कैश कांड में नया खुलासा: 8 विभागों के नाम के आगे 124 करोड़ 20 लाख रुपए का जिक्र,EOW दर्ज कर सकता है FIR...

mp के इस राजनीतिक हवाला कांड के तार भोपाल से लेकर दिल्ली और गोवा तक जुड़ते दिखे.
अप्रैल 2019 में पड़े आयकर छापे (Income tax raid) के दौरान प्रतीक जोशी के घर से एक डायरी मिली थी. बताया जा रहा है कि उस डायरी में चुनाव के लिए पैसा देने और लेने वालों के नाम लिखे हैं.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: December 21, 2020, 2:30 PM IST
भोपाल.मध्यप्रदेश (MP) में राजनीतिक हवाला कैश कांड में अब नया खुलासा हुआ है. आयकर विभाग (Income Tax) के दस्तावेज में ये खुलासा हुआ है. सूत्रों के अनुसार विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले हुए लेन-देन की जांच कर रही आयकर विभाग की अप्रेजल रिपोर्ट में आठ विभागों के नाम के आगे 124 करोड़ 20 लाख रुपए का जिक्र है. सबसे ज्यादा राशि परिवहन और आबकारी विभाग के आगे लिखी है.
इन विभागों का ज़िक्र...
परिवहन, आबकारी, पीएचई सहित 8 विभागों से लेन-देन का जिक्र है. इससे पहले करीब 60 नेताओं के नाम सामने आए थे.इनमें मंत्री और विधायक सब शामिल हैं. आयकर दस्तावेजों में परिवहन विभाग के सामने 58 करोड़ और एम. सिकरवार- 3 करोड़, आबकारी विभाग 38.8 करोड़, पीडब्ल्यूडी-नगरीय विकास -7.2 - 7.2 करोड़, इरिगेशन-खनिज -छह-छह करोड़, ऊर्जा -1.5 और पीएचई से 1.3 करोड़ लिखा है. इन राशियों के साथ फंड का भी जिक्र किया गया है. यानि यह राशि विभागों से फंड के नाम पर ली गई होगी ऐसा अनुमान है.
EOW दर्ज कर सकता है FIR
चुनाव आयोग के निर्देश के बाद राज्य सरकार इस मामले की जांच आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) को दे सकती है. अप्रैल 2019 में पड़े आयकर छापे के दौरान प्रतीक जोशी के घर से एक डायरी मिली थी. बताया जा रहा है कि उस डायरी में चुनाव के लिए पैसा देने और लेने वालों के नाम लिखे हैं. इसी में कुछ विभागों के भी नाम भी लिखे हैं. बैलेंस शीट और खर्च का भी उल्लेख है. यह सूची ललित छजलानी घर से लैपटॉप में मिली सूची से मिल रही है. छजलानी के घर से मिली सूची की एक्सएल फाइल को लोकसभा लिखा गया है.
इन विभागों का ज़िक्र...
परिवहन, आबकारी, पीएचई सहित 8 विभागों से लेन-देन का जिक्र है. इससे पहले करीब 60 नेताओं के नाम सामने आए थे.इनमें मंत्री और विधायक सब शामिल हैं. आयकर दस्तावेजों में परिवहन विभाग के सामने 58 करोड़ और एम. सिकरवार- 3 करोड़, आबकारी विभाग 38.8 करोड़, पीडब्ल्यूडी-नगरीय विकास -7.2 - 7.2 करोड़, इरिगेशन-खनिज -छह-छह करोड़, ऊर्जा -1.5 और पीएचई से 1.3 करोड़ लिखा है. इन राशियों के साथ फंड का भी जिक्र किया गया है. यानि यह राशि विभागों से फंड के नाम पर ली गई होगी ऐसा अनुमान है.
चुनाव आयोग के निर्देश के बाद राज्य सरकार इस मामले की जांच आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) को दे सकती है. अप्रैल 2019 में पड़े आयकर छापे के दौरान प्रतीक जोशी के घर से एक डायरी मिली थी. बताया जा रहा है कि उस डायरी में चुनाव के लिए पैसा देने और लेने वालों के नाम लिखे हैं. इसी में कुछ विभागों के भी नाम भी लिखे हैं. बैलेंस शीट और खर्च का भी उल्लेख है. यह सूची ललित छजलानी घर से लैपटॉप में मिली सूची से मिल रही है. छजलानी के घर से मिली सूची की एक्सएल फाइल को लोकसभा लिखा गया है.