Opinion: सीएम कमलनाथ का मजाक उड़ा रहा है ये विवादित विज्ञापन, BJP ने ली चुटकी
News18 Madhya Pradesh Updated: November 19, 2019, 6:23 AM IST

मुख्यमंत्री कमलनाथ के जन्मदिन पर दिए विज्ञापन पर बवाल.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (Chief Minister Kamal Nath) के जन्मदिन पर अखबारों में छपे एक विज्ञापन ने उनके और वफादार कांग्रेसियों के चेहरे फक कर दिए. भाजपा (BJP) इस पर चुटकी ले रही है तो कांग्रेस (Congress) इसके पीछे षड्यंत्र तलाश रही है.
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- Last Updated: November 19, 2019, 6:23 AM IST
भोपाल. कांग्रेस में अंदरखाने घात-प्रतिघात की हरकत कोई नई बात नहीं है. विरोधी हमेशा वार के लिए मौके की तलाश में रहते हैं. नश्तरों की धार तेज करते रहते हैं. ऐसा ही एक वार सोमवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ (Chief Minister Kamal Nath) के जन्मदिन पर हुआ. वे अपना 73वां जन्मदिन (73rd birthday) मना रहे थे, इसी दिन सुबह उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए अखबारों में छपे एक विज्ञापन ने उनके और वफादार कांग्रेसियों के चेहरे फक कर दिए.
विवादित विज्ञापन (Controversial Advertisement) पर भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) सहित तमाम लोग कांग्रेस और मुख्यमंत्री कमलनाथ की चुटकियां लेने लगे कि यह उनकी तारीफ है या जमीन दिखाने की कोशिश. पत्रकारों के 'ब्रह्मभोज' में यह विज्ञापन चर्चा और हंसी ठिठोली का विषय रहा.
ऐसा किसी ने नहीं सोचा था
जन्मदिन का मजा एक विवादित विज्ञापन इस तरह से किरकिरा कर देगा, यह किसी ने सोचा न था. भाजपा विज्ञापन में छपी विवादित बातों को प्रचारित कर मजा ले रही है, तो कांग्रेस इसमें भाजपा की साजिश ढूंढ रही है.क्या दिग्विजय समर्थक ने छपवाया है विज्ञापन!
सियासी गुणा-भाग लगाने वालों का मानना है कि पटखनी के इरादे से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के किसी समर्थक ने ये विवादित विज्ञापन छपवाया है, तो कोई कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक नेता या कार्यकर्ता की करतूत मान रहा है. अलबत्ता प्रदेश कांग्रेस कमेटी के विचार विभाग के मुखिया भूपेन्द्र गुप्ता कह रहे हैं कि यह विज्ञापन पार्टी से जारी नहीं हुआ. पता लगाया जा रहा कि विज्ञापन आया तो आया कहां से?
कुछ ऐसा है विज्ञापनआइए जरा विज्ञापन के मजमून पर गौर करें. कमलनाथ के बारे में वह बातें, जो उन्हें बनाती हैं बेहद खास शीर्षक से 9 बिन्दुओं में प्रकाशित विज्ञापन में ऐसी बातें छपी हैं, जिन पर भाजपा चुटकी लेते हुए मजाक उड़ा रही है और कांग्रेस षडयंत्र ढूंढ रही है. विज्ञापन में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के प्रति वफादारी प्रदर्शित करने वाली सदाबहार तस्वीरों के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुरेश पचौरी और जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा की तस्वीरें हैं.
जबकि विज्ञापन में कहा गया है, वर्ष 1993 में भी कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा थी, लेकिन तब अर्जुन सिंह ने दिग्विजय सिंह का नाम आगे कर दिया था. कमलनाथ उस समय मुख्यमंत्री बनने से चूक गए थे और अब दिग्विजय सिंह के समर्थन के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला है.
विज्ञापन में है एक हार की चर्चा
इस विज्ञापन में मुख्यमंत्री कमलनाथ को मिली एक चुनावी हार का जिक्र करते हुए लिखा है कि छिंदवाड़ा से कमलनाथ को 1996 में हार का भी सामना करना पड़ा था. उस समय उन्हें सुंदरलाल पटवा ने चुनाव मैदान में पटखनी दी थी.
जबकि इस विज्ञापन में एक और विवादित बात है, जिसमें लिखा है कि आपातकाल के बाद 1979 में जनता पार्टी की सरकार के दौरान संजय गांधी को एक मामले में कोर्ट ने तिहाड़ जेल भेज दिया था, उस वक्त इंदिरा गांधी संजय की सुरक्षा को लेकर चिंतित थीं. कहा जाता है कि तब कमलनाथ जानबूझकर एक जज से लड़ पड़े थे और जज ने उन्हें सात दिन के लिए तिहाड़ जेल भेज दिया था. वहां वह संजय गांधी के साथ ही रहे.
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने कही ये बात
इस मामले में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लुणावत ने अपने ट्वीट में समाचार पत्र के विज्ञापन पर टिप्पणी करते हुए लिखा है कि कांग्रेस ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को जन्मदिन पर बधाई दी या बत्ती? खैर जो भी कांग्रेस विभीषण ढूंढ रही है. इस विज्ञापन को लेकर कांग्रेस के प्रचार से जुड़े कर्ता-धर्ताओं से लेकर किसी नेता, मंत्री पर गाज गिरेगी, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. वैसे कमलनाथ के बारे में यह प्रसिद्ध है कि वो विवादित बातों को तूल नहीं देते, वह बिजनेस से जुड़े और सधे हुए राजनीतिज्ञ हैं, जो अपने लक्ष्य को साधते हैं, राह से भटकते नहीं हैं.
कमलनाथ का विवादों से नाता...
विवादों से नाता कमलनाथ के लिए कोई नई बात नहीं है. आयकर विभाग ने अप्रैल 2019 में उनके रिश्तेदारों, मददगारों खासतौर से भांजे रतुल पुरी की संपत्तियों का निरीक्षण किया था. बाद में रतुलपुरी पर छापों, गिरफ्तारी के पहले-बाद में उनके कमलनाथ से रिश्ते खूब सुर्खियां बने, लेकिन कमलनाथ ने अपना धैर्य कभी नहीं खोया. जबकि इस मामले पर उन्होंने मीडिया के सामने भी यह बात कही थी, बिजनेस अलग चीज है और उन्हें रिश्तों से मत जोड़िए.
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विवादित विज्ञापन (Controversial Advertisement) पर भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) सहित तमाम लोग कांग्रेस और मुख्यमंत्री कमलनाथ की चुटकियां लेने लगे कि यह उनकी तारीफ है या जमीन दिखाने की कोशिश. पत्रकारों के 'ब्रह्मभोज' में यह विज्ञापन चर्चा और हंसी ठिठोली का विषय रहा.
ऐसा किसी ने नहीं सोचा था
जन्मदिन का मजा एक विवादित विज्ञापन इस तरह से किरकिरा कर देगा, यह किसी ने सोचा न था. भाजपा विज्ञापन में छपी विवादित बातों को प्रचारित कर मजा ले रही है, तो कांग्रेस इसमें भाजपा की साजिश ढूंढ रही है.क्या दिग्विजय समर्थक ने छपवाया है विज्ञापन!
सियासी गुणा-भाग लगाने वालों का मानना है कि पटखनी के इरादे से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के किसी समर्थक ने ये विवादित विज्ञापन छपवाया है, तो कोई कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक नेता या कार्यकर्ता की करतूत मान रहा है. अलबत्ता प्रदेश कांग्रेस कमेटी के विचार विभाग के मुखिया भूपेन्द्र गुप्ता कह रहे हैं कि यह विज्ञापन पार्टी से जारी नहीं हुआ. पता लगाया जा रहा कि विज्ञापन आया तो आया कहां से?
कुछ ऐसा है विज्ञापन
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जबकि विज्ञापन में कहा गया है, वर्ष 1993 में भी कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा थी, लेकिन तब अर्जुन सिंह ने दिग्विजय सिंह का नाम आगे कर दिया था. कमलनाथ उस समय मुख्यमंत्री बनने से चूक गए थे और अब दिग्विजय सिंह के समर्थन के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला है.
विज्ञापन में है एक हार की चर्चा
इस विज्ञापन में मुख्यमंत्री कमलनाथ को मिली एक चुनावी हार का जिक्र करते हुए लिखा है कि छिंदवाड़ा से कमलनाथ को 1996 में हार का भी सामना करना पड़ा था. उस समय उन्हें सुंदरलाल पटवा ने चुनाव मैदान में पटखनी दी थी.
जबकि इस विज्ञापन में एक और विवादित बात है, जिसमें लिखा है कि आपातकाल के बाद 1979 में जनता पार्टी की सरकार के दौरान संजय गांधी को एक मामले में कोर्ट ने तिहाड़ जेल भेज दिया था, उस वक्त इंदिरा गांधी संजय की सुरक्षा को लेकर चिंतित थीं. कहा जाता है कि तब कमलनाथ जानबूझकर एक जज से लड़ पड़े थे और जज ने उन्हें सात दिन के लिए तिहाड़ जेल भेज दिया था. वहां वह संजय गांधी के साथ ही रहे.
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने कही ये बात
इस मामले में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लुणावत ने अपने ट्वीट में समाचार पत्र के विज्ञापन पर टिप्पणी करते हुए लिखा है कि कांग्रेस ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को जन्मदिन पर बधाई दी या बत्ती? खैर जो भी कांग्रेस विभीषण ढूंढ रही है. इस विज्ञापन को लेकर कांग्रेस के प्रचार से जुड़े कर्ता-धर्ताओं से लेकर किसी नेता, मंत्री पर गाज गिरेगी, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. वैसे कमलनाथ के बारे में यह प्रसिद्ध है कि वो विवादित बातों को तूल नहीं देते, वह बिजनेस से जुड़े और सधे हुए राजनीतिज्ञ हैं, जो अपने लक्ष्य को साधते हैं, राह से भटकते नहीं हैं.
कमलनाथ का विवादों से नाता...
विवादों से नाता कमलनाथ के लिए कोई नई बात नहीं है. आयकर विभाग ने अप्रैल 2019 में उनके रिश्तेदारों, मददगारों खासतौर से भांजे रतुल पुरी की संपत्तियों का निरीक्षण किया था. बाद में रतुलपुरी पर छापों, गिरफ्तारी के पहले-बाद में उनके कमलनाथ से रिश्ते खूब सुर्खियां बने, लेकिन कमलनाथ ने अपना धैर्य कभी नहीं खोया. जबकि इस मामले पर उन्होंने मीडिया के सामने भी यह बात कही थी, बिजनेस अलग चीज है और उन्हें रिश्तों से मत जोड़िए.
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First published: November 18, 2019, 11:01 PM IST
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