भोपाल. मध्य प्रदेश (MP) के सरकारी कर्मचारियों को रोज ऑफिस आना पसंद है. कोरोना कर्फ्यू के दौरान सरकारी दफ्तरों (Government offfices) में 10% कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ काम करने के आदेश को सरकारी विभाग ही नहीं मान रहा है. सरकार के इस आदेश की अनदेखी की जा रही है. गृह विभाग के इस आदेश का पालन नहीं करने पर अब सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों के प्रमुखों, कमिश्नर, कलेक्टर और मंत्रालय के सभी प्रमुखों को पत्र लिखा है.
सामान्य प्रशासन विभाग ने अति आवश्यक सेवाएं देने वाले कार्यालयों को छोड़कर सभी कार्यालय में 10% कर्मचारियों की उपस्थिति के निर्देश दिए हैं. कई विभाग इन निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं. वहां पर 10% से अधिक कर्मचारी ऑफिस पहुंच रहे हैं. सामान्य प्रशासन विभाग ने अब अपने नये आदेश में कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि 10% से ज्यादा कर्मचारियों की उपस्थिति नहीं रहे.
गृह विभाग ने दिखाई थी सख्ती
हाल ही में प्रदेश के गृह विभाग ने आदेश जारी कर निर्देश दिए थे कि अब प्रदेश में सभी सरकारी और निजी कार्यालय 10% स्टाफ के साथ ही खुलेंगे. इमरजेंसी सेवा देने वाले सरकारी, निजी कार्यालय खुल सकेंगे. बाकी कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करेंगे. इससे पहले जो आदेश जारी किए गए थे, उसके अनुसार सरकारी कार्यालयों को 25 फ़ीसदी स्टाफ के साथ खोलने की अनुमति दी गई थी. साथ ही सप्ताह में 5 दिन ही वर्किंग डे रखा गया था.
इन मामलों में थी सख्ती
गृह विभाग 12 अप्रैल को पहले ही दिशा-निर्देश जारी कर चुका था, लेकिन हाल ही में अब अतिरिक्त गाइडलाइन सभी कलेक्टरों को जारी किया गया है. इस संबंध में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने आदेश भी जारी किया था. दफ्तरों और चार पहिया वाहनों के अलावा शहरों की बड़ी मंडियों को बंद करने का आदेश भी गृह विभाग ने दिया था. इन नए दिशा-निर्देश के तहत बड़ी सब्जी मंडियों को छोटी-छोटी मंडियों में बांट दिया जाएगा. बड़ी मंडी नहीं खुलेंगी. थोक और फुटकर किराना व्यापारियों में सामान का आदान-प्रदान निर्बाध रूप से बना रहने के निर्देश दिए गए थे.
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FIRST PUBLISHED : April 27, 2021, 06:35 IST