मध्यप्रदेश में किसानों की खुदकुशी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है. अब राज्य के इंदौर, खंडवा और बालाघाट जिले में तीन किसानों ने कर्ज से परेशान होकर जान दे दी. राज्य में किसान आंदोलन के बाद 27 किसान खुदकुशी कर चुके हैं.
राज्य के कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन के गृह जिले बालाघाट के भरवेली जागपुर में रहने वाले किसान डालचंद लिल्हारे ने सोमवार देर रात को जहर खा लिया. मंगलवार सुबह जब डालचंद को जगाने की कोशिश की तो वो बेहोशी की हालत में मिला. परिजन तुरंत नजदीक के अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
परिजनों ने बताया कि डालचंद ने 2008 में बैंक से कर्ज लिया था. इसके अलावा किसान पर सोसायटी का भी कर्जा था. कर्ज को चुकाने के लिए डालचंद ने अपनी जमीन का डेढ़ एकड़ हिस्सा भी बेच दिया था. इसके बाद भी कर्ज का बोझ कम नहीं हुआ तो डालचंद ने सुसाइड कर लिया.
राज्य के इंदौर जिले में धार रोड पर धरनावदा गांव में एक किसान ने जहर पीकर खुदकुशी कर ली. बताया जा रहा है कि मृतक किसान पवन केवट कर्ज के बोझ की वजह से परेशान था.
किसान की खुदकुशी की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा. वहीं, कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी किसान के घर पहुंच गए.
राज्य के खंडवा जिले के हरसूद तहसील में कर्ज से परेशान होकर एक किसान ने मंगलवार सुबह खुदकुशी कर ली.
जानकारी के अनुसार, भुआनिया गांव में 65 वर्षीय किसान घिसिया ने कुएं में फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली. परिजनों ने बताया कि घिसिया पर करीब छह लाख रुपए का कर्ज था. हरसूद पुलिस ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है.
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FIRST PUBLISHED : June 27, 2017, 11:56 IST