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एलर्जी-अस्थमा की दवाएं लेने वालों को 40 % कम होता है कोरोना संक्रमण का खतरा- स्टडी

अस्थमा, एलर्जी, बुखार, एग्जिमा के मरीज अगर रेगुलर दवाएं लेते हैं तो उन्हें कोरोना का रिस्क तक कम होता है. (प्रतीकात्मक फोटो-shutterstock.com)

अस्थमा, एलर्जी, बुखार, एग्जिमा के मरीज अगर रेगुलर दवाएं लेते हैं तो उन्हें कोरोना का रिस्क तक कम होता है. (प्रतीकात्मक फोटो-shutterstock.com)

People with Allergic diseases has less Risk of Covid: स्टडी के अनुसार एलर्जी (Allergies,), बुखार (Fever,), एग्जिमा (Ecz ...अधिक पढ़ें

    People with Allergic diseases has less Risk of Covid: अगर आपको मौसमी संक्रमण (Seasonal Infection) रहता हैं या फिर आप किसी तरह की एलर्जी के शिकार हैं और आप उसकी दवा रेगुलर ले रहे हैं, तो आपको कोरोना संक्रमण का खतरा 40 फीसदी कम है. लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी (Queen Mary University) की स्टडी में ऐसा दावा किया गया है. इस स्टडी के अनुसार एलर्जी (Allergies), बुखार (Fever), एग्जिमा (Eczema), सर्दी (Cold) और अस्थमा (Asthma) के मरीज अगर रेगुलर दवाएं लेते हैं तो उन्हें कोरोना संक्रमण का रिस्क लगभग 40% तक कम होता है. क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा मई 2020 से फरवरी 2021 तक 16 हजार मरीजों पर की गई स्टडी में ये खुलासा हुआ है. इस दौरान बुखार और एग्जिमा के रोगियों में कोरोना संक्रमण की आशंका लगभग 25 फीसदी कम पाई गई. इसके साथ ही अस्थमा के मरीज जो स्टेरॉयड इनहेलर्स (Steroid Inhalers) का इस्तेमाल करते हैं, उन लोगों में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) की आशंका लगभग 40 फीसदी कम रहती है. इस स्टडी के निष्कर्षों को ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (BJM) थोरेक्स (Thorax) में प्रकाशित किया गया है.

    इस स्टडी के अनुसार सभी नस्लीय लोगों को इसमें शामिल किया गया जिससे कि पता चल सके कि कोरोना संक्रमण का असर किस प्रकार से लोगों पर होता है. इसमें बताया गया है कि कोरोना संक्रमण का घनी आबादी वाले इलाकों में रहने वाले एशियाई मूल के लोगों को ज्यादा खतरा है.

    क्या कहते हैं जानकार
    क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एड्रियन मार्टिनौ (Adrian Martineau) का कहना है कि इस स्टडी  में ये भी सामने आया कि घनी आबादी वाले स्थानों में रहने वाले एशियाई लोगों में कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है. फिर चाहे वे एलर्जी की दवाएं भी लेते हों.

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    एशियाई मूल (Asian origin) के लोगों में श्वेत ब्रिटिश लोगों (White Britishers) की तुलना में संक्रमण का खतरा लगभग दोगुना होता है. स्टडी में ये भी सामने आया कि 60 साल से ज्यादा आयु के पुरुष जो कि एलर्जी की दवाएं जैसे इनहेलर्स (inhalers) लेते हैं, उनमें भी संक्रमण का खतरा कम रहा है.

    नए वेरिएंट पर कितना असर
    इस स्टडी का टाइम कोरोना के डेल्टा (Delta  variant) और ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron variant) से पहले किया गया था.

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    ऐसे में इस स्टडी के द्वारा फिलहाल ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इन वेरिएंट्स के आने के बाद एलर्जी, बुखार और अस्थमा में दवाएं लेने के बाद इन वेरिएंट से कितनी सुरक्षा और इम्यूनिटी प्राप्त होती है. स्टडी में शामिल डॉक्टरों का कहना है इसके लिए जल्द नई स्टडी की जाएगी.

    Tags: Coronavirus, Health, Health News

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