Bhopal: सिंधिया की बंगला स्टोरी, कमलनाथ चक्कर कटवाते रहे महीनों, BJP ने चुटकी में दे दिया

कमलनाथ सरकार ने सिंधिया को बंगले के लिए परेशान किया. (फाइल फोटो)
सिंधिया पिछले कुछ सालों से भोपाल में अपनी सक्रियता बढ़ाने के लिए बंगला चाह रहे थे. लेकिन कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को लगता था कि अगर सिंधिया को कोई ठिकाना मिल गया तो सरकार पर उनका दबाव बढ़ जाएगा.
- News18Hindi
- Last Updated: January 22, 2021, 9:36 PM IST
भोपाल. राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को सरकार ने बंगला श्यामला हिल्स B-5 अलॉट कर दिया है. यह बात राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण और रोचक है. वो इसलिए, क्योंकि एक तो राज्यसभा सांसद को राजधानी में कोई बंगला करीब 18 साल बाद मिला है, दूसरा, ये उन्हें भाजपा सरकार में महज 48 घंटों के अंदर मिल गया. जबकि, कमलनाथ सरकार महज एक बंगले को लेकर सिंधिया को महीनों यहां से वहां घुमाती रही.
गौरतलब है कि सिंधिया पिछले कुछ सालों से भोपाल में अपनी सक्रियता बढ़ाने के लिए बंगला चाह रहे थे. लेकिन कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को लगता था कि अगर सिंधिया को कोई ठिकाना मिल गया तो सरकार पर उनका दबाव बढ़ जाएगा. और ये बात इन नेताओं को किसी कीमत पर मंजूर नहीं थी.
कमलनाथ सरकार चुटकियों में दे सकती थी बंगलासूत्रों के मुताबिक, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ये कभी नहीं चाहते थे कि सिंधिया को भोपाल में कोई बंगला दिया जाए. जबकि, अगर वे चाहते तो सिंधिया के लिए बंगला एक हफ्ते में तैयार हो सकता था. लेकिन, कमलनाथ की ये मंशा कभी रही ही नहीं.
ऐसे करते रहे सिंधिया को परेशान
सूत्र बताते हैं कि गृह विभाग को हिंट दे दी गई थी कि सिंधिया को बंगला नहीं देना है. सिंधिया ने कमलनाथ सरकार आते ही चार इमली स्थित उस बंगले के लिए आवेदन किया था, जो गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह को अलॉट था. कमलनाथ ने इस आवेदन को गृह विभाग को भेज दिया. इस बात की जानकारी जैसे ही भूपेंद्र सिंह को लगी तो उन्होंने पहले ही लिख दिया कि वे यह बंगला अप्रैल 2020 तक खाली नहीं कर सकते. इस तरह ये बंगला सिंधिया के हाथ से निकल गया.
सिंधिया ने जो बंगला देखा वो नकुलनाथ को अलॉट कर दिया गया
सिंधिया जब परेशान हुए और चक्कर काटे तो गृह विभाग ने उनसे कहा कि वे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का लिंक रोड नंबर 1 वाला बंगला ले लें. सिंधिया इस बंगले के लिए तैयार भी हो गए थे, लेकिन शिवराज ने आखिरी तक ये बंगला खाली नहीं किया और इस बीच गृह विभाग ने ये बंगला सांसद नकुलनाथ को अलॉट कर दिया. इस तरह ये बंगला भी सिंधिया के हाथ से निकल गया.
गौरतलब है कि सिंधिया पिछले कुछ सालों से भोपाल में अपनी सक्रियता बढ़ाने के लिए बंगला चाह रहे थे. लेकिन कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को लगता था कि अगर सिंधिया को कोई ठिकाना मिल गया तो सरकार पर उनका दबाव बढ़ जाएगा. और ये बात इन नेताओं को किसी कीमत पर मंजूर नहीं थी.
कमलनाथ सरकार चुटकियों में दे सकती थी बंगलासूत्रों के मुताबिक, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ये कभी नहीं चाहते थे कि सिंधिया को भोपाल में कोई बंगला दिया जाए. जबकि, अगर वे चाहते तो सिंधिया के लिए बंगला एक हफ्ते में तैयार हो सकता था. लेकिन, कमलनाथ की ये मंशा कभी रही ही नहीं.
ऐसे करते रहे सिंधिया को परेशान
सूत्र बताते हैं कि गृह विभाग को हिंट दे दी गई थी कि सिंधिया को बंगला नहीं देना है. सिंधिया ने कमलनाथ सरकार आते ही चार इमली स्थित उस बंगले के लिए आवेदन किया था, जो गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह को अलॉट था. कमलनाथ ने इस आवेदन को गृह विभाग को भेज दिया. इस बात की जानकारी जैसे ही भूपेंद्र सिंह को लगी तो उन्होंने पहले ही लिख दिया कि वे यह बंगला अप्रैल 2020 तक खाली नहीं कर सकते. इस तरह ये बंगला सिंधिया के हाथ से निकल गया.
सिंधिया ने जो बंगला देखा वो नकुलनाथ को अलॉट कर दिया गया
सिंधिया जब परेशान हुए और चक्कर काटे तो गृह विभाग ने उनसे कहा कि वे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का लिंक रोड नंबर 1 वाला बंगला ले लें. सिंधिया इस बंगले के लिए तैयार भी हो गए थे, लेकिन शिवराज ने आखिरी तक ये बंगला खाली नहीं किया और इस बीच गृह विभाग ने ये बंगला सांसद नकुलनाथ को अलॉट कर दिया. इस तरह ये बंगला भी सिंधिया के हाथ से निकल गया.