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महान कव‍ि गोस्‍वामी तुलसीदास की अलग-अलग छव‍ि का कैलेंडर र‍िलीज, बचपन से लेकर युवावस्था की द‍िखेगी झलक

तुलसीदास पर आधारित एक रंगीन कैलेंडर पेश किया है. इस कैलेंडर (Calendar) की खास बात ये है कि इसके माध्यम से लोग तुलसीदास की उन छवियों से रूबरू हो सकेंगे. (Photo-News18Hindi)

तुलसीदास पर आधारित एक रंगीन कैलेंडर पेश किया है. इस कैलेंडर (Calendar) की खास बात ये है कि इसके माध्यम से लोग तुलसीदास की उन छवियों से रूबरू हो सकेंगे. (Photo-News18Hindi)

Goswami Tulsidas: तुलसीदास पर आधारित एक रंगीन कैलेंडर पेश किया है. इस कैलेंडर (Calendar) की खास बात ये है कि इसके माध्य ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

तुलसीदास जी महान हिंदी साहित्यकार और रामचरित मानस जैसे अमर महाकाव्य के रचनाकार
तुलसीदास जी का नाम किसी कागज या किताब पर ही नहीं, बल्कि लोगों के दिलों पर छपा है
उनकी छवि की महज एक या दो तस्वीरें ही सामने आती हैं

नई दिल्ली.16वीं सदी के सर्वश्रेष्ठ कवि गोस्वामी तुलसीदास (Goswami Tulsidas) पर दिलचस्प डिजिटल सीरिज प्रस्तुत करने वाले केवल कपूर अब उनसे जुड़ी एक और शानदार पेशकश के साथ सामने आए हैं. उन्होंने तुलसीदास पर आधारित एक रंगीन कैलेंडर पेश किया है. इस कैलेंडर (Calendar) की खास बात ये है कि इसके माध्यम से लोग तुलसीदास की उन छवियों से रूबरू हो सकेंगे, जो आज के दौर में ना तो इंटरनेट पर उपलब्ध हैं और ना ही किसी संग्रहालय या लाइब्रेरी में. केवल कपूर कहते हैं कि अभी तक हम तुलसीदास को एक महान हिंदी साहित्यकार और रामचरित मानस (Ramcharit Manas) जैसे अमर महाकाव्य के रचनाकार के रूप में ही जानते हैं.

इसके अलावा भी तुलसीदास ने कवितावली, दोहावली, हनुमान बाहुक, पार्वती मंगल, रामलला नहछू सहित कई रचनाएं लिखी हैं. उनके दोहे आज भी जन-जन की जुबां पर हैं और यह भी कहा जाता है कि तुलसीदास को साक्षात प्रभु श्रीराम के दर्शन हुए थे. अपनी भक्ति और लेखनी के बल पर तुलसीदास ने वह मकाम हासिल किया कि उनका नाम आज सिर्फ किसी कागज या किताब पर ही नहीं, बल्कि हमेशा हमेशा के लिए लोगों के दिलों पर छप चुका है. लेकिन उनकी छवि की बात करें तो महज एक या दो तस्वीरें ही सामने आती हैं. वह अपने बचपन और युवावस्था में कैसे दिखते थे, यह कहीं देखने को नहीं मिलता.

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डिजिटल सीरिज पर चर्चा करते हुए केवल कपूर बताते हैं कि अगले चार महीनों में इसके तकरीबन 64 और एपिसोड आएंगे. इससे जुड़े अनुभव पर वह कहते हैं, “तुलसीदास पर रिसर्च करते समय मैंने महसूस किया कि उनके इक्का-दुक्का चित्र ही किताबों और पत्रिकाओं में देखने को मिलते हैं. यहां तक कि इंटरनेट पर भी तुलसीदास के इक्का-दुक्का चित्र ही उपलब्ध हैं.

इसलिए कि मैंने महसूस किया कि तुलसीदास की छवियों पर भी काम करना जरूरी है. वैसे भी, बदलते दौर में लोगों के घरों से धर्म और संस्कृति से जुड़े प्रतीक गायब होते जा रहे हैं. उनका मकसद है कि कैंलेंडर के माध्यम से तुलसीदास लोगों के घर-घर तक पहुंचे और लोग उनके बारे में जानें. उसी सोच और कल्पना का परिणाम अब तुलसीदास के कैलेंडर के रूप में सबके सामने है.”

बकौल केवल कपूर, तुलसीदास के जो भी चित्र अभी तक हम देखते हैं, वे सभी कल्पना पर आधारित हैं. क्योंकि उनकी कोई असल तस्वीर उपलब्ध नहीं है. इसलिए कैलेंडर में भी कल्पना पर आधारित चित्र प्रकाशित किए गए हैं. हर महीने के पेज पर तुलसीदास की एक अलग छवि देखने को मिलती है. हर पेज पर उनकी एक रचना है और 12 पृष्ठों पर उनकी बाल्यावस्था से लेकर वृद्धावस्था तक के खूबसूरत चित्र प्रस्तुत किए गए हैं. उन्होंने बताया कि डिजिटल सीरिज के अलावा भी तुलसीदास पर बड़े पैमाने पर काम चल रहा है, जिसे जल्द ही लोगों के सामने लाया जाएगा.

Tags: Hindi Literature, Literature, Poet

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