Shani Amavasya 2019: आज करें शनिदेव के इन 5 मंदिरों में दर्शन, होंगे सब दुख दूर, झलक से ही मिलता है शुभ फल!

5 famous shani temple of india
Shani Amavasya 2019: आइए जानते हैं भारत के ऐसे शनि मंदिर के बारे में जिनकी झलक मात्र से ही मनुष्य के सब दुःख-दर्द दूर हो जाएंगे.
- News18Hindi
- Last Updated: May 4, 2019, 8:22 AM IST
हिंदू धर्मशास्त्रों में 33 करोड़ देवी-देवताओं का जिक्र है. इनमें से एक हैं शनिदेव जिन्हें समस्त ग्रहों का स्वामी माना जाता है. शनिदेव को न्याय का देवता कहा गया है. शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है. शनिदेव अपने भक्तों को लेकर जितने दयालू हैं दुष्ट व्यक्तियों के लिए उतने ही कठोर भी हैं. माना जाता है अगर किसी व्यक्ति पर शनि की साढ़ेसाती या ढाई चल रही हो तो उस व्यक्ति का भाग्य गर्दिश में रहता है. शनिदेव काफी जल्दी प्रसन्न हो जाने वाले देवता अगर भक्त सच्चे मन से उनके दर्शन करें तो शनिदेव उसकी सभी परेशानियां हल कर देते हैं. आइए जानते हैं भारत के ऐसे शनि मंदिर के बारे में जिनकी झलक मात्र से ही मनुष्य के सब दुःख-दर्द दूर हो जाएंगे.
शनि देवता का सबसे मशहूर मंदिर है शनि शिंगणापुर में. यह मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित है. यहां शनिदेव एक काले पत्थर के रूप में विराजमान हैं. मान्यता है कि यह शनि भगवान का विग्रह रूप है. ऐसी लोककथा है कि एक मामा-भांजे को शनिदेव में सपने में दर्शन देकर बताया था कि पास के तालाब में जो पत्थर है जो मैं ही हूं. उसे एक मंदिर में स्थापित करो. इसके बाद मामा-भांजे ने गांव वालों की सहायता से पत्थर को उठाकर मंदिर में स्थापित किया. मंदिर के विषय में एक और चमत्कारिक मान्यता प्रचलित है जिसके अनुसार, शनिदेव गांव में रहने वाले लोगों और उनके घर की रक्षा करते हैं. यही वजह है कि इस गांव में रहने वाले लोगों ने घर में दरवाजे नहीं लगवाए हैं. उन्हें चोरी का भी कोई डर नहीं है.
भारत के वे मंदिर जहां है छिपे हुए खजानों का अंबार, लेकिन कोई नहीं लगा सकता हाथ
शानिदेव का ऐसा ही एक मंदिर मध्य प्रदेश के इंदौर में है. इस मंदिर में पुजारी शनिदेव का सोलह श्रृंगार करते हैं. इस मंदिर में एकदम राजाओं की तरह शनिदेव का श्रृंगार होता है. भारत में बने शनिदेव के अन्य मंदिरों में एकदम काली प्रतिमा है लेकिन ये मंदिर इस मामले में काफी अलग है.मध्य प्रदेश में महाकाल की नगरी उज्जैन में क्षिप्रा नदी के किनारे एक ऐसा ही शनि मंदिर है. इसे नवग्रह शनि मंदिर कहा जाता है. दूर-दूर से लोग इस मंदिर का दर्शन करने आते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर के दर्शन करने से सारे दुःख और कष्ट दूर होते हैं. माना जाता है कि इस मंदिर में शनिदेव भगवान शिव के रूप में विराजमान हैं. राजा विक्रमादित्य ने करीब 2 साल पहले इस मंदिर की स्थापना की थी.
शनिदेव का एक अन्य प्रसिद्ध मंदिर उत्तर प्रदेश में ब्रजमंडल के कोसीकलां गांव में है. गांव वालों की मान्यता है कि इस मंदिर में शानिदेव् के दर्शन करने के लिए भगवान कृष्ण खुद आए थे. श्रीमद्भागवद्गीता में भी इस बात का उल्लेख है. जो भक्त सच्चे मन से इस मंदिर की परिक्रमा करता है शनिदेव उसके सारे कष्टों को हर लेते हैं.
गर्मियों में लू से बचने के लिए ऐसे पिएं सत्तू, गर्भवती महिलाओं के लिए भी है अमृत
शनिदेव का शनिश्चरा मंदिर एक प्राचीन मंदिर है जोकि मध्य प्रदेश के ग्वालियर में है. इस मंदिर में शनिदेव पिंडी के रूप में विराजमान हैं. लोगों का ऐसा मानना है कि शनिदेव के रूप को बजरंगबली ने लंका से फेंका था जिसके बाद ये यहां आकर गिरा. तभी से इस पिंडी की पूजा शनिदेव के रूप में होने लगी. इस मंदिर में भक्त शनिदेव के गले लगकर उन्हें अपनी तकलीफें, दुख, दर्द बताते हैं. इसके बाद पिंडी पर सरसों का तेल अर्पित करते हैं. मान्यता है कि यहां शनिदेव भक्तों की सभी तकलीफें दूर करते हैं.
एक क्लिक और खबरें खुद चलकर आएंगी आपके पास, सब्सक्राइब करें न्यूज़18 हिंदी WhatsApp अपडेट्स
शनि देवता का सबसे मशहूर मंदिर है शनि शिंगणापुर में. यह मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित है. यहां शनिदेव एक काले पत्थर के रूप में विराजमान हैं. मान्यता है कि यह शनि भगवान का विग्रह रूप है. ऐसी लोककथा है कि एक मामा-भांजे को शनिदेव में सपने में दर्शन देकर बताया था कि पास के तालाब में जो पत्थर है जो मैं ही हूं. उसे एक मंदिर में स्थापित करो. इसके बाद मामा-भांजे ने गांव वालों की सहायता से पत्थर को उठाकर मंदिर में स्थापित किया. मंदिर के विषय में एक और चमत्कारिक मान्यता प्रचलित है जिसके अनुसार, शनिदेव गांव में रहने वाले लोगों और उनके घर की रक्षा करते हैं. यही वजह है कि इस गांव में रहने वाले लोगों ने घर में दरवाजे नहीं लगवाए हैं. उन्हें चोरी का भी कोई डर नहीं है.
भारत के वे मंदिर जहां है छिपे हुए खजानों का अंबार, लेकिन कोई नहीं लगा सकता हाथ
शनिदेव का एक अन्य प्रसिद्ध मंदिर उत्तर प्रदेश में ब्रजमंडल के कोसीकलां गांव में है. गांव वालों की मान्यता है कि इस मंदिर में शानिदेव् के दर्शन करने के लिए भगवान कृष्ण खुद आए थे. श्रीमद्भागवद्गीता में भी इस बात का उल्लेख है. जो भक्त सच्चे मन से इस मंदिर की परिक्रमा करता है शनिदेव उसके सारे कष्टों को हर लेते हैं.
गर्मियों में लू से बचने के लिए ऐसे पिएं सत्तू, गर्भवती महिलाओं के लिए भी है अमृत
शनिदेव का शनिश्चरा मंदिर एक प्राचीन मंदिर है जोकि मध्य प्रदेश के ग्वालियर में है. इस मंदिर में शनिदेव पिंडी के रूप में विराजमान हैं. लोगों का ऐसा मानना है कि शनिदेव के रूप को बजरंगबली ने लंका से फेंका था जिसके बाद ये यहां आकर गिरा. तभी से इस पिंडी की पूजा शनिदेव के रूप में होने लगी. इस मंदिर में भक्त शनिदेव के गले लगकर उन्हें अपनी तकलीफें, दुख, दर्द बताते हैं. इसके बाद पिंडी पर सरसों का तेल अर्पित करते हैं. मान्यता है कि यहां शनिदेव भक्तों की सभी तकलीफें दूर करते हैं.
एक क्लिक और खबरें खुद चलकर आएंगी आपके पास, सब्सक्राइब करें न्यूज़18 हिंदी WhatsApp अपडेट्स