कर्नाटक के मत्तूर गांव में संस्कृत बोली जाती है- Image/Canva
Travel Guide: भारत का इतिहास सदियों पुराना है और आधुनिकता के इस दौर में भी प्राचीन भारत को आसानी से देखा जा सकता है. देश में मौजूद कई स्थान आज भी प्राचीन भारत की छवि को बरकरार रखे हुए हैं. ऐसे में अगर आप भी प्राचीन भारत की झलक देखना चाहते हैं, तो इन गांवों का रुख करके प्राचीन भारत (Ancient India) से रूबरू होने की तमन्ना पूरी कर सकते हैं.आमतौर पर बदलते वक्त के साथ लोगों की जीवनशैली में भी काफी बदलाव देखने को मिलने लगे हैं. मगर, क्या आप जानते हैं, देश की कुछ जगहों पर आज भी प्राचीन काल का वर्चस्व कायम है.
जी हां, उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक आज भी देश के कई गांव आधुनिकता से परे अपने प्राचीन रीति-रिवाजों को संजोते आ रहे हैं. ऐसे में इन गांवों की सैर करके आप भी प्राचीन भारत से रूबरू हो सकते हैं.
बिहार में स्थित नेपुरा गांव आज भी अपनी पुरानी परंपराओं के लिए जाना जाता है. नालंदा और राजगीर के बीच में मौजूद नेपुरा गांव में आज भी लोग अपनी जीविका चलाने के लिए कढ़ाई-बुनाई पर ही निर्भर हैं. एतिहासिक मान्यताओं के अनुसार नेपुरा गांव में ही भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था. वहीं महावीर जैन भी कुछ समय के लिए नेपुरा में रूके थे.
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मत्तूर गांव कर्नाटक के शिमोगा में मौजूद है. आपको जानकर हैरानी होगी कि मत्तूर गांव के लोग आज भी भारत की प्राचीन भाषा संस्कृत में ही बात करते हैं. जी हां, संस्कृत बोलने के साथ-साथ हर रोज नदी किनारे बैठकर मंत्रों का जाप करना भी यहां की सदियों पुरानी परंपराओं में से एक है.
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उत्तर में बिहार और दक्षिण में कर्नाटक के बाद पश्चिम में राजस्थान का मांडवा गांव भी प्राचीन भारत की धरोहर का ही हिस्सा है. कई प्राचीन इमारतें, मिनारें और हवेलियों को संजोए मांडवा राजस्थान के मशहूर टूरिस्ट स्पॉट में से एक है. मांडवा की प्राचीन सभ्यता का दीदार करने के लिए यहां हर साल लाखों की तादाद में पयर्टकों का जमावड़ा लगता है.
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