चिता के ऊपर तिरपाल लगाकर अंतिम संस्कार करते ग्रामीण
अरविंद शर्मा
भिण्ड: मध्य प्रदेश के अमूमन हर जिले में तमाम सुविधायुक्त मुक्तिधाम हैं, कई मुक्तिधाम तो इतने सुंदर हैं कि वहां बगीचा, शिव प्रतिमा और अन्य सुविधाएं भरपूर हैं. लेकिन प्रदेश एक ऐसा भी जिला है जहां पानी बरसने पर अंतिम संस्कार पल्ली से ढककर किया जाता है, आइये बताते हैं विकास की ओर बढ़ते मध्यप्रदेश के इस जिले में मुक्तिधाम की हालत…
दरअसल भिण्ड जिले के आलमपुर के पास स्थित ग्राम पंचायत शाहपुरा में लोगों को तिरपाल लगाकर अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है, इसकी मुख्य वजह यह कि गांव की पंचायत द्वारा यहां आज तक मुक्तिधाम नहीं बनाया गया. ऐसे में बरसते पानी में लोग प्लास्टिक की तिरपाल लगाकर अंतिम संस्कार करने को मजबूर हैं.
बुधवार को गांव के एक परिवार में महिला का मौत हो गई. पानी बरसने के कारण काफी देर तक तो परिजन अंतिम संस्कार के लिए बारिश थमने का इंतजार करते रहे. लेकिन जब घंटों तक बारिश नहीं रुकी तो दोपहर बाद परिजनों को मजबूरन गांव के बाहर पड़ी शासकीय जमीन पर प्लास्टिक की तिरपाल लगाकर बरसते पानी में महिला का अंतिम संस्कार करना पड़ा.
ग्रामीण लोग भी कर चुके मांग:
इस गांव में तमाम लोग मुक्तिधाम की मांग कर चुके लेकिन आज दिन तक गांव में कोई भी पंचायत सरकार के द्वारा मुक्तिधाम बनाने की पहले भी शुरू नहीं कर पाई. यही वजह लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. शाहपुरा निवासी सियाशरण कौरब ने बताया गांव में हमेशा से किसी नेता ने ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिससे यहां कोई विकांस कार्य नहीं किये गए,न मुक्तिधाम बनाया गया.
क्या कहते अधिकारी:
इस संबंध में जब भिंड कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस से बात की गई, तो उनका कहना था कि शाहपुरा नं. 2 गांव में लोगों को तिरपाल लगाकर अंतिम संस्कार करना पड़ा, यह जानकारी मिली है, ये पंचायत की बड़ी लापरवाही है. श्मशान अब तक क्यों नहीं बना इसकी जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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