MP News: मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा, पुलिस के हत्थे चढ़े गिरोह के सदस्य

पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे बड़ी मात्रा में लैपटॉप ज़ब्त किए हैं,
Bhopal News: साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने तकनीकी साक्ष्य के आधार पर आरोपी अरविंद कुमार, राकेश कुमार और अनामिका को गिरफ्तार किया है. इनके पास से दस्तावेज भी बरामद हुए हैं.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: February 25, 2021, 6:49 AM IST
भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में साइबर क्राइम ब्रांच पुलिस (Cyber crime police) ने मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के नाम पर छात्रों के साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को पुणे और इंदौर से गिरफ्तार किया गया है. उनसे पूछताछ की जा रही है.
साइबर पुलिस को शिकायत मिली थी कि इंदौर स्थित नीट काउंसलिंग नामक कंपनी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के नाम पर फोन पर छात्रों से संपर्क कर ठगी कर रही है. आरोपियों ने भोपाल के एक छात्र से एमपी नगर में मुलाकात की और दो बैंक अकाउंट में पैसे जमा कराए. जब छात्र को मेडिकल कॉलेज में एडमिशन नहीं मिला तब उसने इन लोगों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन आरोपियों के मोबाइल फोन बंद थे. इसके बाद पीड़ित छात्र ने पुलिस में शिकायत की.
फर्जी वेबसाइट से देते थे झांसा
आरोपियों ने नीट काउंसलिंग नाम की एक फर्ज़ी वेबसाइट बना रखी थी. इसी वेबसाइट के ज़रिए नीट दे चुके छात्रों को फंसाया जाता था. ये इतने शातिर हैं कि नीट दे चुके छात्रों का डाटा स्टूडेंट डेटाबेस साइट से खरीद कर नीट काउंसलिंग की फर्जी वेबसाइट पर अपलोड करते थे. इसके बाद बल्क मैसेज और फोन से छात्रों से संपर्क कर नीट काउंसलिंग की वेबसाइट विजिट करने को कहा जाता था. इस वेबसाइट पर 50,000, 25000 और 5000 रुपये में तीन प्रकार की सर्विस दी जाती थी. 50000 रुपए की सर्विस में छात्रों को एमबीबीएस की सीट उपलब्ध कराने का झांसा दिया जाता था. छात्र और उनके परिवार से आरोपी मुलाकात करते थे और इसके बाद उनसे अलग-अलग सर्विस के नाम पर राशि अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा लेते थे.ऐसे चला रहे थे गिरोह
साइबर क्राइम ब्रांच को जांच में पता चला कि आरोपी अरविंद कुमार अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर नीट काउंसलिंग नाम से कंपनी चला रहा था. आरोपी फरियादियों से संपर्क कर उन्हें मेडिकल कॉलेज में एडमिशन का झांसा देते थे और मुलाकात करने के बाद मोटी रकम कंपनी के करंट अकाउंट में जमा कराते थे. पैसा जमा करने के बाद लोगों से संपर्क करना आरोपी बंद कर देते थे.
कॉल सेंटर से करते थे संपर्क
साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने तकनीकी साक्ष्य के आधार पर आरोपी अरविंद कुमार, राकेश कुमार और अनामिका को गिरफ्तार किया है. अरविंद कुमार फर्जी नाम से कंपनी और राकेश कुमार पंवार कॉल सेंटर चलाता था. तीसरी आरोपी अनामिका छात्रों को फंसाकर अपने इन साथियो से उनकी मीटिंग कराती थी. आरोपियों के पास से 15 कंप्यूटर, 12 लैपटॉप, 27 मोबाइल फोन, 13 एटीएम कार्ड, एक पासपोर्ट, दो बैंक चेक बुक समेत कई दस्तावेज बरामद हुए हैं.
साइबर पुलिस को शिकायत मिली थी कि इंदौर स्थित नीट काउंसलिंग नामक कंपनी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के नाम पर फोन पर छात्रों से संपर्क कर ठगी कर रही है. आरोपियों ने भोपाल के एक छात्र से एमपी नगर में मुलाकात की और दो बैंक अकाउंट में पैसे जमा कराए. जब छात्र को मेडिकल कॉलेज में एडमिशन नहीं मिला तब उसने इन लोगों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन आरोपियों के मोबाइल फोन बंद थे. इसके बाद पीड़ित छात्र ने पुलिस में शिकायत की.
फर्जी वेबसाइट से देते थे झांसा
आरोपियों ने नीट काउंसलिंग नाम की एक फर्ज़ी वेबसाइट बना रखी थी. इसी वेबसाइट के ज़रिए नीट दे चुके छात्रों को फंसाया जाता था. ये इतने शातिर हैं कि नीट दे चुके छात्रों का डाटा स्टूडेंट डेटाबेस साइट से खरीद कर नीट काउंसलिंग की फर्जी वेबसाइट पर अपलोड करते थे. इसके बाद बल्क मैसेज और फोन से छात्रों से संपर्क कर नीट काउंसलिंग की वेबसाइट विजिट करने को कहा जाता था. इस वेबसाइट पर 50,000, 25000 और 5000 रुपये में तीन प्रकार की सर्विस दी जाती थी. 50000 रुपए की सर्विस में छात्रों को एमबीबीएस की सीट उपलब्ध कराने का झांसा दिया जाता था. छात्र और उनके परिवार से आरोपी मुलाकात करते थे और इसके बाद उनसे अलग-अलग सर्विस के नाम पर राशि अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा लेते थे.ऐसे चला रहे थे गिरोह
कॉल सेंटर से करते थे संपर्क
साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने तकनीकी साक्ष्य के आधार पर आरोपी अरविंद कुमार, राकेश कुमार और अनामिका को गिरफ्तार किया है. अरविंद कुमार फर्जी नाम से कंपनी और राकेश कुमार पंवार कॉल सेंटर चलाता था. तीसरी आरोपी अनामिका छात्रों को फंसाकर अपने इन साथियो से उनकी मीटिंग कराती थी. आरोपियों के पास से 15 कंप्यूटर, 12 लैपटॉप, 27 मोबाइल फोन, 13 एटीएम कार्ड, एक पासपोर्ट, दो बैंक चेक बुक समेत कई दस्तावेज बरामद हुए हैं.