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राम अवतार त्यागी की मशहूर कविता- 'मैं तो तोड़ मोड़ के बंधन, अपने गांव चला जाऊंगा'

राम अवतार त्यागी की कविताएं एनसीईआरटी की किताबों में नौवीं और बारहवीं के पाठयक्रम में पढ़ाई जाती हैं.

राम अवतार त्यागी की कविताएं एनसीईआरटी की किताबों में नौवीं और बारहवीं के पाठयक्रम में पढ़ाई जाती हैं.

प्रसिद्ध कवि राम अवतार त्यागी का जन्म उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के कुरावली गांव में एक किसान परिवार में हुया था. र ...अधिक पढ़ें

मैं तो तोड़ मोड़ के बंधन
अपने गांव चला जाऊंगा
तुम आकर्षक सम्बन्धों का,
आंचल बुनते रह जाओगे।

मेला काफी दर्शनीय है
पर मुझको कुछ जमा नहीं है
इन मोहक कागजी खिलौनों में
मेरा मन रमा नहीं है.
मैं तो रंगमंच से अपने
अनुभव गाकर उठ जाऊंगा
लेकिन, तुम बैठे गीतों का
गुंजन सुनते रह जाओगे।

आंसू नहीं फला करते हैं
रोने वाले क्यों रोता है?
जीवन से पहले पीड़ा का
शायद अंत नहीं होता है
मैं तो किसी सर्द मौसम की
बांहों में मुरझा जाऊंगा
तुम केवल मेरे फूलों को
गुमसुम चुनते रह जाओगे।

मुझको मोह जोड़ना होगा
केवल जलती चिंगारी से
मुझसे संधि नहीं हो पाती
जीवन की हर लाचारी से
मैं तो किसी भंवर के कंधे
चढकर पार उतर जाऊंगा,
तट पर बैठे इसी तरह से
तुम सिर धुनते रह जाओगे।

Tags: Hindi Literature, Hindi poetry, Hindi Writer, Literature, Poem

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