रिपोर्ट– चितरंजन नेरकर
बालाघाट. सिर पर पगड़ी के साथ मोर पंख से बनी कलगी, गले में मोतियों की माला, हाथों में तुर्रा और मोर पंख की झाली. साथ ही में पैरों में पैंजना जैसे पारंपरिक परिधानों को पहन नर्तकों ने जब नृत्य शुरू किया तो पंडाल तालियों से गूंज उठा. डिंडोरी जिले से बालाघाट आए आदिवासी गोंड कलाकार मांदर और टिमकी की थाप पर शैला और कर्मा गीत गाते हुए जमकर थिरके. इन्हें नृत्य करता देख सब एकटक देखते रह गए. लोग भी अपने आप को नहीं रोक पाए और जमकर ताली बजाते हुए नृत्य के साथ झूमते दिखे.
74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर देर शाम बालाघाट जिले के शासकीय उत्कृष्ट स्कूल के सभा हॉल में भारत पर्व का आयोजन किया था जिसमें देशभक्ति गीतों से महफिल सजी. डिंडोरी जिले से बालाघाट पहुंचे कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से इस आयोजन में चार चांद लगा दिए. कलाकारों ने शैला गीत “नाचनी गोपाल गीता रामझिरिया को पानी” गाते हुए उस परमांदर की थाप और टिमकी की तान के साथ जमकर नृत्य किया. यहां मौजूद लोगो ने भी उनके इस प्रस्तुति का अभिवादन कर जमकर तालियां बजाईं जिससे पूरा हाल गूंज उठा.
डिंडोरी जिले के एक छोटे से गांव से आए कुल 12 कलाकारों ने इस आयोजन में प्रस्तुति दी जिसमें 8 पुरुषों के साथ 4 महिलाएं शामिल थीं. पुरुषों के साथ बराबरी से सांस्कृतिक गीतों पर थिरकीं महिलाओं को पारंपरिक पोशाक में देखना भी जिले के लोगों के लिए एक अनुभव रहा. इस मौके पर मध्य प्रदेश शासन के आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Mp news, Republic Day Celebration