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World AIDS Day 2021: क्या है एड्स की बीमारी, कैसे फैलती है यह और क्या है इसका इलाज जानिए

एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के लिए एंटीरेट्रोवायरल दवाई आ गई है. (Image: Shutterstock)

एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के लिए एंटीरेट्रोवायरल दवाई आ गई है. (Image: Shutterstock)

World AIDS day: एड्स (acquired immune deficiency syndrome) एचआईवी (human immunodeficiency virus -HIV) का तीसरा और आखिरी ...अधिक पढ़ें

    World AIDS day: 1970 -80 के दशक में एड्स (AIDS- acquired immune deficiency syndrome) दुनिया के लिए सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक थी. जिसे एड्स हो जाता था, उसे अछूत की तरह देखा जाता था. दरअसल, एड्स एचआईवी (human immunodeficiency virus -HIV) का आखिरी चरण है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पूरी तरह से खत्म हो जाती है. अगर व्यक्ति को एड्स हो जाए तो किसी भी तरह के इंफेक्शन को रोकने में शरीर नाकाम हो जाता है.

    विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक दुनिया भर में आज भी 3.77 करोड़ लोग एचआईवी पॉजिटिव हैं. हालांकि अच्छी बात यह है कि आज एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के लिए एंटीरेट्रोवायरल दवाई (antiretroviral treatment -ART) आ गई है जिससे मरीज में वायरस का प्रसार खून तक नहीं हो पाता है. आइए एड्स के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं.

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    क्या है एड्स

    जब ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी वायरस यानी एचआईवी (HIV) का संक्रमण आखिरी चरण में पहुंच जाता है तब किसी व्यक्ति को एड्स होता है. एचआईवी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है. जब एचआईवी के प्रसार को रोकने की व्यवस्था नहीं की जाए तो यह एड्स में बदल जाता है. हालांकि आज भी एचआईवी को पूरी तरह से खत्म करने की दवा नहीं आई है. इसलिए जिस व्यक्ति को एचआईवी होता है, उसे जिंदगी भर इस वायरस के साथ जिंदा रहना पड़ता है. माना जाता है कि 1800 के आसपास मध्य अफ्रीका में चिंपैजी पर सबसे पहले एचआईवी का आक्रमण हुआ था. इसके बाद धीरे-धीरे यह इंसानों में आया. 1970 के बाद यह बीमारी तेजी से दुनिया भर के देशों में फैलने लगी.

    कैसे फैलती है यह बीमारी

    एचआईवी डॉट गॉव के मुताबिक एचआईवी पहले से संक्रमित व्यक्ति से प्रत्यक्ष संपर्क के आधार पर ही एक-दूसरे के शरीर में प्रवेश करता है. यानी यदि संक्रमित व्यक्ति का खून किसी भी तरह से दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर गया, तो एचआईवी का संक्रमण हो जाएगा. यदि संक्रमित व्यक्ति का सीमेन (वीर्य) या प्री सेमिनल फ्लूड दूसरे व्यक्ति में प्रवेश करेगा, तभी एचआईवी होगा.

    यदि संक्रमित व्यक्ति का रेक्टल फ्लूड (गुदाद्वार से निकला तरल पदार्थ) दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाए, तभी एचआईवी होगा. यदि संक्रमित व्यक्ति का वेजाइनल फ्लूड दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाए या बिना सुरक्षात्मक उपाय किए संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाए जाए तभी दूसरे व्यक्ति में एचआईवी फैलेगा. मां का दूध भी बच्चों में एचआईवी फैला सकता है. इस तरह देखा जाए तो असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित व्यक्ति के शरीर से निकले खून या संक्रमित व्यक्ति को दिए गए इंजेक्शन के नीडिल से दूसरे व्यक्ति को इंजेक्शन दिया जाए, तो एचआईवी हो सकता है.

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    लक्षण क्या है

    एचआईवी पॉजिटिव हो जाने के बाद रोगी के लिए मामूली चोट या बीमारी से उबरना मुश्किल हो जाता है. कुछ व्यक्तियों में एचआईवी का संक्रमण होने के 2 से चार सप्ताह बाद फ्लू जैसे लक्षण दिखने लगते हैं. ये लक्षण कई सप्ताह तक रह सकते हैं. इसके अलावा कई अन्य लक्षण भी हैं.- जैसे-
    बुखार
    बहुत ज्यादा ठंड लगना
    लाल चकते
    रात में पसीना आना
    मांसपेशियों में ऐंठन
    गले में खरांश
    थकान
    नसों में सूजन
    मुंह का अल्सर

    कैसे की जाती है रोकथाम

    एचआईवी को अब पूरी तरह से रोका जा सकता है. एचआईवी हो जाने पर एंटीरेट्रोवायरल दवा (antiretroviral treatment -ART) के द्वारा एचआईवी के इंफेक्शन को शरीर में बढ़ने से रोका जा सकता है. अगर किसी मां को एचआईवी है तो भी एआरटी दवा देकर बच्चे में एचआईवी होने से रोका जा सकता है. इसके अलावा जो लोग एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (antiretroviral therapy) ले रहे हैं और उनमें वायरस के प्रसार को दबा दिया गया है तो यौन संबंध बनाए जाने के बावजूद वह अपने पार्टनर में एचआईवी नहीं फैला सकते. हालांकि एचआईवी के फैलने से रोकने का सबसे बेहतर उपाय है सुरक्षित यौन संबंध को अपनाना.

    Tags: Aids, Health, HIV, Lifestyle

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