ये सभी 75 शरणार्थी पाकिस्तान के सिंधी हिंदू समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. (सांकेतिक तस्वीर)
इंदौर (मध्य प्रदेश). पाकिस्तान के सिंधी हिंदू समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मुरलीधर (70) इंदौर में रह रहे उन 75 शरणार्थियों में शामिल हैं जिन्हें भारत की आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ के तहत मंगलवार को आयोजित विशेष कार्यक्रम में भारतीय नागरिकता प्रदान की गई. प्रशासन द्वारा नागरिकता प्रमाण पत्र प्रदान किए जाने के दौरान भावुक हुए मुरलीधर ने ‘जय हिंद’ का नारा लगाते हुए कहा, ‘मुझे पाकिस्तान छोड़कर भारत आए 30 साल हो गए हैं. आखिरकार मुझे भारत की नागरिकता मिल गई है. इस पल मुझे इस कदर खुशी हो रही है, जैसे आज दीपावली का त्योहार हो.’
मातृभूमि पाकिस्तान छोड़कर भारत आईं एक अन्य शरणार्थी अंजलि (25) ने कहा, ‘पाकिस्तान में महिलाओं को सम्मान, स्वतंत्रता और पढ़ाई के जरिये आगे बढ़ने के वे मौके नहीं मिल पाते, जो हमें भारत में मिल रहे हैं. भारत के लोगों ने हमें (शरणार्थी समुदाय) बहुत अच्छे तरीके से स्वीकार किया है.’
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कार्यक्रम के दौरान इंदौर के भाजपा सांसद शंकर लालवानी ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के मंदिरों पर लगातार हमले हो रहे हैं और हिंदुओं को वहां धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ रहा है. लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हर साल कम से कम 1,000 हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण किया जा रहा है. इसलिए इस समुदाय के भयभीत लोग भारत में शरण लेने को मजबूर हैं.’
लालवानी ने कहा कि भारत सरकार पाकिस्तान से पलायन कर आए शरणार्थियों की पूरी मदद कर रही है और अकेले इंदौर में इसी साल 600 से ज्यादा पाकिस्तानी शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई है. उन्होंने बताया कि इंदौर में 3,000 से ज्यादा पाकिस्तानी शरणार्थियों के भारतीय नागरिकता के आवेदन लंबित हैं और उन्होंने प्रशासन से कहा है कि वह इनका जल्द निपटारा करे.
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