रिपोर्ट: अरविंद शर्मा
भिंड: चंबल क्षेत्र में कहीं मेला लगा हो और खजले की दुकानें न हों, ये हो नहीं सकता. मेले में आए स्वाद के शौकीनों की पहली पसंद खजला ही होता है. हो सकता है आप में से किसी-किसी ने इसका नाम न सुना हो, लेकिन एक बार खाएंगे तो इसके दीवाने हो जाएंगे. आपको बताते हैं कि क्या है खजला और कैसे बनता है यह.
भिंड में इन दिनों मेला लगा हुआ है, जिसमें लोगों की भीड़ उमड़ रही है. बच्चों के मनोरंजन के लिए तमाम सामग्री भी मौजूद है. वहीं खाने के स्टॉल्स की बात की जाए तो यहां खजला की कई दुकानें हैं. यह खजला मैदा से तैयार होता और खाने में बेहद स्वादिष्ट होता है. मेले में मिलने वाले खजला के लिए लोग एक साल तक इंतजार करते हैं. इस मिठाई के स्वाद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लोग न सिर्फ इसे मेले में लगने वाली दुकान पर बैठकर खाते हैं, बल्कि किलो के हिसाब से पैक करा कर भी ले जाते हैं.
महिलाएं भी बना सकती हैं
भिंड के व्यापार मेले में खजला बनाने वाले कारीगर महेश ने बताया कि खजला विशेष प्रकार की मिठाई है, जो मैदा और चाशनी सहित अन्य चीजों से तैयार की जाती है. यह लोगों को बहुत पसंद आती है. वो पिछले दस सालों से यही काम कर रहे हैं. पहले उनके पिता करते थे और अब हम कर रहे हैं. इसे बनाने में कोई ज्यादा कुशल कारीगर की जरूरत नहीं होती है. घर पर महिलाएं भी बना सकती हैं.
इस तरह तैयार किया जाता है
कारीगर महेश ने बताया कि सबसे पहले खजला को तैयार करने के लिए मैदा को दूध व तेल से गूंथा जाता है. इसके बाद इसकी लोई तैयार की जाती है, फिर वनस्पति तेल में इसे भट्टी पर धीमी आंच पर काफी देर तक पकाया जाता है. इसके फूलने के बाद चाशनी में डुबो दिया जाता है. इस चाशनी में खोवा, मलाई भी मिक्स होती है. इसके अलावा, नमकीन खजला बिना चाशनी के ही तैयार किया जाता है.
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