यहां हर साल लाखों की तादात में धार्मिक आस्था रखने वाले अनुयायी पहुंचते हैं.
Religious Places Of Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश यानी कि देश का दिल. पर्यटन के क्षेत्र में यह प्रदेश काफी समृद्ध माना जाता है. आदिम युग की ऐतिहासिक इमारतें, हरे भरे घने जंगल, दूर तक फैली पर्वत श्रृंखलाएं इस जगह की पहचान रही है. लेकिन जब बात धार्मिक आस्था रखने वाले लाखों करोड़ों सैलानियों की आती है तो बता दें कि यह उन राज्यों की लिस्ट में भी शामिल है जहां हर साल दर्शन करने वालों की संख्या अनगिनत रहती है. तो आइए आज हम बताते हैं कि अगर आप मध्य प्रदेश आएं तो यहां के किन प्रमुख धार्मिक स्थलों में जरूर जाएं.
मध्य प्रदेश के 5 धार्मिक स्थल
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
उज्जैन शहर स्थित भगवान महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (Mahakaleshwar Jyotirlinga) मध्यप्रदेश के सबसे प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है. उज्जैन के नाम का उल्लेख पुराणों और प्राचीन धर्म ग्रन्थों में ‘उज्जयिनी’ और ‘अवन्तिकापुरी’ के नाम से उल्लेखित है. माना जाता है कि मंगल ग्रह का जन्म स्थल मंगलश्वेर भी यहीं पर स्थित है. इसके अलावा, भर्तृहरि की गुफा, महर्षि सान्दीपनि जी का आश्रम भी यहीं मौजूद है. बता दें कि यहीं पर भगवान श्रीकृष्ण और बलराम शिक्षा प्राप्त करने आए थे. यहां हर 12 साल में एक बार सिहंस्थ महाकुम्भ का विशेष मेला लगता है. अगर आप यहां पहुंचना चाहते है तो वायु मार्ग के लिए आप इंदौर एयरपोर्ट पहुंचें जो यहां से करीब 58 किलोमीटर दूरी पर है. जबकि रेलमार्ग से यह लगभग सभी बड़े राज्यों से जुड़ा है. इसके अलावा, आप नेशनल हाइवे 48 और नैशनल हाइवे 52 से भी यहां पहुंच सकते हैं.
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अमरकंटक
मध्य प्रदेश के अनूपपुर ज़िले में स्थित अमरकंटक (Amarkantak) को नर्मदा और सोन नदी के उद्गम-स्थान के रूप में जाना जाता है. यह एक पौराणिक तीर्थस्थल है जो पुराणों में वर्णित सप्तकुल पर्वतों में से एक माना जाता है. यहां अनेक मन्दिर और प्राचीन मूर्तियां मौजूद हैं जिनका सम्बन्ध महाभारत के पाण्डवों से बताया जाता है. यहां पहुंचने के लिए आप निकटतम एयरपोर्ट जबलपुर, जो लगभग 245 किलोमीटर की दूरी पर है, पहुंचकर ट्रैक्सी या बस से यहां आ सकते हैं. जबकि रेल मार्ग से आना हो तो आप पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन पर उतरें. यह स्थल से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर है. आप बिलासपुर आदि जगहों से बस लेकर भी यहां आ सकते हैं.
पीताम्बरा पीठ
मां पीताम्बरा सिद्ध शक्तिपीठ (Pitambara Peeth) मध्य प्रदेश के दतिया शहर में स्थित है. मान्यता है कि यहां विराजमान देवी दिन में 3 बार अपना रूप बदलती हैं. आस्था रखने वालों का मानना है कि माता के दर्शन मात्र से इच्छा पूरी हो जाती है और शत्रुओं का नाश होता है. कई भक्त यहां गुप्त रूप से मनोकामना पूर्ति के लिए विशेष पूजा अर्चना आदि करवाते हैं. कहा जाता है कि यहां आने वाले किसी भी भक्त की प्रार्थना कभी भी निष्फल नहीं हुई. दतिया शहर पहुंचने के लिए आप ग्वालियर या झांसी एयरपोर्ट पहुंच सकते हैं जहां से ये जगह लगभग 75 और 29 किमी की दूरी पर है. दतिया रेलवे स्टेशन भी है जो मंदिर से केवल 3 किमी की दूरी पर मौजूद है.
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
मध्यप्रदेश के खंडवा जिला में स्थित ओंकारेश्वर में ये ज्योतिर्लिंग है. ओंकारेश्वर (Omkareshwar Jyotirlinga) में भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के साथ ही अमलेश्वर ज्येतिर्लिंग भी स्थापित है. ओंकारेश्वर एक अलौकिक तीर्थ स्थल है जहां के बारे में मान्यता है कि अगर कोई यहां आकर अन्न दान करे या पूजा पाठ करे या यहां प्राण त्यागे तो उसे सीधा शिव के करीब स्थान प्राप्त होता है. अगर यहां तक पहुंचने की बात की जाए तो यहां वायुमार्ग, सड़क मार्ग और रेल मार्ग से यहां पहुंच सकते हैं. वायुमार्ग से आने के लिए आपको इंदौर हवाई अड्डा पर पहुंचना होगा, जहां से ये जगह 77 किमी की दूरी पर है. जबकि रेलवे से आने के लिए आप खंडवा पहुंच सकते हैं. इसके अलावा, आप इंदौर, उज्जैन, खंडवा, खरगोन से सीधी बस ले सकते हैं.
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मुलताई ताप्ती नदी
यह मंदिर सूर्य की पूत्री सलीला मां ताप्ती (Multai Tapti River) को समर्पित है. मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई शहर का ये जगह ताप्ती का उद्गम स्थल माना जाता है. यहां हर साल ताप्ती जयंती के अवसर पर शानदार मेला का आयोजन किया जाता है. उद्गम स्थल कुंड पर सालोंभर पिंड दान, श्राद्ध कर्म आदि करने दूर-दूर से लोग आते हैं. यहां का नजदीकी हवाई अड्डा भोपाल है जहां से ये जगह 250 किमी. की दूरी पर है. इसके अलावा, यहां मुलताई रेलवे स्टेशन भी मौजूद है. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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Tags: Lifestyle, Madhya Pradesh Tourism, Travel
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