आपने अपने सप्ताह के लिए भरपूर सब्जियों का कोटा पूरा कर लिया, विटामिन डी लेने के लिए धुप भी ली, और जिम में पसीना भी बहा लिया। फिर भी आप अपने हेल्थ गोल्स और वजन के लक्ष्यो से पीछे रह जा रहे है। डाइट के मुताबिक भोजन खाने के बावजूद आपकी मासिक स्वास्थ रिपोर्ट में अभी भी कमियां दिखाई पड़ रही है ?
क्या ऐसा कोई फैक्टर है जिससे आपके भोजन को पचाने और पोषक तत्वों को लेने में बदलाव आ जाता है ? इसे एक रूप से सर्कैडियन रिदम कहते है।
क्या है सर्कैडियन रिदम
सर्कैडियन शब्द लैटिन वाक्यांश ‘सर्का दीम’ से लिया गया है जिसका अर्थ है ‘लगभग एक दिन’। सर्कैडियन रिदम या बॉडी क्लॉक एक आतंरिक प्रक्रिया जिससे उठने-जागने का चक्र, एंडोक्राइन, और मेटाबोलिक बाहर के वातावरण के मुताबिक तय होता है। यह शरीर में होमोस्टैटिक संतुलन बनाये रखता है।
पीडी हिंदुजा नेशनल हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च सेंटर की वरिष्ठ आहार विज्ञान स्वीडल त्रिनिदाद बताती है कि मस्तिष्क में हाइपोथैलेमस में स्थित सुप्राचैस्मेटिक न्यूक्लियस (एससीएन) इसे नियंत्रित करता है।
हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन से प्राप्त ऊर्जा का उपयोग प्रोटीन, डीएनए, कोशिका झिल्ली घटकों, पॉलीसेकेराइड आदि को संश्लेषित करने के लिए किया जाता है। हमारी बॉडी क्लॉक भोजन, पाचन, नींद और अन्य कार्यों के समय जानती है। लंबे समय तक सामान्य पैटर्न से विपरीत कार्य सर्कैडियन रिदम को बाधित और पाचन में बाधा डाल सकता है। यह लंबे समय में पूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित भी कर सकता है।
क्या सर्कैडियन रिदम और पोषक तत्वों के अब्सॉर्प्शन के बीच कोई संबंध है? बेंगलुरु के सेंट जॉन्स मेडिकल कॉलेज में फिजियोलॉजी और पोषण विभाग की प्रोफेसर अनुरा कुरपड़ ने कहा कि चूहों में इसका एक स्पष्ट लिंक स्थापित किया गया है।
उन्होंने आगे बताया “पोषक तत्वों के अब्सॉर्प्शन में सर्कैडियन रिदम के प्रभाव पर चूहों पर आधारित एक लिटरेचर मौजूद है। यह पेट और पैंक्रियास द्वारा एंजाइम स्राव में पैटर्न के कारण हो सकता है, या आंतों की कोशिकाओं में शुगर जैसे पचने वाले अणुओं के वास्तविक अब्सॉर्प्शन के कारण हो सकता है। ग्लूकोज, फ्रुक्टोज और डाइपेप्टाइड्स के लिए सर्कैडियन परिवर्तनशीलता- चूहों में बहुत ही बेहतर ढंग से प्रदर्शित की गई है। जाहिर है इंसानों में ऐसा करना मुश्किल होता है। इस बदलाव का रेगुलेशन एक जीन जिसे क्लॉक जीन कहते है उसके द्वारा किया जा सकता है या यहां तक कि नर्व या हार्मोन द्वारा भी जोकि मस्तिष्क के हाइपोथैलेमस में एक ‘हाई कमांड’ द्वारा भी किया जा सकता है।”
प्रोफ़ेसर ने कहा, ऐसा होने का कारण यह है कि जानवरों में नींद-जागने का चक्र होता है, और यह समझ में आता है कि जब भोजन चल रहा होता है तो आंत का काम अपने चरम पर होता है। हमें समय पर भोजन करने की आदत हो जाती है। मनुष्यों में कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि भोजन के समय के पैटर्न को बदलने से रक्त में ग्लूकोज चक्र बदल सकता है। जिन जानवरो में क्लॉक जीन में परिवर्तन होता है, वहां सर्कैडियन रिदम के चलते ग्लूकोस अबॉरप्शन कम हो जाता है। इसी वजह से शिफ्ट में काम करने वाले कर्मी और वह लोग जो टाइम जोन में बहुत ट्रेवल करते है उनमे मोटापे का खतरा अधिक होता है।
ब्रेन क्लॉक और हृदय की गतिविधि
फिजियोथेरेपिस्ट और आहार विशेषज्ञ डॉ रेबेका पिंटो कहती हैं, सर्कैडियन रिदम और हृदय गतिविधि के बीच भी एक संबंध है। वर्षों से, डॉक्टरों और शोधकर्ताओं ने देखा है कि दिन के निश्चित समय में घातक अरिथमियास जैसी हृदय की समस्याएं होने की संभावना अधिक होती है। शाम को रक्तचाप की दवा लेने से इसकी प्रभावशीलता में सुधार होता है क्योंकि यह शरीर के सर्कैडियन रिदम के साथ काम करता है। हाल ही में इसका कारण भी स्पष्ट हुआ है। ब्रेन क्लॉक में मौजूद एक जेनेटिक फैक्टर भी हृदय की विद्युत गतिविधि को नियंत्रित करता है।
इसी तरह, जिस समय आप अपना खाना खाते हैं, वह आपके वजन कम करने के तरीके को प्रभावित करता है। “जब आपका शरीर नियमित एक्सरसाइज़ करने के लिए अभ्यस्त हो जाता है, तो उसे दिन के अलग-अलग समय में फैट को लूज़ या गेन करने की आदत हो जाती है। गलत समय पर गलत खाना खाने से जिम में किये गए आपके प्रयास विफल हो सकते है।
कम नींद और विटामिन की कमी
पैराफिट की संस्थापक और प्रमाणित पोषण विशेषज्ञ पराज प्रिमलानी का कहना है कि जो लोग औसतन सात घंटे से कम सोते हैं उनमें आमतौर पर विटामिन ए, डी और बी1 के साथ-साथ मैग्नीशियम, नियासिन, कैल्शियम, जिंक और फास्फोरस की कमी होती है। बॉडी क्लॉक सिर्फ सोने और जगाने से ज्यादा भी जिम्मेदार होती है। भूख, मानसिक सतर्कता, हार्ट रेगुलेशन, और इम्युनिटी भी दैनिक रिदम पर कार्य करते है। शरीर के प्राकृतिक बॉडी क्लॉक को बिगाड़ने पर कई बीमारियों की उत्पत्ति होती है।
सर्कैडियन रिदम और पाचन
फिटेलो ऐप के सह-संस्थापक डाइटीशियन मैक सिंह का कहना है कि हमारे पूर्वज सूर्यास्त से पहले अपना डिनर किया करते थे, और आधुनिक शोध इसका समर्थन करते हैं। हमारा पाचन तंत्र दिन के समय अपनी पूरी क्षमता पर होता है। अधिकांश एंजाइम और पाचक रस दिन के दौरान स्रावित होते हैं और यह पोषक तत्वों के बेहतर अब्सॉर्प्शन में मदद करता है। जैसे ही हम सूर्यास्त के करीब जाते हैं हमारा पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है। कब्ज और सूजन जैसी पाचन संबंधी समस्याओं में हमेशा वृद्धि होती है। इसका एक बड़ा कारण गलत समय पर भोजन करना भी है।
मैक आगे कहते है कि पाचन के अलावा, हमने नींद संबंधी विकारों और चिंता में लगातार वृद्धि देखी है। इन सभी चिंताओं का सीधा संबंध हमारे सर्कैडियन रिदम से है। आज, हम शायद ही धूप में बाहर जाते हैं और इससे हमारी बॉडी क्लॉक प्रभावित होती है। इसके अलावा, हर जगह कृत्रिम प्रकाश व्यवस्था बॉडी क्लॉक को भ्रमित करती है। एक अशांत बॉडी क्लॉक पाचन तंत्र को पाचन एंजाइमों के स्राव के बारे में भ्रमित करती है।
सर्कैडियन रिदम को कैसे ठीक करे
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