स्पॉट पर पहुंचे और एक छड़ी से उस अंग को हिलाकर देखने के बाद अफसर ने दस्ताने पहने हुए हाथों से बड़ी सावधानी के साथ उस अंग को उठाकर एक पैकेट में रखा. घंटों की मेहनत के बाद आखिरकार वो अंग मिल चुका था. खोजी टीम फौरन जांच टीम के पास पहुंची और उस अंग को अस्पताल भिजवाया गया.

एक तरफ अस्पताल में घायल आदमी का इलाज चल रहा था और डॉक्टरों ने साढ़े नौ घंटे की सर्जरी के बाद उस आदमी का कटा हुआ प्राइवेट पार्ट वापस जोड़ दिया. हालांकि सर्जरी के बाद कभी भी वह अंग पूरी तरह ठीक नहीं हो सका. दूसरी तरफ, पुलिस हमलावर औरत और घायल आदमी के बयान दर्ज कर कोर्ट में केस पेश करने की तैयारी में जुटी हुई थी. कुछ ही दिनों में मामला कोर्ट में गया और सुनवाई शुरू हुई, तब जाकर पूरी कहानी साफ हुई.
अब सवाल यह था कि लॉरेना ने अपने पति पर इतना क्रूर हमला क्यों किया? कोर्ट में जैसे जैसे इस मामले की सुनवाई चलती रही, कहानी साफ होती गई. कहानी शुरू हुई थी साल 1989 में जब लॉरेना ने जॉन से शादी की थी. शादी के कुछ दिनों तक सब ठीक ठाक चलता रहा और दोनों के बीच प्यार भी पनपा और रोमांस भी. लेकिन, इसी बीच जॉन की कुछ सेक्सुअल आदतें लॉरेना के लिए परेशानी का सबब बनने लगी थीं.
शुरुआत में लॉरेना यही समझती रही कि यह किसी खास मौके यानी एकाध बार की बात होगी लेकिन ये सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा था. जॉन के सेक्सुअल फैंटेसी अजीब तरह की थी जिसके दौरान वह लॉरेना को शारीरिक और भावनात्मक रूप से चोट पहुंचाता था. इसके अलावा लॉरेना इस शादी में शारीरिक और मानसिक तौर पर घरेलू हिंसा की भी शिकार हो रही थी.

लॉरेना के कहने पर भी जॉन को फैमिली प्लानिंग में कोई दिलचस्पी नहीं थी. वह अंतरंग रिश्ते बनाने के दौरान किसी किस्म की सावधानी बरतने के खिलाफ रहता था और लॉरेना की हर बात दरकिनार कर देता था. एक बार जब लॉरेना प्रेगनेंट हो गई तो जॉन ने उससे गर्भपात करवाने के लिए कहा. लॉरेना को गुस्सा इस बात पर आया कि उसके कहने पर भी जॉन ने सावधानी नहीं बरती और फिर वह अबॉर्शन की बात कर रहा था.
शादी को वक्त बीतता जा रहा था और लॉरेना को ऐसा महसूस होने लगा था जैसे वो जॉन की सेक्स गुलाम बनकर रह गई है. उसे शारीरिक संबंध के दौरान खुशी महसूस नहीं होती थी बल्कि ऐसा लगने लगा था कि वो जॉन की खरीदी हुई चीज़ है जिसे जॉन अपनी संतुष्टि के लिए इस्तेमाल करता है. एक पति की तरह वह अपनी पत्नी की इच्छाओं और संतुष्टि का खयाल नहीं रखता था. लॉरेना के मन में जॉन के लिए नफरत पलती जा रही थी.
हर तरह से कई किस्मों के अत्याचार सहने के बाद लॉरेना ने जब भी जॉन के साथ संबंध बनाने से इनकार किया तब तब जॉन ने उसके साथ ज़बरदस्ती की. लॉरेना को ऐसा महसूस होने लगा कि उसकी मर्ज़ी कोई मायने नहीं रखती. भले ही शादी का रिश्ता हो, जॉन उसका पति हो लेकिन वह उसके साथ जिस तरह पेश आता था, उसे किसी हमले जैसा महसूस होता था. लॉरेना ने इस सिलसिले को और बर्दाश्त न करने का मन बना लिया था.
कुछ देर बाद लॉरेना ने अपने आंसू पोंछे और कपड़े पहनकर पहले बाथरूम गई. अपना चेहरा धोने के बाद वह किचन में गई और एक धारदार बड़ा चाकू लेकर बेडरूम में आई. उसने तसल्ली की कि रेप करने के बाद जॉन सो चुका है और उसकी नींद कुछ गहरी हो गई है. लॉरेना ने चाकू से जॉन पर हमला किया और उसका लिंग काट दिया. इस हमले के बाद सिवाय चीखते जाने के जॉन कुछ और नहीं कर सका. कुछ देर चिल्लाने के बाद वह बेहोश हो गया.

इसके बाद लॉरेना गुस्से में घर से निकल गई और उसने जॉन का कटा हुआ अंग एक खेत में फेंकने के बाद पुलिस को कॉल कर घटना की जानकारी दी थी. इस केस की सुनवाई में लॉरेना का पूरा पक्ष सुनने के साथ ही, अदालत ने जॉन का पक्ष सुना तो वह बार बार बयान बदलता रहा. कभी उसने कहा कि उस रात सेक्स दोनों की सहमति से हुआ था, तो कभी कहा कि वह शारीरिक संबंध बनाने के दौरान ही सो गया था तो कभी ये कहा कि उस रात सेक्स हुआ ही नहीं या संबंध बनाने की पहल लॉरेना ने की थी.
अदालत ने इस केस की गहन सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए लॉरेना को 45 दिनों तक अस्पताल में एक तरह की काउंसलिंग के बाद बरी कर दिए जाने का आदेश दिया और जॉन के खिलाफ रेप का मुकदमा न चलाने का भी. इसके बाद एक और कानूनी कार्रवाई शुरू हुई और 1995 में जॉन और लॉरेना का कानूनन तलाक हो गया. दोनों आॅफिशियली अलग हो गए हालांकि लॉरेना ने जॉन को छोड़ तो पहले ही दिया था.
इस केस के बाद बदलीं ज़िंदगियां
ये केस घटना के दिन से ही मीडिया और समाज में बेहद चर्चा में रहा. केस के फैसले और तलाक के बाद एक तरफ जॉन ने नये सिरे से ज़िंदगी जीना चाही तो कई किस्म के काम किए. संगीत बैंड बनाकर नाकाम रहा, इसी केस पर बनी एक दो फिल्मों में उसने काम किया. इसके अलावा पीज़ा डिलीवरी बॉय, ड्राइवर, बारटेंडर जैसे कई काम करता रहा. जॉन ने दूसरी शादी कर अपनी दूसरी पत्नी का सरनेम लगाकर अपना नाम भी बदला. इसके अलावा जॉन आगे भी महिलाओं को प्रताड़ित और अब्यूज़ करने के मामलों में गिरफ्तार हुआ.

दूसरी तरफ, लॉरेना ने अपनी मां के सरनेम के ज़रिये अपना नाम बदल लिया और कई सालों तक गुमनामी में रही. साल 2007 में वह एक ब्यूटी सलून में काम करती हुई पाई गई और इसी साल उसने घरेलू हिंसा की रोकथाम के लिए एक संस्था बनाई. लॉरेना एक और आदमी के साथ रिलेशनशिप में रही और उसकी एक बेटी भी हुई. फिर 2009 में एक टीवी शो में लॉरेना और जॉन तलाक के बाद से पहली बार एक साथ दुनिया को नज़र आए जिसमें जॉन ने सार्वजनिक माफी मांगी थी और कहा था कि वह तब भी लॉरेना से प्यार करता था.
इस केस के बाद एक सामाजिक पहलू नज़र आया. इस केस से जुड़े विमर्श और हास्य समाज में लगातार चर्चा का विषय रहा और टीशर्ट, एडवरटाइज़िंग होर्डिंग्स या विज्ञापनों आदि स्तरों पर इस केस के हवाले से स्लोगन चर्चा में आते रहे. फिल्मों में इस केस के हवाले दिए गए. इस तरह के अपराध होने लगे और मेडिकल साइंस में एक नया शब्द जुड़ा 'बॉबिटाइज़' क्योंकि इस घटना के वक्त जॉन का सरनेम बॉबिट था. किसी महिला द्वारा किसी पुरुष को ऐसी सज़ा दिए जाने के संदर्भ में यह शब्द आम जनजीवन का हिस्सा बन गया.
(लव सेक्स और धोखे की यह कहानी वास्तविक घटनाओं पर है, इसके किरदार वास्तविक हैं और उनके नाम भी)
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अमेरिका के मनासस शहर के सुनसान रास्तों के अगल बगल लहलहा रहे खेतों के पास एक लोकेशन पर एक पुलिस अफसर अपने दो सिपाहियों के साथ रुका और रात के अंधेरे में टॉर्च की मदद से एक अंग खोजने की कवायद शुरू हुई. एक सिपाही को समझ में नहीं आया था कि इन खेतों में क्या खोजने के लिए उसे यहां लाया गया है. उसने पूछा तो जांच अफसर ने कहा कि 'कटी उंगली जैसी कोई चीज़ मिले तो फौरन बताना, हाथ नहीं लगाना उसे..'

एक तरफ अस्पताल में घायल आदमी का इलाज चल रहा था और डॉक्टरों ने साढ़े नौ घंटे की सर्जरी के बाद उस आदमी का कटा हुआ प्राइवेट पार्ट वापस जोड़ दिया. हालांकि सर्जरी के बाद कभी भी वह अंग पूरी तरह ठीक नहीं हो सका. दूसरी तरफ, पुलिस हमलावर औरत और घायल आदमी के बयान दर्ज कर कोर्ट में केस पेश करने की तैयारी में जुटी हुई थी. कुछ ही दिनों में मामला कोर्ट में गया और सुनवाई शुरू हुई, तब जाकर पूरी कहानी साफ हुई.
लॉरेना के खिलाफ आरोप था कि उसने 23 जून 1993 की रात अपने पति जॉन पर उस वक्त हमला किया जब वह सोया हुआ था और इस अजीब हमले में लॉरेना ने जॉन का प्राइवेट पार्ट किचन के एक चाकू से काट दिया. इसके बाद लॉरेना जॉन को तड़पता हुआ छोड़कर घर से निकल गई और अपनी कार से ड्राइव पर निकली. चलती हुई कार से उसने उस कटे अंग को एक खेत में फेंक दिया और कुछ दूर जाकर उसने पुलिस को फोन पर इस बारे में खबर दी.
अब सवाल यह था कि लॉरेना ने अपने पति पर इतना क्रूर हमला क्यों किया? कोर्ट में जैसे जैसे इस मामले की सुनवाई चलती रही, कहानी साफ होती गई. कहानी शुरू हुई थी साल 1989 में जब लॉरेना ने जॉन से शादी की थी. शादी के कुछ दिनों तक सब ठीक ठाक चलता रहा और दोनों के बीच प्यार भी पनपा और रोमांस भी. लेकिन, इसी बीच जॉन की कुछ सेक्सुअल आदतें लॉरेना के लिए परेशानी का सबब बनने लगी थीं.
शुरुआत में लॉरेना यही समझती रही कि यह किसी खास मौके यानी एकाध बार की बात होगी लेकिन ये सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा था. जॉन के सेक्सुअल फैंटेसी अजीब तरह की थी जिसके दौरान वह लॉरेना को शारीरिक और भावनात्मक रूप से चोट पहुंचाता था. इसके अलावा लॉरेना इस शादी में शारीरिक और मानसिक तौर पर घरेलू हिंसा की भी शिकार हो रही थी.

लॉरेना के कहने पर भी जॉन को फैमिली प्लानिंग में कोई दिलचस्पी नहीं थी. वह अंतरंग रिश्ते बनाने के दौरान किसी किस्म की सावधानी बरतने के खिलाफ रहता था और लॉरेना की हर बात दरकिनार कर देता था. एक बार जब लॉरेना प्रेगनेंट हो गई तो जॉन ने उससे गर्भपात करवाने के लिए कहा. लॉरेना को गुस्सा इस बात पर आया कि उसके कहने पर भी जॉन ने सावधानी नहीं बरती और फिर वह अबॉर्शन की बात कर रहा था.
शादी को वक्त बीतता जा रहा था और लॉरेना को ऐसा महसूस होने लगा था जैसे वो जॉन की सेक्स गुलाम बनकर रह गई है. उसे शारीरिक संबंध के दौरान खुशी महसूस नहीं होती थी बल्कि ऐसा लगने लगा था कि वो जॉन की खरीदी हुई चीज़ है जिसे जॉन अपनी संतुष्टि के लिए इस्तेमाल करता है. एक पति की तरह वह अपनी पत्नी की इच्छाओं और संतुष्टि का खयाल नहीं रखता था. लॉरेना के मन में जॉन के लिए नफरत पलती जा रही थी.
हर तरह से कई किस्मों के अत्याचार सहने के बाद लॉरेना ने जब भी जॉन के साथ संबंध बनाने से इनकार किया तब तब जॉन ने उसके साथ ज़बरदस्ती की. लॉरेना को ऐसा महसूस होने लगा कि उसकी मर्ज़ी कोई मायने नहीं रखती. भले ही शादी का रिश्ता हो, जॉन उसका पति हो लेकिन वह उसके साथ जिस तरह पेश आता था, उसे किसी हमले जैसा महसूस होता था. लॉरेना ने इस सिलसिले को और बर्दाश्त न करने का मन बना लिया था.
साल 1993 में 23 जून की देर शाम जब जॉन घर लौटा तो उसने अक्सर की तरह लॉरेना के साथ शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की. लॉरेना ने मना किया और एक हद तक विरोध भी. लेकिन, जॉन अपने फितूर में लॉरेना की एक न सुनते हुए अपने मन की करने पर उतारू हो गया. आखिरकार जॉन ने मनमानी की और लॉरेना को फिर महसूस हुआ कि उस रात भी उसके साथ जॉन ने बलात्कार किया. इसके बाद जॉन सो गया लेकिन लॉरेना रोती हुई जागती रही और उसकी तरफ देखकर घिन महसूस करती रही.
कुछ देर बाद लॉरेना ने अपने आंसू पोंछे और कपड़े पहनकर पहले बाथरूम गई. अपना चेहरा धोने के बाद वह किचन में गई और एक धारदार बड़ा चाकू लेकर बेडरूम में आई. उसने तसल्ली की कि रेप करने के बाद जॉन सो चुका है और उसकी नींद कुछ गहरी हो गई है. लॉरेना ने चाकू से जॉन पर हमला किया और उसका लिंग काट दिया. इस हमले के बाद सिवाय चीखते जाने के जॉन कुछ और नहीं कर सका. कुछ देर चिल्लाने के बाद वह बेहोश हो गया.

इसके बाद लॉरेना गुस्से में घर से निकल गई और उसने जॉन का कटा हुआ अंग एक खेत में फेंकने के बाद पुलिस को कॉल कर घटना की जानकारी दी थी. इस केस की सुनवाई में लॉरेना का पूरा पक्ष सुनने के साथ ही, अदालत ने जॉन का पक्ष सुना तो वह बार बार बयान बदलता रहा. कभी उसने कहा कि उस रात सेक्स दोनों की सहमति से हुआ था, तो कभी कहा कि वह शारीरिक संबंध बनाने के दौरान ही सो गया था तो कभी ये कहा कि उस रात सेक्स हुआ ही नहीं या संबंध बनाने की पहल लॉरेना ने की थी.
अदालत ने इस केस की गहन सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए लॉरेना को 45 दिनों तक अस्पताल में एक तरह की काउंसलिंग के बाद बरी कर दिए जाने का आदेश दिया और जॉन के खिलाफ रेप का मुकदमा न चलाने का भी. इसके बाद एक और कानूनी कार्रवाई शुरू हुई और 1995 में जॉन और लॉरेना का कानूनन तलाक हो गया. दोनों आॅफिशियली अलग हो गए हालांकि लॉरेना ने जॉन को छोड़ तो पहले ही दिया था.
इस केस के बाद बदलीं ज़िंदगियां
ये केस घटना के दिन से ही मीडिया और समाज में बेहद चर्चा में रहा. केस के फैसले और तलाक के बाद एक तरफ जॉन ने नये सिरे से ज़िंदगी जीना चाही तो कई किस्म के काम किए. संगीत बैंड बनाकर नाकाम रहा, इसी केस पर बनी एक दो फिल्मों में उसने काम किया. इसके अलावा पीज़ा डिलीवरी बॉय, ड्राइवर, बारटेंडर जैसे कई काम करता रहा. जॉन ने दूसरी शादी कर अपनी दूसरी पत्नी का सरनेम लगाकर अपना नाम भी बदला. इसके अलावा जॉन आगे भी महिलाओं को प्रताड़ित और अब्यूज़ करने के मामलों में गिरफ्तार हुआ.

जॉन बॉबिट और लॉरेना.
दूसरी तरफ, लॉरेना ने अपनी मां के सरनेम के ज़रिये अपना नाम बदल लिया और कई सालों तक गुमनामी में रही. साल 2007 में वह एक ब्यूटी सलून में काम करती हुई पाई गई और इसी साल उसने घरेलू हिंसा की रोकथाम के लिए एक संस्था बनाई. लॉरेना एक और आदमी के साथ रिलेशनशिप में रही और उसकी एक बेटी भी हुई. फिर 2009 में एक टीवी शो में लॉरेना और जॉन तलाक के बाद से पहली बार एक साथ दुनिया को नज़र आए जिसमें जॉन ने सार्वजनिक माफी मांगी थी और कहा था कि वह तब भी लॉरेना से प्यार करता था.
इस केस के बाद एक सामाजिक पहलू नज़र आया. इस केस से जुड़े विमर्श और हास्य समाज में लगातार चर्चा का विषय रहा और टीशर्ट, एडवरटाइज़िंग होर्डिंग्स या विज्ञापनों आदि स्तरों पर इस केस के हवाले से स्लोगन चर्चा में आते रहे. फिल्मों में इस केस के हवाले दिए गए. इस तरह के अपराध होने लगे और मेडिकल साइंस में एक नया शब्द जुड़ा 'बॉबिटाइज़' क्योंकि इस घटना के वक्त जॉन का सरनेम बॉबिट था. किसी महिला द्वारा किसी पुरुष को ऐसी सज़ा दिए जाने के संदर्भ में यह शब्द आम जनजीवन का हिस्सा बन गया.
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