रिपोर्ट: अरविंद शर्मा
भिंड: इन दिनों भिंड-ग्वालियर हाईवे से जो भी गुजरता है, उसका मन तरोताजा होता है. रास्ते में पड़ने वाले एक इलाके में किसान ने हरी धनिया की खेती कर रखी है. इसी धनिया की भीनी-भीनी खुशबू हजारों वाहन चालकों को अपनी ओर खींच लेती है. यहां से जो भी गुजरता है, इस खेत की ओर नजर जरूर डालता है.
भिंड से ग्वालियर जाने वाले नेशनल हाईवे पर लावन बिजुपुरी के एक किसान ने महज तीन बीघा खेत में हरी धनिया की पैदावार की हुई है. इस धनिया की भीनी-भीनी महक हाईवे पर दूर तक महकती है. यही नहीं, यहां से निकलने वाले छोटे-बड़े वाहन चालक कई बार अपनी गाड़ी को साइड में खड़ा कर इसी खुशबू का आनंद लेते नजर आते हैं.
दो महीने में तैयार होती है फसल
किसान जसवंत बताते हैं कि वह पिछले कई सालों से धनिया की फसल पैदा करते हैं. जब इसमें फूल और डोडा निकलता है तो इससे तेज सुगंध चारों ओर बिखर जाती है. कई वाहन चालक यहां दो-चार मिनट रुककर निकलते हैं. बताया कि धनिया की फसल अगस्त महीने में बोनी होती है जो महज दो महीने में तैयार हो जाती है. वर्तमान में हम इसकी तीन बार कटाई कर मंडी में बेच चुके हैं. धनिया की फसल को जितना काटोगे उतना जल्दी बढ़ेगी.
इस तरह करें बुवाई
धनिया के लिए जो कतार बनाई जाती है उसकी आपस में दूरी 25 से 30 सेंटीमीटर होनी चाहिए. वहीं पौधों की दूरी 5 से 10 सेंटीमीटर रखी जाती है. असिंचित फसल से बीजों को 6 से 7 सेंटीमीटर गहरा बोना चाहिए और सिंचित फसल में बीजों को 1.5 से 2 सेंटीमीटर गहराई पर बोना चाहिए, क्योंकि ज्यादा गहरा बोने से सिंचाई के दौरान बीज पर मोटी परत जम जाती है, जिससे बीजों का अंकुरण ठीक से नहीं हो पाता.
भूमि को करें इस तरह तैयार
अगर आप धनिया की अच्छी फसल तैयार करना चाहते हैं, तो पलेवा लगाकर भूमि जुताई से पहले 5-10 टन प्रति हेक्टेयर गोबर की पुरानी खाद मिलाएं. धनिया की सिंचित फसल के लिए 5-5 मीटर की क्यारियां बना लें, जिससे पानी देने में और निराई-गुड़ाई का काम करने में आसानी होती है.
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