इस बार आप घर पर ही मौजूद चीजों की मदद से सेहरी और इफतारी के लिए तरह तरह के पकवान बनाएं.
आज के समय में भी कई लोग इस बात पर तर्क करते हैं कि मांसाहारी बनना बेहतर है या फिर शाकाहारी बनना. कुछ लोग अपने शौक के लिए नॉन वेज खाते हैं तो वहीं कुछ लोग नॉन वेज खाने को अपने धर्म और परंपरा के विरुद्ध मानते हैं. कुछ लोगों का मानना है कि शाकाहारी खाना खाने से हेल्थ सही बनी रहती है. आइए आपको बताते हैं कुछ ऐसी बातें जो कि आपको शाकाहारी बनने के लिए प्रेरित करेंगी. दरअसल लोग वेज खाने के गुण और प्रभाव से अनजान होते हैं और शाकाहारी बनने का महत्त्व नहीं समझ पाते हैं. आइए आपको बताते हैं कि क्यों शाकाहारी बनना है जरूरी.
स्वास्थ्य के प्रति जागरूक
मांस और डेयरी उत्पादों का अधिक मात्रा में सेवन करने से लोग शरीर के लिए जरूरी सप्लीमेंट और प्राकृतिक फाइबर से वंचित रह जाते हैं जो कि वेजिटेरियन या शाकाहारी खाने में पाए जाते हैं. ये हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. शाकाहारी होने का एक बड़ा फायदा ये भी है की वेज खाने से हार्ट-अटैक, डायबिटीज और मोटापे की समस्या होने की संभावना कम हो जाती है. हालांकि शाकाहारी होने के साथ साथ रोज एक्सरसाइज करना भी शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है.
हेल्थ पर खर्च
संतुलित शाकाहारी भोजन करने से पेट और पाचन को तंदुरुस्त रखा जा सकता है जबकि मांसाहारी भोजन से पाचन शक्ति कमजोर होती है और साथ ही कई तरह की बिमारियों का भी सामना करना पड़ सकता है. बीमार होने पर डॉक्टर के पास भी जाना पड़ता है. इससे स्वास्थ्य पर ज्यादा खर्च होता है. साथ ही शाकाहारी भोजन मांसाहारी भोजन की तुलना में कम खर्चीला भी होता है. इसलिए वेजिटेरियन बने ताकि हेल्दी रह सकें.
कई तरह की वैरायटी
चाहे स्वाद की बात हो या फिर वैरायटी की हर मामले में शाकाहारी भोजन मांसाहारी भोजन से आगे रहता है. आपको बाजार में जितनी वैरायटी मांसाहार की मिलेगी उससे कहीं ज्यादा स्वाद और वैरायटी वाले भोजन वेज में उपलब्ध होंगे. इसलिए शाकाहारी बने और हर तरह के स्वाद और वैरायटी वाले खाने का आनंद लें.
पर्यावरण के प्रति जागरूकता
जानवरों से ही हमारा पर्यावरण है और पर्यावरण ही जानवरों के रहने की जगह. पर्यावरण के बिगड़ने के कारण ही लोगों को प्राकृतिक आपदाएं झेलनी पड़ती हैं जो कि किसी खतरे से खाली नहीं है. जानवरों की खाद ही है जो खेतों में काम आती है जिससे फसल अच्छी होती है और लोगों को बेहतर खाद्य सामग्री मिलती है. जानवरों को भी उनकी जिंदगी जीने का पूरा अधिकार है. इसलिए पर्यावरण और जानवरों की भलाई के लिए मांसाहारी भोजन को छोड़ दें और वेजिटेरियन बनें.
धर्म-दर्शन अभिप्राय
लगभग सभी धार्मिक व सामाजिक परंपराओं में जीवन के प्रति आदर व्यक्त किया गया है लेकिन अहिंसा परमो धर्म या दया धर्म का मूल है, का सिद्धांत भारतीय संस्कृति की एक विलक्षण विशेषता है. चाहे कोई भी धर्मग्रंथ हो, हिंसा का विधान किसी में भी नहीं है. आर्षवचन के भव्य प्रासाद हमेशा से ही अहिंसा, करुणा, वात्सल्य और नैतिक जीवन मूल्यों की ठोस आधारशीला पर रखे जाते हैं. सारे उपदेश जीवन को अहिंसक बनाने के लिए ही कहे जाते हैं और अहिंसक मनोवृति का प्राथमिक कदम शाकाहारी बनना है.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.
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