रिपोर्ट : अरविंद शर्मा
भिण्ड. अजब एमपी की गजब तस्वीरें तो आपको देखने को मिल ही जाती हैं, लेकिन आज हम आपको ऐसी तस्वीर दिखाने जा रहे, जिसे देखकर आपका भी दिल पसीजने लगेगा. बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का नारा बुलंद करनेवाले मध्य प्रदेश के स्कूलों में बेटियों से बर्तन धुलवाए जा रहे हैं.
जिले के एक सरकारी स्कूल में नन्ही-नन्ही बच्चियों के हाथों में कलम-पुस्तक की जगह बर्तन थमा दिए जाते हैं. आये दिन ऐसी तस्वीरें देखने को मिलती हैं, जिनमें ये बच्चे पास के लगे हैंडपंप पर बर्तन धोते नजर आते हैं. इतना ही नहीं यदि शिक्षकों से इस बारे में सवाल किया जाता है, तो उनके जवाब कुछ ऐसे मिलते हैं कि अधिकारी भी अचंभित रह जाते हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है ग्राम डीडी के प्राथमिक विद्यालय में, जहां बच्चियों को बर्तन धोते देखकर शिक्षिका से इस बारे में पूछा गया, तो जवाब मिला कि यह तो शासन का नियम है. बाद में बीईओ ने ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई की बात की.
भिंड जिले के डीडी गांव के शासकीय प्राथमिक विद्यालय में तीन टीचर पदस्थ हैं, लेकिन स्कूल में बर्तन धोने के लिए किसी चपरासी की व्यवस्था नही की गई है. शिक्षा विभाग के ऑफिस में तमाम चपरासी नजर आएंगे, लेकिन सरकारी स्कूलों में नन्हे बच्चों को चपरासी का काम दे रखा है. स्कूल के बाहर हैंडपंप पर ली गई तस्वीर खुद बयां कर रही है कि लंच करने के बाद स्कूल की मासूम छात्राओं से जूठे बर्तन धुलवाए जा रहे हैं. हालांकि इन बच्चों को ठीक से बर्तन धोना भी नही आ रहा था, लेकिन मैडम का आदेश था, तो डरे सहमे बच्चों को उनके आदेश का पालन तो करना ही था.
जब इस स्कूल की हेडमास्टर से news18 Local ने बर्तन धोने पर सवाल किया तो मैडम का जबाब आया कि ये तो शासन का नियम है. अब सवाल उठता है कि क्या वाकई शिक्षा विभाग की ओर से बच्चों से बर्तन धुलवाने का नियम है या फिर मैडम गलत जवाब दे भटका रही हैं. इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग में पदस्थ बीईओ से पूछने पर उन्होंने स्पष्ट कहा कि विद्यालय में विद्यार्थियों से बर्तन धुलवाने का कोई नियम नहीं है. अगर कोई शिक्षक फिर भी बच्चों से बर्तन धुलवाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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