Yoga Session With Savita Yadav: भागदौड़ भरी ज़िंदगी (Busy Life) में हर व्यक्ति किसी न किसी तरह से मानसिक तनाव (Mental Stress) में रहता है. कभी कभी तो स्थिति ऐसी बन जाती है कि डॉक्टर तक का सहारा लेना पड़ता है. इससे बचने और इसमें स्थायी आराम पाने के लिए आप बिना देरी के योगासन का सहारा ले सकते हैं. जिससे आपको अन्य समस्याओं से तो छुटकारा मिलेगा ही साथ ही आप तनाव मुक्त भी रह पाएंगे. इन सब परेशानियों से बचने के लिए आज News18 के Live Session में योग प्रशिक्षिका सविता यादव (Savita Yadav) ने योग के गुर सिखाएं हैं. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
सबसे पहले ध्यान करें
किसी भी योगासन की शुरुआत ध्यान के साथ करना चाहिए. इससे मन एकाग्र होता है और योगसन के अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं. अपनी आती जाती सांसों पर ध्यान केंद्रित करें. उसके बाद ओम के साथ किसी भी मंत्र का उच्चारण करें.
कपालभाति
योगा मैट पर बैठ कर अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें. इसके बाद अपने हाथों को घुटनों पर रखें और गहरी लंबी सांस लें. अब सांस छोड़ते हुए धीमी गति से पेट को अंदर की ओर खींचे. इसे अपनी क्षमता अनुसार ही करें. अपनी नाभि को अंदर की ओर खींचे और कुछ सेकेंड में सांस छोड़ दें. एक राउंड खत्म होने के बाद, आराम करें और अपनी आंखों को बंद कर लें. धीरे धीरे करके इस आसान की समयावधि बढ़ाएं. ध्यान रहे कि शुरुआती दौर में आपको ज्यादा फोर्सके साथ नहीं करना है.
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उड्डीयान बंध
उड्डीयान बंध को सांस छोड़ कर और श्वास भर कर भी किया जा सकता है. इसके लिए Padmasana में बैठ जाएं. अब अपनी हथेलियों को घुटनों पर रखें. इसके बाद पेट को अंदर की ओर खींचें. अपनी सांस को धीरे-धीरे अंदर की और लेते हुए अपनी पसलियों को ऊपर की ओर उठाएं. अब अपनी सांस को रोक कर रखें. इसके लिए अपनी क्षमता अनुसार अपनी सांस को होल्ड करें. फिर धीरे से सांस छोड़ दें.
तितली या बटरफ्लाई आसन
तितली आसन महिलाओं के लिए ये आसन विशेष रूप से लाभकारी है. तितली आसन करने के लिए पैरों को सामने की ओर फैलाते हुए बैठ जाएं. रीढ़ की हड्डी सीधी रखें. घुटनो को मोड़ें और दोनों पैरों को श्रोणि की ओर लाएं. दोनों हाथों से अपने दोनों पांव को कस कर पकड़ लें. सहारे के लिए अपने हाथों को पांव के नीचे रख सकते हैं. एड़ी को जननांगों के जितना करीब हो सके लाने का प्रयास करें. लंबी,गहरी सांस लें, सांस छोड़ते हुए घटनों एवं जांघो को जमीन की तरफ दबाव डालें. तितली के पंखों की तरह दोनों पैरों को ऊपर नीचे हिलाना शुरू करें. धीरे धीरे तेज करें. सांसें लें और सांसे छोड़ें. शुरुआत में इसे जितना हो सके उतना ही करें. धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाएं.
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भ्रामरी प्राणायाम करने का तरीका
– भ्रामरी प्राणायाम करने के लिए जमीन पर बैठ जाएं. इसके बाद दोनों हाथों की कोहनियों को मोड़कर कानों तक ले जाएं और अंगूठे के सहारे से कानों को बंद कर लें.
– कानों को बंद करने के बाद हाथों की तर्जनी उंगली और मध्यमा, कनिष्का उंगली को आंखों के ऊपर ऐसे रखें जिससे पूरा चेहरा कवर हो जाए. इसके बाद मुंह को बंद करके नाक से हल्की-हल्की सांस को अंदर और बाहर छोड़े.
– 15 सेकेंड तक ये आसान करने के बाद वापस से नॉर्मल स्थिति में आ जाएं. इस प्राणयाम को 10 से 20 बार दोहराएं. आप चाहे तो शुरुआत में इसे 5 से 10 भी कर सकती हैं
अनुलोम विलोम
सबसे पहले सुखासन में बैठें. इसके बाद दाएं अंगूठे से अपनी दाहिनी नासिका पकड़ें और बाईं नासिका से सांस अंदर लें लीजिए. अब अनामिका उंगली से बाई नासिका को बंद करें. इसके बाद दाहिनी नासिका खोलें और सांस बाहर छोड़ें. अब दाहिने नासिका से ही सांस अंदर लें और उसी प्रक्रिया को दोहराते हुए बाईं नासिका से सांस बाहर छोड़ें
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