भोपाल. मध्य प्रदेश में GST के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा किया जा रहा था. वाणिज्यिक कर विभाग ने 315 करोड़ का घोटाला पकड़ा है. जाली फर्मों के नाम पर बिलों का भुगतान किया जा रहा था. विभाग ने कार्रवाई कर बोगस फर्मों की पूरी सप्लाई चेन को पकड़ा है.
एमपी में वाणिज्य कर विभाग ने बड़ी कार्रवाई कर बड़ा घोटाला पकड़ा. फर्जी बिल जारी कर दूसरी फर्मों को आईटीसी पासऑन करने वाले बोगस संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है. विभाग ने बोगस फर्मों की सप्लाई चेन पकड़ी है. इन फर्मों के जरिए करोड़ों रुपए का बोगस टर्न ओवर किया जा रहा था. ज्यादातर फर्म अस्तित्व में ही नहीं थीं. इंदौर नीमच सहित कई फर्मों के ठिकानों पर छापे मारे गए.
ऐसे पकड़ में आयी गड़बड़ी
आज की इस कार्रवाई में 315 करोड़ रुपये का जीएसटी फर्जीवाड़ा पकड़ा गया. विभाग ने डाटा एनालिसिस के दौरान पाया कि कुछ फर्म नये रजिस्ट्रेशन लेकर कम समय में ही बड़ा टर्नओवर कर रही थीं. आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स, जीओ टेगिंग और व्यवसाय स्थलों के शुरुआती जांच के दौरान ये गड़बड़ी पकड़ में आयी. उसके बाद विभाग की टीमों ने इंदौर सहित नीमच में एक साथ कई फर्मों के ठिकानों पर छापा मारा. छापे की कार्रवाई के दौरान कई फर्म बोगस पायी गयीं. यानि फर्म हैं ही नहीं सिर्फ कागजों पर उनके नाम दर्ज हैं. इन बोगस कंपनियों ने रिटर्न में डीओसी की 315 करोड़ की सप्लाई दिखाकर 15 करोड़ रुपये का बोगस आईटीसी का लाभ अन्य फर्मों को दिया.
मृत व्यक्ति के जाली हस्ताक्षर
बोगस फर्मों में श्रीनाथ सोया एक्सिम कॉर्पोरेट, श्री वैभव लक्ष्मी इंडस्ट्रीज, अग्रवाल ऑर्गेनिक – अग्रवाल ओवरसीज, जे.एस भाटिया इंटरप्राईजेस शामिल हैं. इन फर्मों के बताए पते पर जब टीम पहुंची तो वहां किसी भी तरह की व्यावसायिक गतिविधियां होती नहीं मिलीं. यानि फर्म है ही नहीं और उसके नाम पर सारा लेन देन किया जा रहा था. इनमें से मेसर्स श्रीनाथ सोया एक्सिम कॉपोरेट फर्म एक ऑटो चालक सचिन पटेरिया के नाम पर थी. रजिस्ट्रेशन कराने के लिए एप्लिकेशन के साथ जाली किरायानामा लगाया गया था. उस मकान के मालिक की कई साल पहले मौत हो चुकी है. किराये नामे पर मृत व्यक्ति के फर्जी हस्ताक्षर थे. इसी तरह मेसर्स श्री वैभव लक्ष्मी इंडस्ट्रीज का प्रोपराइटर अजय परमार व्यवसाय स्थल पर नहीं पाया गया. फर्म के रजिस्ट्रेशन के लिए भी फर्जी किरायानामा लगाया गया. किरायेनामे में जो व्यवसाय स्थल दर्ज था उसके मालिक ने कहा मैंने किसी फर्म को किराये पर नहीं दिया है. इसी तरह अग्रवाल ऑर्गेनिक एवं अग्रवाल ओवरसीज अस्तित्वहीन पाई गयी. इन बोगस फर्मों के खिलाफ विभाग कार्रवाई कर रहा है.
करोड़ों का बोगस टर्नओवर
एंटी इवेजन ब्यूरो इंदौर-ए के संयुक्त आयुक्त मनोज चौबे ने बताया कि विभाग की इस कार्रवाई से करोड़ों रुपये के बोगस टर्नओवर का पता लगा है. सहायक आयुक्त हरीश जैन ने बताया कि विभाग ने डाटा एनालिसिस और हयूमन इंटेलिजेंस के आधार पर ऐसी और भी कई फर्जी फर्मों का पता लगाया है. उन सभी फर्मों पर कार्रवाई की जा रही है.
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