सरकार और शराब ठेकेदारों की तकरार के बीच बुधवार से आखिरकार मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में शराब की दुकानें (Liquor Shop) खुल गई. शराब दुकानें खुलते ही शराब लेने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी. आलम यह था कि शराब दुकानों के बाहर लंबी-लंबी कतारें लग गई. भीड़ को संभालने के लिए पुलिस (Police) बल को तैनात करना पड़ा. करीब 40 दिनों बाद खुली शराब दुकानों से शराब लेने वालों में खुशी का आलम ऐसा था कि कुछ लोग तो दुकान के बाहर ही बोतल के साथ नाचने गाने लगे.
कई लोग तो एक साथ शराब की कई बोतलें ले गए. कुछ चोरी छिपे तो कुछ ने खुलेआम शराब खरीदी. दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार ने 5 मई से केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक ऑरेंज और ग्रीन जोन वाले जिलों में शराब दुकान खोलने की मंजूरी दी थी. लेकिन शराब ठेकेदारों ने अपनी समस्याएं बताते हुए 5 मई से दुकानें नहीं खोली. बाद में सरकार को सख्त रुख दिखाना पड़ा. 6 मई को एक बार फिर हुई शराब ठेकेदारों की आबकारी अधिकारियों के साथ बैठक के बाद दुकानें खोलने का फैसला किया गया. जैसे ही 12:00 बजे के बाद दुकानें खुली शराब के शौकीनों की दुकानों पर कतारें लग गई.
और ऑरेंज जोन वाले जिलों में ही शराब दुकानें खोलने का फैसला किया है. प्रदेश के 9 जिले अभी भी रेड जोन में हैं जिसमें राजधानी भोपाल भी शामिल है. भोपाल में शराब दुकानें तो नहीं खोली गई लेकिन भोपाल से लगे मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र में दुकानें खुल गई. मंडीदीप रायसेन जिले में आता है और रायसेन फिलहाल ऑरेंज जोन में शामिल किया गया है. शराब दुकानें खुलने का समय सरकार ने सुबह 7 से शाम 7 बजे तक तय किया है. 7 मई से दुकानें अब इसी समय पर खुलेंगी.
की दुकानें सिर्फ इस वजह से नहीं खोली कि उन्हें लॉकडाउन के दौरान नुकसान उठाना पड़ा है और सरकार इसकी भरपाई करे. लेकिन हकीकत यह थी कि जैसे ही शराब की दुकानें खुली शराब तय कीमत से कई गुना महंगी रेट पर बेचने का काम शुरू हो गया. शराब के कुछ ब्रांड की बिक्री तो तय रेट से हजार रुपए तक ज्यादा में की गई.
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FIRST PUBLISHED : May 06, 2020, 17:22 IST