स्वाद का सफ़रनामा (Swad Ka Safarnama).
Swad Ka Safarnama: भारत के भोजन में जब गरम मसाले की बात होती है तो उसमें चक्र फूल का नाम भी आता है. यह मसाला तो है ही, इसे औषधि भी माना जाता है. पूरी दुनिया में इस मसाले का कई प्रकार से प्रयोग किया जाता है. उसका कारण यह है कि इस छोटे से ‘फूल’ में विटामिन्स व मिनरल्स की भरमार है. इसमें पाए जाने वाले यही गुण शरीर के साथ-साथ दिमाग को भी दुरुस्त रखते हैं. यह विदेशी मसाला है और भारत में यह सिर्फ एक ही राज्य में उगता है.
चक्र फूल (Star Anise) जिसे भारत में बादियान भी कहा जाता है, इस फूल न समझा जाए. यह असल में पेड़ में फूल से निकलने वाला फल है. इसमें खुशबूदार तीखी गंध होती है और यह कुछ-कुछ मीठा स्वाद लिए होता है, लेकिन इस स्वाद में तीखापन होता है. इसका अपना स्वाद तो है ही, साथ ही रगड़ने पर यह सौँफ जैसी गंध व स्वाद भी देता है. भारत में इसे गरम मसाले के रूप में प्रयोग में किया जाता है. लेकिन अलग से यह बिरयानी, पुलाव या मांसाहारी भोजन में भी प्रयोग में लाया जाता है. पूरी दुनिया में भोजन में इसका खूब उपयोग होता है और मांस को मसालेदार बनाने, कन्फेक्शनरी, अचार, शीतल पेय, बेकरी उत्पादों में भिन्न-भिन्न तरीकों से इसे डाला जाता है. जैम, पुडिंग, सिरप की भी यह जान है.
यह इतना बहुपयोगी है कि चाय का स्वाद बढ़ाने के अलावा शराब के फ्लेवर को बदलने के लिए भी इसका प्रयोग होता है. विशेष बात यह है कि आयुर्वेद में इसको विशेष महत्व दिया गया है और गुणों के मामले में इसे अश्वगंधा के समकक्ष रखा गया है. ऐलोपैथ में इसके अर्क का उपयोग स्वाइन फ्लू से जुड़ी दवाओं में किया जाता है.
इसे भी पढ़ें: स्वाद का सफ़रनामा: पहाड़ी फलों का राजा माना जाता है माल्टा, बेहद गुणकारी है यह फ्रूट, इतिहास भी है रोचक
चीनियों ने हजारों वर्ष पूर्व इसकी विशेषता समझ ली थी
चक्र फूल को चीन का मसाला माना जाता है. भारत में गरम मसाला बनाया जाता है तो उसमें कई प्रकार के खड़े मसालों को पीसा जाता है. चीन में भोजन का पौष्टिक व स्वादिष्ट बनाने के लिए पांच मसालों का एक पाउडर बनाया जाता है, जिसमें चक्र फूल के अलावा लौंग, दालचीनी, सौंफ और सिचुआन (देसी काली मिर्च) मिलाए जाते हैं. माना जाता है यह 3000 साल पहले दक्षिणी चीन में पैदा हुआ. चीनियों ने शुरू से ही इसकी विशेषताएं ज्ञात कर ली थी और तब से ही इसका दवा और मसालों के रूप में प्रयोग हो रहा है. विश्वकोश ब्रिटेनिका (Britannica) के अनुसार चीन के अलावा इसका उत्पत्ति केंद्र वियतनाम भी है और इस फल का उपयोग मसाले और दवा रसायनों व इसके वाष्पशील, सुगंधित तेल का उपयोग आमतौर पर कैंडीज, लिकर और इत्र के स्वाद के लिए किया जाता है.
फार्मास्युटिकल उद्योग में, चक्र फूल से निकला शिकिमिक एसिड एक प्रमुख स्रोत है, जिसका उपयोग इन्फ्लुएंजा रोधी दवा ओसेल्टामिविर में होता है. स्पाइसेस बोर्ड भारत (Spices Board India) के अनुसार चक्र फूल का भारत में उत्पादन कुछ हद तक अरुणाचल प्रदेश में होता है. लेकिन वहां यह कब से उग रहा है, इसकी जानकारी बोर्ड को नहीं है. फूड हिस्टोरियन अनुमान लगाते हैं कि चूंकि अरुणाचल प्रदेश के समीप ही चीन है, इसलिए वहां भी यह हजारों वर्ष से उग रहा है. खास बात यह है कि Star आकार के फूल चक्र का विश्व में जितना भी उत्पादन होता है, उसका 90 प्रतिशत भाग चीन में ही पैदा होता है.
हैरतअंगेज रूप से भरे हुए पोषक तत्व
असल में चक्र फूल एक खास मसाला और औषधि इसलिए है कि यह चीन के कुछ भागों, अरुणाचल प्रदेश और एकाध देश में ही उगता है. यह जापान में भी उगता है, लेकिन वहां इसे जहरीला माना जाता है और यह शरीर के लिए हानिकारक है. चूंकि यह विशेष है इसलिए इसमें पोषक तत्व भी विशेष हैं. आधुनिक विज्ञान बताता है कि चक्र फूल आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम और मैगनीज का अच्छा स्रोत है. इसमें कई विटामिन बी1, बी2, बी3 और बी6 और कुछ विटामिन ई भी होते हैं. इसके अलावा चक्र फूल पाउडर या बीज में सेलेनियम, जिंक और कॉपर भी अच्छी मात्रा में होता है.
जाने माने आयुर्वेदाचार्य डॉ. आरपी पराशर के अनुसार आयुर्वेद में इसे दवा के रूप में भी प्रयोग में लाया जाता है. यह मधुर, कषाय, वातशामक, भूख बढ़ाने वाला, पाचनशाली, कफरोधी, सुगन्धित तथा दुर्गन्धनाशक होता है. इसमें प्राकृतिक रूप से मस्तिष्क स्वास्थ्य बूस्टर का गुण है. यह एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है जो मस्तिष्क के सबसे सक्रिय क्षेत्रों में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाता है. इसमें अश्वगंधा समकक्ष गुण हैं, जिससे दिमाग दुरुस्त रहता है, नींद अच्छी आती है और नर्वस सिस्टम ठीक रहता है.
इसे भी पढ़ें: स्वाद का सफ़रनामा: खाने का स्वाद बढ़ाने वाला करी पत्ता गुणों से है भरपूर, शुगर भी करता है कंट्रोल
सर्दी, फ्लू, खराश से देता है आराम
डॉ. पराशर के अनुसार रिसर्च बताती हैं कि चक्र फूल में अवसाद के लक्षणों को कम करने में मदद करता है. उसका कारण यह है कि विटामिन बी की बहुतायत है, जो तनाव को रोकता है और मूड का फ्रेश रखता है. इसे चाय में उबालकर पिया जाए तो शरीर को विटामिन बी मिल जाता है, साथ ही सर्दी, फ्लू और गले में खराश में आराम मिलता है. चक्र फूल में मौजूद तेल पाचन संबंधी समस्याओं का इलाज करने में मदद करते हैं. इनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो अल्सर से बचाव करते हैं और आंतों के संक्रमण से बचा सकते हैं. एंटीऑक्सिडेंट गुणों के कारण यह शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को स्वाभाविक रूप से बाहर निकालने की क्षमता को बढ़ाकर प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ा देता है, जिससे बीमारी से लड़ा जा सके. यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है, साथ ही इसमें पाया जाने वाला फ्लेवोनॉयड्स नामक यौगिक शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावी रूप से कम करने में सहायता करता है. चक्र फूल का कोई साइड इफेक्ट नहीं है और वैसे भी इसका स्वाद ऐसा है कि इसे अधिक मात्रा में नहीं खाया जा सकता, लेकिन अधिक सेवन से स्कीन पर खारिश की आशंका बन सकती है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|