EXCLUSIVE : MP के 6 लाख इनकम टैक्स पेयर्स को नहीं मिलेगी सस्ती बिजली

सरकार सिर्फ गरीबों को योजना का लाभ देना चाहती है.
सरकार बिजली पर हर साल 18 हजार करोड रुपए की सब्सिडी देती है. सरकार इस सब्सिडी की राशि को बचाने के मूड में नजर आ रही है.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: January 19, 2021, 8:20 PM IST
भोपाल. मध्य प्रदेश (MP) की शिवराज सरकार ने आज सस्ती बिजली योजना से संपन्न वर्ग के लोगों को बाहर कर दिया. सरकार ने इनकम टैक्स (Income Tax) पेयर्स छह लाख उपभोक्ताओं को योजना से बाहर कर दिया है. सरकार के इस फैसले के बाद इनकम टैक्स पेयर्स को अब सस्ती बिजली का फायदा नहीं मिलेगा. उन्हें बिजली टैरिफ के मुताबिक ही बिल भरना होगा. सरकार का तर्क है कि जो लोग बिजली का बिल भरने में सक्षम हैं उन्हें योजना से बाहर रखकर सिर्फ गरीबों को इसका लाभ दिया जाए.
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रदुम सिंह तोमर ने कहा बिजली कंपनियों का बढ़ता घाटा और सरकार बिजली कंपनियों को करोड़ों रुपए की सब्सिडी दे रही है. लेकिन अब इनकम टैक्स पेयर्स को सस्ती बिजली योजना का लाभ नहीं मिलेगा. उन्हें बिजली का पूरा बिल भरना होगा.सरकार की सस्ती बिजली योजना के तहत सौ यूनिट पर ₹100 का बिजली बिल दिया जाता है. बाकी की सब्सिडी सरकार बिजली कंपनियों को देती है. लेकिन अब सस्ती बिजली का लाभ सिर्फ गरीबों को मिलेगा. इससे होने वाली बचत को सरकार प्रदेश के विकास कार्यों पर खर्च करेगी. प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि बकायादारों से बिजली बिल की वसूली की जाएगी. बड़े बकायेदारों को बिल चुकाना होगा.
करोड़ों की बचत
दरअसल सरकार की सस्ती बिजली योजना में सौ रुपए यूनिट पर ₹100 का बिजली का बिल आता है. जबकि ₹459 सब्सिडी आती है. जिसका भुगतान सरकार करती है. लेकिन अब इस नये फैसले से सरकार को करोड़ों रुपए की बचत होगी.कांग्रेस का सवाल
इनकम टैक्स पेयर्स को सस्ती बिजली योजना से बाहर करने पर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है प्रदेश सरकार ने पहले संबल योजना में 57 लाख से ज्यादा लोगों को फर्जी पाया था. लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.सरकार को बताना चाहिए संबल योजना में जुड़े फर्जी लोगों को कब बाहर किया जाएगा.

ज़ोर का झटका
प्रदेश में बिजली कंपनियों का घाटा हर साल तेजी के साथ बढ़ रहा है. घाटे की भरपाई के लिए बिजली के दाम बढ़ाने के लिए बिजली कंपनियां विद्युत नियामक आयोग को प्रस्ताव देती हैं. सरकार बिजली पर हर साल 18 हजार करोड रुपए की सब्सिडी देती है. सरकार इस सब्सिडी की राशि को बचाने के मूड में नजर आ रही है. इसकी शुरुआत इनकम टैक्स पेयर को सस्ती बिजली योजना से बाहर कर सरकार ने कर दी है. मतलब साफ है कि आने वाले दिनों में सरकार सब्सिडी बचाने के लिए कुछ और बड़े फैसले ले सकती है.
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रदुम सिंह तोमर ने कहा बिजली कंपनियों का बढ़ता घाटा और सरकार बिजली कंपनियों को करोड़ों रुपए की सब्सिडी दे रही है. लेकिन अब इनकम टैक्स पेयर्स को सस्ती बिजली योजना का लाभ नहीं मिलेगा. उन्हें बिजली का पूरा बिल भरना होगा.सरकार की सस्ती बिजली योजना के तहत सौ यूनिट पर ₹100 का बिजली बिल दिया जाता है. बाकी की सब्सिडी सरकार बिजली कंपनियों को देती है. लेकिन अब सस्ती बिजली का लाभ सिर्फ गरीबों को मिलेगा. इससे होने वाली बचत को सरकार प्रदेश के विकास कार्यों पर खर्च करेगी. प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि बकायादारों से बिजली बिल की वसूली की जाएगी. बड़े बकायेदारों को बिल चुकाना होगा.
करोड़ों की बचत
दरअसल सरकार की सस्ती बिजली योजना में सौ रुपए यूनिट पर ₹100 का बिजली का बिल आता है. जबकि ₹459 सब्सिडी आती है. जिसका भुगतान सरकार करती है. लेकिन अब इस नये फैसले से सरकार को करोड़ों रुपए की बचत होगी.कांग्रेस का सवाल
इनकम टैक्स पेयर्स को सस्ती बिजली योजना से बाहर करने पर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है प्रदेश सरकार ने पहले संबल योजना में 57 लाख से ज्यादा लोगों को फर्जी पाया था. लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.सरकार को बताना चाहिए संबल योजना में जुड़े फर्जी लोगों को कब बाहर किया जाएगा.
ज़ोर का झटका
प्रदेश में बिजली कंपनियों का घाटा हर साल तेजी के साथ बढ़ रहा है. घाटे की भरपाई के लिए बिजली के दाम बढ़ाने के लिए बिजली कंपनियां विद्युत नियामक आयोग को प्रस्ताव देती हैं. सरकार बिजली पर हर साल 18 हजार करोड रुपए की सब्सिडी देती है. सरकार इस सब्सिडी की राशि को बचाने के मूड में नजर आ रही है. इसकी शुरुआत इनकम टैक्स पेयर को सस्ती बिजली योजना से बाहर कर सरकार ने कर दी है. मतलब साफ है कि आने वाले दिनों में सरकार सब्सिडी बचाने के लिए कुछ और बड़े फैसले ले सकती है.