मुंबई किताब उत्सव में पुस्तक 'हिन्दोस्तां हमारा' पर चर्चा करते हुए जावेद अख्तर.
Mumbai Kitab Utsav: राजकमल प्रकाशन के मुंबई, वर्ली के नेहरू सेंटर में आयोजित ‘किताब उत्सव’ में जावेद अख़्तर, रंजीत कपूर, सीमा कपूर, जैरी पिंटो, युनूस खान, शान्ता गोखले, अतुल तिवारी, अनुराग चतुर्वेदी जैसे दिग्गज साहित्यकारों ने शिरकत की. ‘किताब उत्सव’ में वक्ताओं ने सिनेमा, साहित्य और संस्कृति से जुड़े कई विषयों पर बातचीत की. कार्यक्रम में जैरी पिंटो के हिंदी में अनूदित उपन्यास ‘माहिम में क़त्ल’ और सारंग उपाध्याय के उपन्यास ‘सलाम बॉम्बे व्हाया वर्सोवा डोंगरी’ का लोकार्पण किया गया.
‘नाटक कंपनी से सिनेमा तक’ विषय पर आयोजित एक सत्र में शीर्षस्थ रंग-निर्देशक रंजीत कपूर और सीमा कपूर से सुरेश शर्मा ने बातचीत की. इस सत्र में रंजीत कपूर ने थिएटर में आने से पहले और बाद के अपने कई अनुभव और किस्से श्रोताओं को सुनाए. रंजीत कपूर ने कहा कि “साहित्य की यह दुनिया मेरे लिए रूहानी खुराक है. उसके बिना मैं जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकता. मैं आज भी कुछ पढ़े या सुने बिना सो नहीं पाता.”
सीमा कपूर ने अपने अनुभवों पर बात करते हुए कहा कि “हम सब बहन-भाइयों का बचपन एक ऐसे पारिवारिक माहौल और ऐसे समाज में गुजरा है जहां नाटक और थिएटर जैसी चीजों को हीनता की दृष्टि से देखा जाता था.” उन्होंने बताया कि किस तरह उन चारों भाई-बहन ने थिएटर से जुड़कर नाटक की दुनिया में अपनी पहचान कायम की.
एक अन्य सत्र में अंग्रेजी भाषा की मशहूर लेखक जैरी पिंटो के हिंदी में अनूदित उपन्यास ‘माहिम में कत्ल’ का लोकार्पण शान्ता गोखले ने किया. इसके बाद रेडियो उद्घोषक युनूस खान ने जैरी पिंटो से उनके नए उपन्यास पर बातचीत की. युनूस खान ने कहा कि “मुम्बई महानगरी की तह के नीचे जो कुछ घटित होता है और सबकी नज़रों में नहीं आ पाता, यह उपन्यास उसकी कहानी है.”
जैरी पिंटो ने बातचीत में पितृसत्ता, समलैंगिकता, सेक्सवर्क, न्याय व्यवस्था और आपराधिक प्रवृत्ति पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि पितृसत्ता एक ऐसी आवाज है जो हमें हर बार कुछ करने, कहीं जाने से या कुछ बोलने से रोकती रहती है. हमें टोकती रहती है.”
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एक अन्य सत्र में सारंग उपाध्याय के उपन्यास ‘सलाम बॉम्बे व्हाया वर्सोवा डोंगरी’ का लोकार्पण अनुराग चतुर्वेदी ने किया. उपन्यास पर बातचीत करते हुए सारंग उपाध्याय ने कहा कि “यह उपन्यास मुम्बई में रहने वाले मछुआरों के उस बड़े वर्ग के जीवन पर बात करता है जिस पर आमतौर पर हमारा ध्यान कम जाता है. इस उपन्यास में अतीत और वर्तमान दोनों समय की घटनाओं का जिक्र आता है. इसमें आतंकी हमलों से बार-बार छलनी हो रहे मुम्बई शहर का भी वर्णन आता है.”
एक सत्र में प्रसिद्ध गीतकार जावेद अख़्तर ने जां निसार अख़्तर द्वारा संपादित पुस्तक ‘हिन्दोस्तां हमारा’ के नए संस्करण का लोकार्पण किया. पुस्तक के विषय पर जावेद अख़्तर से अतुल तिवारी ने बातचीत की. बातचीत के दौरान जावेद अख़्तर ने कहा कि “आजकल उर्दू पढ़ने वाले लोग कम हो रहे हैं लेकिन उसे सुनने वाले और उससे मोहब्बत करने वाले लोग बढ़ रहे हैं. वर्तमान में उर्दू को देवनागरी में सबसे ज्यादा पढ़ा जा रहा है, इतना इसे पहले कभी नहीं पढ़ा गया.”
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