Lunar Eclipse 2020: कल लगने वाला साल का आखिरी चंद्र ग्रहण है बेहद ख़ास, जानें ये रोचक बातें

इस बार का ये चंद्रग्रहण बेहद खास है (फोटो- फ़ाइल)
Lunar Eclipse 2020: साल 2020 का आखिरी चंद्रगहण (Lunar Eclipse) पेनुब्रल (Penumbral) ग्रहण होगा. नवंबर में लगने वाले चंद्रगहण को 'बीवर चंद्रगहण (Beaver Lunar Eclipse)' कहा जाता है. वहीं, कुछ देशों में इसे 'फ्रोस्टी मून' और 'ओक मून (Oak Moon)' भी कहते हैं...
- News18Hindi
- Last Updated: November 29, 2020, 4:10 PM IST
Lunar Eclipse 2020 : साल 2020 का आखिरी चंद्रगहण (Lunar Eclipse) 30 नवंबर को लगेगा. यह एक पेनुब्रल (Penumbral) ग्रहण होगा. इसमें सूर्य (Sun) से चंद्रमा (Moon) पर सीधी जाने वाली रोशनी (Light) के कुछ हिस्से को पृथ्वी (Earth) की बाहरी परछाई रोकती है. गौरतलब है कि इस दौरान 82 फीसदी हिस्से पर पृथ्वी की छाया सूर्य की रोशनी रोकेगी, इसके कारण चंद्रमा की चमक फीकी पड़ जाएगी.
आइए जानते हैं चंद्रगहण के बारे में यह महत्वपूर्ण बातें.
-दुनिया के कई हिस्सों में नवंबर में लगने वाले चंद्रगहण को 'बीवर चंद्रगहण' कहा जाता है. वहीं, कुछ देशों में इसे 'फ्रोस्टी मून' और 'ओक मून' भी कहते हैं.
Also Read: Lunar Eclipse 2020: आपकी लव लाइफ के लिए ख़ास होंगी चंद्रमा की कलाएं, जानें प्रभाव-हालांकि अपने शिड्यूल के कारण यह चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, लेकिन आप अन्य देशों में लगने वाले चंद्रग्रहण की झलक ऑनलाइन देख सकेंगे.
-लीमा और पेरू इस पेनुब्रल चंद्रगहण को देखने वाले पहले देश होंगे, जो वहां के स्थानीय समय सुबह 2.30 बजे से लगना शुरू होगा.
-साल 2020 में लगने वाले सभी चंद्रग्रहण पेनुब्रल चंद्रग्रहण होंगे.
-अगला चंद्रगहण 26 मई 2021 में लगेगा. यह एक पूर्ण चंद्रग्रहण होगा.
Also Read: Chandra Grahan 2020: साल के आखिरी चंद्र ग्रहण का ऐसा होगा भारत पर असर, यहां देखें LIVE
-बता दें कि चंद्रगहण तीन तरह के पूर्ण, आशिंक और पेनुब्रल होते हैं. पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के ठीक बीच में आ जाती है और सूर्य के प्रकाश को चंद्रमा पर जाने से रोकती है.
-आंशिक चंद्रग्रहण में पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच पूरी तरह से नहीं आ पाती है. इस कारण पृथ्वी पूर्ण रूप से चंद्रमा को ढक नहीं पाती है.
-पेनुब्रल चंद्रग्रहण में हमेशा आंशिक चंद्रग्रहण से शुरू होता है. इसमें पृथ्वी की बाहरी छाया चंद्रमा पर पड़ने लगती है और इसे देखना इसलिए मुश्किल होता है.
चंद्रग्रहण का समय
- भारतीय समय के अनुसार, साल का आखिरी चंद्रग्रहण दोपहर 1.04 बजे से शुरू होकर शाम 5.22 बजे तक रहेगा. इस दिन कार्तिक पूर्णिमा है इसलिए इसे देश के कई हिस्सों में नहीं देखा जा सकेगा. वहीं, चंद्रोदय के समय यह देश के उत्तरी, मध्य और पूर्वी राज्यों में आंशिक रूप से देखा जा सकता है. इन क्षेत्रों में यूपी, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के सभी राज्य शामिल हैं.
आइए जानते हैं चंद्रगहण के बारे में यह महत्वपूर्ण बातें.
-दुनिया के कई हिस्सों में नवंबर में लगने वाले चंद्रगहण को 'बीवर चंद्रगहण' कहा जाता है. वहीं, कुछ देशों में इसे 'फ्रोस्टी मून' और 'ओक मून' भी कहते हैं.
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-लीमा और पेरू इस पेनुब्रल चंद्रगहण को देखने वाले पहले देश होंगे, जो वहां के स्थानीय समय सुबह 2.30 बजे से लगना शुरू होगा.
-साल 2020 में लगने वाले सभी चंद्रग्रहण पेनुब्रल चंद्रग्रहण होंगे.
-अगला चंद्रगहण 26 मई 2021 में लगेगा. यह एक पूर्ण चंद्रग्रहण होगा.
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-बता दें कि चंद्रगहण तीन तरह के पूर्ण, आशिंक और पेनुब्रल होते हैं. पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के ठीक बीच में आ जाती है और सूर्य के प्रकाश को चंद्रमा पर जाने से रोकती है.
-आंशिक चंद्रग्रहण में पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच पूरी तरह से नहीं आ पाती है. इस कारण पृथ्वी पूर्ण रूप से चंद्रमा को ढक नहीं पाती है.
-पेनुब्रल चंद्रग्रहण में हमेशा आंशिक चंद्रग्रहण से शुरू होता है. इसमें पृथ्वी की बाहरी छाया चंद्रमा पर पड़ने लगती है और इसे देखना इसलिए मुश्किल होता है.
चंद्रग्रहण का समय
- भारतीय समय के अनुसार, साल का आखिरी चंद्रग्रहण दोपहर 1.04 बजे से शुरू होकर शाम 5.22 बजे तक रहेगा. इस दिन कार्तिक पूर्णिमा है इसलिए इसे देश के कई हिस्सों में नहीं देखा जा सकेगा. वहीं, चंद्रोदय के समय यह देश के उत्तरी, मध्य और पूर्वी राज्यों में आंशिक रूप से देखा जा सकता है. इन क्षेत्रों में यूपी, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के सभी राज्य शामिल हैं.