Bhopal : मध्य प्रदेश में नरवाई से बनेगा कोयला, होशंगाबाद में पायलेट प्रोजेक्ट शुरू

नरवाई जलाने पर अब रोक है क्योंकि इससे भारी प्रदूषण फैलता है.
Bhopal : होशंगाबाद ज़िले में फिलहाल ये प्रोजेक्ट शुरू किया गया है.अगर रिजल्ट अच्छा रहा तो इसे धीरे-धीरे पूरे प्रदेश में शुरू किया जाएगा.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: February 25, 2021, 12:19 PM IST
भोपाल.दिल्ली में प्रदूषण (Pollution) फैला कर हाहाकार मचाने वाली नरवाई से अब मध्य प्रदेश में कोयला (Coal) बनाया जाएगा.पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे होशंगाबाद ज़िले में शुरू कर दिया गया है.किसानों को आत्म निर्भर बनाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार का ये बड़ा फैसला है.
पंजाब-हरियाणा में नरवाई जलायी जाती है तो दिल्ली में प्रदूषण फैल जाता है.इसकी गूंज पूरे देश में सुनाई देती थी.मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. नरवाई जलाने पर रोक लगायी गयी.तमाम उपाय सरकार ने किए.अब वही नरवाई मध्य प्रदेश के किसानों के लिए वरदान बनने जा रही है.फसल कटने के बाद बचे इस कचरे से मध्य प्रदेश में कोयला बनाया जाएगा.इसके लिए सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट होशंगाबाद में शुरू कर दिया है.
होशंगाबाद से शुरुआत
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि प्रदेश सरकार खेती-किसानी को लाभ का धंधा बनाने के लिये कृत-संकल्पित है.इसके लिये सभी आवश्यक उपाय और व्यवस्था की जाएगी.उन्होंने कहा नरवाई से प्रदेश में कोयला बनाया जाएगा.इसका पायलेट प्रोजेक्ट होशंगाबाद में शुरू किया गया है.कमल पटेल ने इस संबंध में मंत्रालय में बैठक कर अधिकारियों को निर्देश दिये.किसानों का होगा आर्थिक फायदा
कमल पटेल ने कहा नरवाई से कोयला बनने पर पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकेगा, वहीं दूसरी ओर किसानों को भी फायदा होगा.उन्होंने कहा बिजली और गैस की तुलना में कोयले से मिलने वाली ऊर्जा सस्ती होगी.किसानों को नरवाई को जलाने से मुक्ति मिलेगी.किसान आर्थिक रूप से मज़बूत होंगे.अभी फिलहाल होशंगाबाद में इसकी शुरुआत है.अगर रिजल्ट अच्छा रहा तो धीरे-धीरे इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा.

ये थी समस्या
प्रदेश में खेतिहर मजदूर न मिलने की वजह से ज़्यादातर किसान हार्वेस्टर से गेहूं कटाई कराने लगे हैं. इसमें गेहूं की बाली तक तो कटाई हो जाती पर नरवाई रह जाती है. इसे साफ कराने के लिए किसान ट्रैक्टर से जुताई कराते हैं या आग लगा देते हैं. प्रदेश में खेतों में आग लगाने का चलन तेजी से बढ़ा है.इससे प्रदूषण ज्यादा होता है.
पंजाब-हरियाणा में नरवाई जलायी जाती है तो दिल्ली में प्रदूषण फैल जाता है.इसकी गूंज पूरे देश में सुनाई देती थी.मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. नरवाई जलाने पर रोक लगायी गयी.तमाम उपाय सरकार ने किए.अब वही नरवाई मध्य प्रदेश के किसानों के लिए वरदान बनने जा रही है.फसल कटने के बाद बचे इस कचरे से मध्य प्रदेश में कोयला बनाया जाएगा.इसके लिए सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट होशंगाबाद में शुरू कर दिया है.
होशंगाबाद से शुरुआत
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि प्रदेश सरकार खेती-किसानी को लाभ का धंधा बनाने के लिये कृत-संकल्पित है.इसके लिये सभी आवश्यक उपाय और व्यवस्था की जाएगी.उन्होंने कहा नरवाई से प्रदेश में कोयला बनाया जाएगा.इसका पायलेट प्रोजेक्ट होशंगाबाद में शुरू किया गया है.कमल पटेल ने इस संबंध में मंत्रालय में बैठक कर अधिकारियों को निर्देश दिये.किसानों का होगा आर्थिक फायदा
ये थी समस्या
प्रदेश में खेतिहर मजदूर न मिलने की वजह से ज़्यादातर किसान हार्वेस्टर से गेहूं कटाई कराने लगे हैं. इसमें गेहूं की बाली तक तो कटाई हो जाती पर नरवाई रह जाती है. इसे साफ कराने के लिए किसान ट्रैक्टर से जुताई कराते हैं या आग लगा देते हैं. प्रदेश में खेतों में आग लगाने का चलन तेजी से बढ़ा है.इससे प्रदूषण ज्यादा होता है.